चंबा: एचआरटीसी चंबा डिपो प्रबंधन ने लोगों की डिमांड को देखते हुए सोमवार को पचास से अधिक रूटों पर बसें भेजीं. रविवार को मात्र 31 रूटों पर भी बसें रवाना की गई थी. रूटों पर जाने वाली बसों में बैठने वाली कोई सवारी मौजूद नहीं थी. इसके चलते एचआरटीसी ने रूटों को क्लब करके आवश्यकतानुसार ही रूटों पर बसें रवाना की.
ऐसे में सोमवार को रूटों को बढ़ाये जाने से जहां लोगों को सहूलियत मिली तो वहीं, इससे घाटे से जूझ रहे एचआरटीसी प्रबंधन को भी कुछ अदद राहत मिलती दिखी. एचआरटीसी चंबा डिपो के आरएम सुभाष कुमार ने बताया कि सोमवार को चंबा से पचास से अधिक रूटों पर बसें भेजी गई हैं. आने वाले दिनों में रूटों पर बसों की क्या व्यवस्था रहती है. इसका फैसला सवारियों की संख्या में निर्भर करेगा.
उन्होंने कहा कि जिला में कोविड-19 को लेकर जारी किए गए दिशानिर्देशों की एचआरटीसी प्रबंधन द्वारा पूरी पालना की जा रही है. बस स्टैंड में बसों को पार्क होने से पहले सेनीटाइज किया जा रहा है तो वहीं, विभिन्न रूटों से वापस लौटने वाली गाड़ियों को सेनिटाइजर किया जाता है.
एचआरटीसी बसों में सफर करने के लिए पहुंचने वाली सवारियों ने एचआरटीसी प्रबंधन को काफी हद तक राहत ही प्रदान करने का काम किया है. यही कारण है कि सोमवार को पचास से अधिक रूटों पर एचआरटीसी की बसों को चलाया गया.
बता दें कि शुरूआत में चंबा में एचआरटीसी की ओर से 95 रूटों पर बस सेवाएं शुरू की गई, लेकिन सवारियों की कमी को देखते हुए एचआरटीसी ने धीरे-धीरे रूटों पर बसें कम कर दी. कई रूटों को क्लब किया गया था. रविवार तक एचआरटीसी ने साठ रूटों को बंद कर दिया था, लेकिन सोमवार को लोगों की डिमांड को देखते हुए एक बार फिर से रूटों पर बसों की संख्या बढ़ाई गई.
वहीं, सरकार के तय मानकों पर निजी बस ऑपरेटरों ने अपनी बसें चलाने से पहले ही मना कर दिया है. ऐसे में एचआरटीसी ही घाटे पर रूटों पर बसें भेज रही हैं.
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