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मेडिकल कॉलेज चंबा में आउटसोर्स कर्मियों को नहीं मिला 3 माह से वेतन, स्वास्थ्य मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल

मेडिकल कॉलेज चंबा के आउटसोर्स कर्मचारियों को 3 माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. वेतन न मिलने के कारण कर्मियों में विभाग के प्रति रोष है.

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Published : Feb 2, 2019, 10:03 AM IST

चंबाः मेडिकल कॉलेज चंबा के आउटसोर्स कर्मचारियों को 3 माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. वेतन न मिलने के कारण कर्मियों में विभाग के प्रति रोष है.

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इस बारे प्रतिनिधिमंडल चंबा में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से मिला व अपनी समस्या से अवगत करवाया. कर्मियों का कहना है कि 3 माह से वेतन न मिलने के कारण उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर किराये के मकानों में रह रहे हैं, जिसका अब तक किराया तक नहीं चुका पाए हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से ऐेसे स्टाफ मेंबर हैं जो दूर दराज के इलाकों से आते हैं. वहीं अब कर्मियों के पास खर्चे के लिए भी पैसे नहीं है.

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आउटसोर्स कर्मियों ने कहा कि पिछली बार जब स्वास्थय मंत्री का दौरा हुआ था तो उस समय उन्हें तीन महीनों का वेतन दिया गया था, लेकिन इस बार फिर से 3 माह का वेतन लटका दिया गया है. इस बार स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान उन्हें अवगत करवाया गया है. कर्मियों का कहना है कि वेतन न मिलने की सबसे बड़ी खामियां मेडिकल कॉलेज प्रशासन की है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार व कॉलेज प्रशासन जल्द कर्मियों के वेतन का भुगतान नहीं करता है तो मजबूरन धरना प्रर्दशन पर उतरना पड़ेगा.

वहीं स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि भाजपा सरकार ऐसे ही लोगों की जेब में पैसे नहीं डाल देती है, इन्हें वेतन क्यों नहीं मिल रहा है उसकी जानकारी ली जाएगी और किसी के भी हक को हम छीनना नहीं चाहते हैं. उन्होंने बताया कि बहुत से मामलों में यहां छानबीन की जा रही है और प्रदेश सरकार द्वारा उस छानबीन को अंतिम प्रक्रिया तक ले जाने के लिए फैसले भी किए हैं.

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चंबाः मेडिकल कॉलेज चंबा के आउटसोर्स कर्मचारियों को 3 माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. वेतन न मिलने के कारण कर्मियों में विभाग के प्रति रोष है.

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इस बारे प्रतिनिधिमंडल चंबा में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से मिला व अपनी समस्या से अवगत करवाया. कर्मियों का कहना है कि 3 माह से वेतन न मिलने के कारण उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर किराये के मकानों में रह रहे हैं, जिसका अब तक किराया तक नहीं चुका पाए हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से ऐेसे स्टाफ मेंबर हैं जो दूर दराज के इलाकों से आते हैं. वहीं अब कर्मियों के पास खर्चे के लिए भी पैसे नहीं है.

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आउटसोर्स कर्मियों ने कहा कि पिछली बार जब स्वास्थय मंत्री का दौरा हुआ था तो उस समय उन्हें तीन महीनों का वेतन दिया गया था, लेकिन इस बार फिर से 3 माह का वेतन लटका दिया गया है. इस बार स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान उन्हें अवगत करवाया गया है. कर्मियों का कहना है कि वेतन न मिलने की सबसे बड़ी खामियां मेडिकल कॉलेज प्रशासन की है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार व कॉलेज प्रशासन जल्द कर्मियों के वेतन का भुगतान नहीं करता है तो मजबूरन धरना प्रर्दशन पर उतरना पड़ेगा.

वहीं स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि भाजपा सरकार ऐसे ही लोगों की जेब में पैसे नहीं डाल देती है, इन्हें वेतन क्यों नहीं मिल रहा है उसकी जानकारी ली जाएगी और किसी के भी हक को हम छीनना नहीं चाहते हैं. उन्होंने बताया कि बहुत से मामलों में यहां छानबीन की जा रही है और प्रदेश सरकार द्वारा उस छानबीन को अंतिम प्रक्रिया तक ले जाने के लिए फैसले भी किए हैं.

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तीन माह से नहीं मिला ऊटसोर्स कर्मचारियों को बेतन स्वास्थ्य मंत्री बिपिन परमार से मिले कर्मचारी ।

मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्स कर्मचारियों को 3 महीने से वेतन नहीं मिल पा रहा है जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ऐसे ही लोगो की जेब में पैसे नहीं डाल  देती है  इन्हें वेतन क्यों नहीं मिल रहा है उसकी जानकारी ली जाएगी और किसी के भी हक को हम छीनना  नहीं चाहते हैं और अगर किसी का हक है तो उन्हें दिया जाएगा।  उन्होंने बताया की बहुत से मामलों में  यहां छानबीन की जा रही हैं और प्रदेश सरकार द्वारा  उस छानबीन को अंतिम प्रक्रिया तक ले जाने के लिए फैसले भी किए हैं।  कॉलेज में टेंडर प्रक्रिया  के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया विभाग का कार्य और कहीं किसी जगह  नजर अंदाज किया जा रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। पिछले की आरसे से डायलिसिस मशीन  लगने के बाद भी उसे कार्य में नहीं लाया जा रहा है जब  इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मशीन इंस्टॉल कर दी गई है और जल्दी डॉक्टर मुहैया करवाया जायेगा और  लोगों को जल्द ही इसकी सुविधाएं दी जाएंगी। 

 उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में कमियां भी काफी है लेकिन उसके बावजूद  बढ़िया काम भी हो रहे हैं जब उनसे हॉस्पिटल से  डॉक्टर छोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी को अपना अधिकार है कि उन्हें अगर अच्छी सैलरी कहीं मिल रही है तो वहां जा सकता है।  स्वास्थ्य मंत्री से पूछा गया कि चंबा से 40 डॉक्टर छोड़ कर चले गए हैं उन्होंने कहा की उनसे किसी को काम छुड़ाया  नहीं है  इसी बात पर उन्होंने  पत्रकारों से कहा कि हॉस्पिटल की  कमियों के बारे में तो छापो  लेकिन जो यहां बढ़िया  कार्य हो रहे हैं उसके बारे में भी लोगों तक पहुंचाएं।  उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि  प्रदेश सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती  के लिए मंजूरी दे दी है। और आपकी  जानकारी के लिए बता दें कि असिस्टेंट प्रोफेसर ऐसे ही नहीं रख लिए जाते हैं उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए  10 साल लगते हैं और सरकार यह प्रक्रिया पूरा कर रही है और रेगुलर डॉक्टर यहां पर पॉइंट करेंगे। 
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