चंबा: हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के मामले सामने आने के बाद सरकार लगातार कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास कर रही है. कर्फ्यू और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के बाद हिमाचल में काफी हद तक मामलों को कम करने में कामयाब हुई है, लेकिन बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के कारण मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है.
हालांकि बाहरी राज्यों से आए लोगों की चेकिंग के दौरान उन्हें होम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोग होम क्वारंटाइन का सही तरीके से पालन कर रहे हैं. चंबा जिला के सलूणी उपमंडल के अंतर्गत आने वाले ऐरवा गांव के निवासी रविंद्र कुमार दिल्ली में एक नामी कंपनी में काम करते हैं.
दिल्ली में लॉकडाउन के चलते व्यक्ति 40 दिनों का क्वारंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद अपने घर हिमाचल आया, लेकिन युवक अपने घर नहीं गया. युवक पिछले पांच दिनों से अपने घर से 400 मीटर की दूरी पर एक स्कूल में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रह रहा है.
परिवार के लोगों के मिलने आने पर युवक उनसे 100 मीटर की दूरी बनाकर बात करता है, जिससे परिवार के सदस्यों को कोई परेशानी न हो. जिला में चारों तरफ युवक के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं. सलूणी प्रशासन की ओर से भी युवक की काफी तारीफ की जा चुकी है.
वहीं, रविंद्र कुमार का कहना है वह दिल्ली में 40 दिनों का क्वारंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद अपने घर के लिए रवाना हुए थे. उन्होंने कहा कि अपने परिवार, समाज और आसपास के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रहने का फैसला लिया और क्वारंटाइन सेंटर में रहकर वह ऑनलाइन काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले सभी लोगों को अपने परिवार की सुरक्षा को देखते हुए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचने का एकमात्र तरीका सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई है.
एसडीएम सलूणी विजय कुमार धीमान का कहना है कि उन्हें सूचना मिली है कि दिल्ली से आया एक युवक अपने घर जाने की बजाय एक स्कूल में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रह रहा है. उन्होंने कहा कि यह युवक घर भी जा सकता था, लेकिन युवक ने परिवार और समाज को सुरक्षित रखने का फैसला किया है.