चंबा: देश में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. संक्रमित मरीजों की संख्या 67 हजार पार हो गई है. कोरोना संक्रमण से करीब 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन किया है.
वहीं, एहतियात के तौर पर प्रदेश सरकार ने हिमाचल में कर्फ्यू लगाया है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि लॉकडाउन के बीच पवित्र महीना रमजान चल रहा है. सरकार की ओर से घरों में रहकर ही नमाज पढ़ने की अपील के साथ-साथ इफ्तार पार्टी में लोगों को न बुलाने की हिदायत दी गई है.
बेशक कोरोना की वजह से रोजेदारों पर बंदिशें लग गई हो, लेकिन उनकी इबादत में कोई कमी नहीं आई है. जिला चंबा में मुस्लिम समुदाय के लोग घरों में ही पांच टाइम नमाज अदा करने के साथ-साथ रमजान की जरूरी रस्म को पूरा कर रहे हैं. रमजान का पाक महीना जहां एक तरफ अपने जहन और दिल पर काबू करना सिखाता है, वहीं दूसरी तरफ इबादत करने की तालीम देता है.
रमजान के पाक महीने में मुस्लिम समुदाय एक महीने तक रोजे रखते हैं. रोजे के दौरान रोजेदार न ही कुछ खाते हैं और न ही कुछ पीते हैं. रमजान में सूरज के निकलने से पहले सुबह-सुबह सहरी करते हैं और सूरज के अस्त होने पर अपना रोजा इफ्तार के साथ खोलते हैं.
चंबा जिला में बाजार और मस्जिद के बंद होने से रोजेदारों को बेशक मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके लॉकडाउन के दौरान भी मुस्लिम समाज के लोग रमजान एहत्राम के साथ मना रहे हैं. पाक रमजान के महीने में मुस्लिम समाज खूब इबादत करते हैं और गरीबों की सहायता भी इस महीने की जाती है. हालांकि लॉकडाउन के चलते इस बार मस्जिदों में नमाज अदा नहीं की जा रही है, लेकिन मुस्लिम समाज के लोग घरों में ही पांच वक्त नमाज अदा कर रहे हैं. इसके अलावा तराबी और पवित्र ग्रंथ कुरान की तिलावत अपने घर में रहकर कर रहे हैं.
चंबा जिला के मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि इस पवित्र महीने में कोरोना महामारी ने हमारे प्रदेश और देश में कोहराम मचा रखा है, जिसके चलते इस बार वो रमजान अपने घरों में रहकर मना रहे हैं. नमाज तराबी और कुरान की इबादत अपने घरों में रहकर कर रहे हैं.
सरकारी निर्देशों का पूरा पालन कर रमजान मनाई जा रही है. हम अपने खुदा से यही दुआ कर रहे हैं कि हमारे जिला, प्रदेश और देश से इस महामारी का नाश हो जाए और जल्दी हमारा देश विकास की राह पर आगे बढ़े.