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चंबा में विश्वकर्मा जयंती की धूम, रावी में मूर्ति विसर्जन के साथ हुआ संपन्न

रावी नदी के किनारे भजनों पर झूमते वर्करों ने मूर्ति के साथ शोभा यात्रा निकाली. इसके बाद जब्बल गांव में स्थित क्रशर प्लांट साइट पर मूर्ति का नदी में विसर्जन किया गया.

Chamba Vishwakarma Puja
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Published : Sep 18, 2019, 11:09 PM IST

चंबा: जिला चंबा में बजौरा-होली प्रोजेक्ट की साइट पर विश्वकर्मा जयंती पर दो दिनों तक चला आयोजन बुधवार को संपन्न हो गया है. इस अवसर पर रावी नदी के किनारे भजनों पर झूमते कामगार भक्तों ने मूर्ति के साथ शोभा यात्रा निकाली. इसके बाद जब्बल गांव में स्थित क्रशर प्लांट साइट पर मूर्ति का नदी में विसर्जन किया गया.

बजौरा-होली प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य कर रही जीएमआर और गैमन की विभिन्न साईटस पर मंगलवार को विश्वकर्मा पूजा शुरू हुई थी. इस दौरान इन कार्यस्थलों पर पूजा के साथ-साथ हवन यज्ञ का भी आयोजन हुआ. वहीं, बुधवार को कंपनी प्रबंधन की ओर से विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में अवकाश घोषित कर रखा था. विश्वकर्मा जयंती पर प्रोजेक्ट की विभिन्न साईट्स पर कार्यक्रम आयोजित हुए. साथ ही वहीं भंडारों का आयोजन भी किया गया.

बता दें कि भगवान विश्वकर्मा को विश्व का निर्माता और देवताओं का वास्तुकार माना गया है. यह पर्व संक्राति के दिन मनाया जाता है. माना जाता है भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था.

कहा जाता है कि सृष्टि की रचना में विश्वकर्मा ने भगवान ब्रहाा की सहायता की थी. विश्वकर्मा को दुनिया का पहला शिल्पकार माना जाता है. खासकर इंजीनियरिंग काम में लगे लोग विश्वकर्मा को अपना अराध्य मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं.

वीडियो

ये भी पढ़ें: जनता ने सड़क पर सीएम को दिखाया 'आइना', NH की खराब हालत पर बने मजेदार मीमस

चंबा: जिला चंबा में बजौरा-होली प्रोजेक्ट की साइट पर विश्वकर्मा जयंती पर दो दिनों तक चला आयोजन बुधवार को संपन्न हो गया है. इस अवसर पर रावी नदी के किनारे भजनों पर झूमते कामगार भक्तों ने मूर्ति के साथ शोभा यात्रा निकाली. इसके बाद जब्बल गांव में स्थित क्रशर प्लांट साइट पर मूर्ति का नदी में विसर्जन किया गया.

बजौरा-होली प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य कर रही जीएमआर और गैमन की विभिन्न साईटस पर मंगलवार को विश्वकर्मा पूजा शुरू हुई थी. इस दौरान इन कार्यस्थलों पर पूजा के साथ-साथ हवन यज्ञ का भी आयोजन हुआ. वहीं, बुधवार को कंपनी प्रबंधन की ओर से विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में अवकाश घोषित कर रखा था. विश्वकर्मा जयंती पर प्रोजेक्ट की विभिन्न साईट्स पर कार्यक्रम आयोजित हुए. साथ ही वहीं भंडारों का आयोजन भी किया गया.

बता दें कि भगवान विश्वकर्मा को विश्व का निर्माता और देवताओं का वास्तुकार माना गया है. यह पर्व संक्राति के दिन मनाया जाता है. माना जाता है भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था.

कहा जाता है कि सृष्टि की रचना में विश्वकर्मा ने भगवान ब्रहाा की सहायता की थी. विश्वकर्मा को दुनिया का पहला शिल्पकार माना जाता है. खासकर इंजीनियरिंग काम में लगे लोग विश्वकर्मा को अपना अराध्य मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं.

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Intro:अजय शर्मा, चंबा
जिले भर औद्योगिक क्षेत्र, पाॅवर प्रोजेक्ट और छोटे लघु उद्योगों में विश्वकर्मा पूजा की धूम रही है। मंगलवार को कार्यस्थलों पर पूजा व हवन यज्ञ के साथ आरंभ हुआ आयोजन बुधवार को मूर्ति विसर्जन के साथ संपन्न भी
हो गया। इस दौरान रावी नदी के किनारे तक भजनों पर झूमते वर्करों ने मूर्ति के साथ शोभा यात्रा भी निकाली और बाद में इसका विसर्जन किया। लिहाजा विश्वकर्मा जयंती पर दो दिनों तक चला आयोजन भी बुधवार को संपन्न हो गया है।

Body:जानकारी के अनुसार बजोली-होली प्रोजेक्ट का
निर्माण कार्य कर रही जीएमआर और गैमन की विभिन्न साईटस पर मंगलवार को विश्वकर्मा पूजा आरंभ हुई थी। इस दौरान इन कार्यस्थलों पर पूजा के साथ-साथ हवन यज्ञ का भी आयोजन हुआ। वहीं बुधवार को कंपनी प्रबंधन की ओर से विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में अवकाश घोषित कर रखा था। लिहाजा इसके
बाद भी प्रोजेक्ट की विभिन्न साईटस पर कार्यक्रम आयोजित हुए, वहीं भंडारों का भी आयोजन बुधवार को भी हुआ। लिहाजा शाम के वक्त प्रोजेकटस की
विभिन्न साईटस से भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियों के साथ शोभा यात्रा निकाली गई और बाद में जब्बल गांव स्थित क्रशर प्लाॅंट साईट पर रावी नदी के किनारे मूर्तियों का विसर्जन किया गया। Conclusion:बता दें कि भगवान विश्वकर्मा को विश्व का निर्माता तथा देवताओं का वास्तुकार माना गया है। वहीं 17 सिंतबर को भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था और यह पर्व संक्राति के दिन मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था। कहा जाता है कि सृष्टि की रचना में भगवान ब्रहाा की सहायता की थी। उन्हें दुनिया का पहला
शिल्पकार माना जाता है। खासकर इंजीनियरिंग काम में लगे उन्हें अपना अराध्य मानते है और उनकी पूजा करते है।
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