चंबा : नगर परिषद चंबा में सफाई कर्मचारियों ने उनकी सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध न होने और सफाई व्यवस्था का जिम्मा देख रहे ठेकेदारों की मनमानी पर सवाल खड़े किये हैं. सफाई कर्मचारियों की शिकायत पर श्रम विभाग ने नगर परिषद चंबा के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) को इस बाबत नोटिस जारी किया है.
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि पूरा महीना काम करने की एवज में उन्हें कम वेतनमान दिया गया है. इसके अलावा विभाग की रैंडम चैकिंग के दौरान काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के पास सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध भी नहीं किये गए. नतीजतन, श्रम विभाग ने नप चंबा के ईओ को नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा है. नगर परिषद के ईओ को ठेकेदारों संबंधी सभी रिकॉर्ड लेकर श्रम कार्यालय में मौजूद होना होगा. जवाब संतोषजनक न होने पर वर्तमान में माननीय न्यायालय में अवकाश होने की सूरत में इस संदर्भ में सफाई कर्मचारी आयोग में भी शिकायत की जा सकती है.
सफाई कर्मचारियों का बताया कि ठेकेदारों ने मार्च महीने की तनख्वाह के तौर पर कर्मचारियों के खातों में महज चार हजार रुपये डाले हैं. ठेकेदारों से इस बारे में पूछे जाने पर वह सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देने की धमकी भी देते हैं. ये शिकायत लेकर शुक्रवार को सफाई कर्मचारी श्रम अधिकारी के पास पहुंचें. कर्मचारियों ने बताया कि उनकी तनख्वाह उन्हें नकद मिलती थी. मगर मार्च महीने में उनकी तनख्वाह के तौर पर मिलने वाली राशि पीएफ काटकर 6500 के बजाय चार हजार रुपये बैंक खातों में पड़ी.
इसके बाद विभाग ने रैंडम चेकिंग के दौरान पाया गया कि कोविड-19 के दौरान सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा भी राम भरोसे ही है. उन्हें सेफ्टी शूज, सेफ्टी मास्क और सेफ्टी के लिए गल्बज भी नहीं मिले हैं. इसके अलावा डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित करने के बाद एकत्रित कूड़े को रखने और उठाने के लिए उनके पास कोई प्रबंध नहीं हैं. इसके तहत ही श्रम अधिकारी ने नगर परिषद चंबा के मुख्य न्योक्ता को श्रम ठेका अधिनियम 1970 की धारा 21 के तहत नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही मुख्य न्योक्ता को श्रम ठेका अधिनियम 1970 की धारा 21 की उपधारा चार के तहत उसकी जिम्मेवारी बनती है कि वह सफाई कर्मचारियों को उनकी पूरी तनख्वाह प्रदान करे.
श्रम अधिकारी अनुराग शर्मा ने सफाई कर्मचारियों की शिकायत के आधार पर नप चंबा के ईओ को नोटिस जारी करने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि दस दिनों के भीतर ईओ को ठेकेदारों के रिकॉर्ड सहित कार्यालय में उपस्थित होना होगा. जवाब संतोषजनक न मिलने पर वर्तमान समय में माननीय न्यायालय में अवकाश होने की सूरत में इस संदर्भ में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग में शिकायत की जाएगी. नप चंबा के कार्यकारी अधिकारी रोशन लाल ने बताया कि उन्हें इस बारे में नोटिस नहीं मिला है. अगर ऐसी बात है तो इसकी निष्पक्षता से जांच होगी.