चंबा: डलहौजी उपमंडल के लोगों ने भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष विक्रम सिंह जरयाल व हिमाचल प्रदेश युथ एवम स्पोर्ट्स बोर्ड के सदस्यों की अगुआई में तहसीलदार डलहौजी के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में नोंगो ने उपमंडल पुलिस कार्यालय डलहौजी को भटियात में स्थानांतरित ना करने के लिए मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र सौंपा है.
इस मांग पत्र में उन्होंने कहा कि डलहौजी का विश्व मानचित्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है. अंग्रेजों ने 1854 में इस क्षेत्र को बसाया व विकसित किया और वायसराय लॉर्ड डलहौजी के नाम पर इसका नाम डलहौजी रखा गया था. लेकिन वर्तमान में लोक निर्माण विभाग, आईपीएच डिविजन सहित उपमंडल पुलिस कार्यालय को यहां से चुवाड़ी में स्थानांतरित करने की मांग कथित तौर पर उठ रही है. उन्होंने कहा कि अगर इन कार्यालयों को यहां से स्थानांतरित किया जाता है तो डलहौजी सहित इलाके की अन्य पंचायतों के 50 हजार लोग भी प्रभावित होंगे
ज़िला उपाध्यक्ष विक्रम सिंह जरयाल का कहना है कि डलहौज़ी एक विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है. देश और विदेश से हर वर्ष करोड़ों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं और इसके साथ साथ अतिविशिष्ट आतिथियों का आना जाना भी यहां लगा रहता है.
जिस कारण उपमंडल पुलिस कार्यालय डलहौजी का होना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि भटियात के लोगों की मांग को देखते हुए डलहौजी में अलग से उपमंडल पुलिस कार्यालय खोला जाना चाहिए ना कि डलहौज़ी के उपमंडल पुलिस कार्यालय को यहां से स्थानांतरित किया जाना चाहिए. वहीँ पूर्व ग्राम पंचायत टप्पर के प्रधान रमेश कुमार ने मांग की है कि उपमंडल डलहौज़ी के किसी भी कार्यालय से छेड़छाड़ न की जाए.
वहीं तहसीलदार राजेश कुमार जरयाल ने कहा कि लोगों ने उपमंडल पुलिस कार्यालय डलहौज़ी को भटियात में स्थानातरित ना करने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री को भेजने के लिए एक मांगपत्र सौंपा है और उसे जल्द ही मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया जाएगा.
बता दें कि 2012 में भाजपा सरकार को एसडीएम ऑफिस डलहौजी को सलूणी में शिफ्ट करने पर भी जनता के विरोध का काफी सामना करना पड़ा था. लोग सड़कों पर उतर आए थे और एसडीएम ऑफिस डलहौजी को सलूणी शिफ्ट करने के बजाय, भाजपा सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था.
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करीब एक महीने के बाद-विवाद के बाद सलूणी में शिफ्ट किए गए एसडीएम ऑफिस को फिर से डलहौजी खोलना पड़ा था. 2013 में कांग्रेस शासन के दौरान सलूणी में एक नया एसडीएम ऑफिस खोला गया था. लोक निर्माण विभाग व आइपीएच डिवीजनों के मामले में भी अब 2012 जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगी है.