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डिग्री कॉलेज भलेई में स्टाफ देना भूल गई सरकार, सिर्फ दो टीचर्स पर पूरे कॉलेज का जिम्मा

जिला चंबा के डिग्री कॉलेज भलेई में सरकार की तरफ से छात्रों के भविष्य की अनदेखी की जा रही है. ढाई साल पहले खुले डिग्री कॉलेज में सिर्फ दो प्रोफेसर के भरोसे ही पढ़ाई चल रही है.

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Published : Oct 1, 2019, 8:01 PM IST

डिग्री कॉलेज भलेई में स्टाफ की कमी

चंबा: प्रदेश में सरकार के बेहतर शिक्षा के दावे हवा साबित हो रहे हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण चंबा में देखने को मिल रहा है. डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के डिग्री कॉलेज भलेई को अभी तक अपना भवन नसीब नहीं हुआ है.

बता दें कि ढाई साल पहले शुरु किए गए इस कॉलेज में सिर्फ दो प्रोफेसर ही सेवाएं दे रहें है. कॉलेज में अर्थशास्त्र, राजनीती शास्त्र समेत कई महत्वपूर्ण विषयों के पद खाली हैं. कॉलेज में सेवाएं दे रहे सिर्फ दो प्रोफेसर के पर ही बीए के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

वीडियो

कॉलेज में छात्र छात्राओं की संख्या 105 है, ऐसे में पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य पर संकट के बादल हैं. कई बार कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने सरकार से अपनी मांगें मनवाने का प्रयास किया, लेकिन सरकार छात्रों की मांगों को अनसुना कर रही है.

छात्राओं का कहना है कि कॉलेज परिसर में स्टाफ की कमी और भवन नहीं होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. कॉलेज छात्राओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द कॉलेज के खाली पदों को भरा जाए, जिससे उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न हो.

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अनिल आजाद का कहना है कि ढाई साल पहले इस कॉलेज को खोला गया था, लेकिन स्टाफ की कमी और भवन नहीं होने से छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. प्रिंसिपल ने सरकार से मांग करते है कहा है कि जल्द कॉलेज में स्टाफ की कमी को पूरा करने के साथ-साथ भवन निर्माण के लिए जगह का चयन कर काम शुरू किया जाए.

मामले को लेकर सलूणी के एसडीएम विजय धीमान का कहना है कि कॉलेज निर्माण के बारे में सरकार को अवगत करवाया गया है. भवन के निर्माण कार्य के लिए भूमि का चयन भी किया जा चुका है. आगे की कार्रवाई सरकार के आदेश आने के बाद ही शुरु की जाएगी.

चंबा: प्रदेश में सरकार के बेहतर शिक्षा के दावे हवा साबित हो रहे हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण चंबा में देखने को मिल रहा है. डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के डिग्री कॉलेज भलेई को अभी तक अपना भवन नसीब नहीं हुआ है.

बता दें कि ढाई साल पहले शुरु किए गए इस कॉलेज में सिर्फ दो प्रोफेसर ही सेवाएं दे रहें है. कॉलेज में अर्थशास्त्र, राजनीती शास्त्र समेत कई महत्वपूर्ण विषयों के पद खाली हैं. कॉलेज में सेवाएं दे रहे सिर्फ दो प्रोफेसर के पर ही बीए के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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कॉलेज में छात्र छात्राओं की संख्या 105 है, ऐसे में पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य पर संकट के बादल हैं. कई बार कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने सरकार से अपनी मांगें मनवाने का प्रयास किया, लेकिन सरकार छात्रों की मांगों को अनसुना कर रही है.

छात्राओं का कहना है कि कॉलेज परिसर में स्टाफ की कमी और भवन नहीं होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. कॉलेज छात्राओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द कॉलेज के खाली पदों को भरा जाए, जिससे उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न हो.

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अनिल आजाद का कहना है कि ढाई साल पहले इस कॉलेज को खोला गया था, लेकिन स्टाफ की कमी और भवन नहीं होने से छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. प्रिंसिपल ने सरकार से मांग करते है कहा है कि जल्द कॉलेज में स्टाफ की कमी को पूरा करने के साथ-साथ भवन निर्माण के लिए जगह का चयन कर काम शुरू किया जाए.

मामले को लेकर सलूणी के एसडीएम विजय धीमान का कहना है कि कॉलेज निर्माण के बारे में सरकार को अवगत करवाया गया है. भवन के निर्माण कार्य के लिए भूमि का चयन भी किया जा चुका है. आगे की कार्रवाई सरकार के आदेश आने के बाद ही शुरु की जाएगी.

Intro:ढाई साल पहले खुले डिग्री कॉलेज भलेई में स्टाफ देना भूली सरकार ,कॉलेज छात्र छात्राओं के सपने हो रहे चकनाचूर ,सरकार बनी लापरवाह ,

स्पेशल रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा को लेकर हमेशा धिन्डोरा पीटती रहती है ,और अपनी पीठ थपथपाने का काम करती रहती है ,लेकिन सरकार के दावों की हवा चंबा में निकलती नजर आ रही है ,चंबा जिला के डलहौजी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राजकीय महाविद्यालय भलेई को ढाई साल पहले जून 2017 में बीरभद्र सरकार ने खोला था ,जिसके बाद बड़ी मुश्किल से यहाँ बच्चों ने प्रवेश लिया और पढ़ाई करने के सपने देखने लगे लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते बच्चों का भविष्य अन्धकार में डूबता जा रहा है ,इस कॉलेज को ना तो अपना भवन नसीब हुआ और ना ही स्टाफ की कमी पूरी हुई ,कॉलेज में मात्र दो प्रोफ़ेसर ही सेवाएं दे रहे है जबकि विद्यालय में अर्थशास्त्र राजनीती शास्त्र और भाषा जैसे महत्वपूरण विषयों को पढ़ाई नहीं हो पा रही है ,इन दो अध्यापक को ही यहाँ से बीए करने वाले छात्र छात्राओं को पढ़ाना पड़ता है आपको बताते चले की उक्त विद्यालय में छात्र छात्राओं की संख्या 105 है ऐसे में इन्हें भवन के अधूरे पन से भी दो चार होना पड़ता है ,ढाई साल में कई बार उक्त कॉलेज के छात्र छात्राओं ने सरकार से अपनी मांगे मंगवाने का प्रयास किया लेकिन कोई असर नहीं हुआ ,अब हारे थके बचे अपनी दिन बिता रहे है ,Body:वहीँ दूसरी और कॉलेज के चारा छात्राओं का कहना है की हमारे कॉलेज में स्टाफ की कमी और भवन नहीं होने से हमें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है जिसके चलते हमरी पढ़ाई प्रभावित हो रही है ,हम सरकार से मांग करते है की जल्द हमारे कॉलेज के अधूरे पदों को भरा जाए ताकि हम आसानी से पढ़ाई कर सके ,Conclusion:वहीँ दूसरी और कॉलेज के प्रधान्चार्य डॉ अनिल आजाद का कहना है की पिछले ढाई साल पहले इस कॉलेज को खोला गया था लेकिन स्टाफ की कमी के चलते और भवन नहीं होने से काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है हम सरकार से मांग करते है की जल्द हमारे कॉलेज में स्टाफ की कमी और भवन निर्माण के लिए भवन के लिए जगह का चयन करके काम शुरू किया जाए ,

वहीँ दूसरी और सलूणी के एसडीएम विजय धीमान का कहना है की इसके बारे में सरकार को अवगत करवा दिया है जहाँ सबाल भवन का निर्माण का है इसके लिए भूमि का चयन भी हो गया है ,बाकी सरकार के जैसे आदेश होंगे आगे की कार्यवाही की जाएगी
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