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International Minjar Fair 2023: चंबा के एतिहासिक मिंजर मेले का राज्यपाल ने किया शुभारंभ

चंबा में अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले का शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया है. इस बार मेले का थीम 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान पर आधारित है. जो लोगों को जागरूक करेगा. पढ़ें पूरी खबर.. (International Minjar Fair) (Minjar Fair in Chamba)

Governor inaugurated Minjar fair in Chamba  Governor inaugurated Minjar fair in Chamba
चंबा के एतिहासिक मिंजर मेले का राज्यपाल ने किया शुभारंभ
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Published : Jul 23, 2023, 5:58 PM IST

चंबा: रविवार को भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित करने के साथ ही ऐतिहासिक एवं अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला विधिवत रुप से आरंभ हो गया. इस मौके पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. आराध्य भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित करने की रस्म अदा करने के साथ ही आठ दिवसीय अंतराष्ट्रीय मिंजर मेले का आगाज हो गया. इस दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुकला ने एतिहासिक चौगान में ध्वजारोहण की रस्म को अदा किया और प्रदेशवासियों को अंतराष्ट्रीय मिंजर मेले की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि मिंजर चंबा की कला एवं संस्कृति का एक अहम हिस्सा है. साथ ही चंबा की मिंजर विदेशों में भी प्रसिद्व है.

चंबा से मिंजर शोभायात्रा का आगाज: बता दें, रविवार को नगर परिषद कार्यालय चंबा से मिंजर शोभायात्रा का आगाज हुआ. वहीं, लक्ष्मीनारायण और बंसी गोपाल मंदिर में मिंजर अर्पित करने के बाद शोभा यात्रा यहां स्थित पिंक पेलेस पहुंची. जहां पर विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान मिर्जा परिवार के सदस्य एजाज मिर्जा ने पैलेस में स्थित भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित की. बाद में हरिराय मंदिर में मिंजर अर्पित करने के बाद शोभायात्रा का एतिहासिक चौगान में समापन हुआ.

राज्यपाल ने स्टालों का भी किया लोकार्पण: मिंजर मेले के शुभारंभ के मौके पर एतिहासिक चौगान में आयोजित समारोह में जिले के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य भी पेश किया. जिसमें चुराही, गददी और चंबयाली नाटी आर्कषण का केंद्र रही. वहीं स्कूली बच्चों की ओर से भी चौगान में रंगारंग कार्यक्रम पेश किया गया. चौगान में लोक गायकों ने पारंपरिक कुंजड़ी मल्हार का गायन भी किया. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मिंजर मेले के दौरान लगे विभिन्न विभागों के स्टालों का लोकार्पण भी किया.

मुस्लिम-हिंदू भाईचारे का प्रतीक है मिंजर: दरअसल, अंतराष्ट्रीय मिंजर मेला हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक है. सदियों पुरानी परंपरा के तहत आज भी मिर्जा परिवार के सदस्यों द्वारा मिंजर तैयार की जाती है और सबसे पहले इसी परिवार के सदस्य की ओर से भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित की जाती है.खास बात यह है कि भगवान रघुवीर को मिर्जा परिवार के वरिष्ठ सदस्य की ओर से मिंजर अर्पित करने के बाद ही इस आयोजन का शुभारंभ होता है और यह परंपरा सर्दियों से चली आ रही है.

विभिन्न प्रदर्शनों का राज्यपाल ने किया शुभारंभ: राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले के उपलक्ष पर ऐतिहासिक चौगान मैदान में लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनों का रिबन काटकर उद्घाटन किया. साथ ही उन्होंने मिंजर मेले की थीम से जुड़ा एक बड़ा गुब्बारा हवा में छोड़ा, जो पूरे मेले के दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए लोगों को जागरूक करेगा.

ये भी पढ़ें: Himachal Floods: हिमाचल आपदा को लेकर राज्यपाल ने की अमित शाह से बात, गृह मंत्री ने हरसंभव मदद का दिया आश्वासन

चंबा: रविवार को भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित करने के साथ ही ऐतिहासिक एवं अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला विधिवत रुप से आरंभ हो गया. इस मौके पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. आराध्य भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित करने की रस्म अदा करने के साथ ही आठ दिवसीय अंतराष्ट्रीय मिंजर मेले का आगाज हो गया. इस दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुकला ने एतिहासिक चौगान में ध्वजारोहण की रस्म को अदा किया और प्रदेशवासियों को अंतराष्ट्रीय मिंजर मेले की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि मिंजर चंबा की कला एवं संस्कृति का एक अहम हिस्सा है. साथ ही चंबा की मिंजर विदेशों में भी प्रसिद्व है.

चंबा से मिंजर शोभायात्रा का आगाज: बता दें, रविवार को नगर परिषद कार्यालय चंबा से मिंजर शोभायात्रा का आगाज हुआ. वहीं, लक्ष्मीनारायण और बंसी गोपाल मंदिर में मिंजर अर्पित करने के बाद शोभा यात्रा यहां स्थित पिंक पेलेस पहुंची. जहां पर विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान मिर्जा परिवार के सदस्य एजाज मिर्जा ने पैलेस में स्थित भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित की. बाद में हरिराय मंदिर में मिंजर अर्पित करने के बाद शोभायात्रा का एतिहासिक चौगान में समापन हुआ.

राज्यपाल ने स्टालों का भी किया लोकार्पण: मिंजर मेले के शुभारंभ के मौके पर एतिहासिक चौगान में आयोजित समारोह में जिले के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य भी पेश किया. जिसमें चुराही, गददी और चंबयाली नाटी आर्कषण का केंद्र रही. वहीं स्कूली बच्चों की ओर से भी चौगान में रंगारंग कार्यक्रम पेश किया गया. चौगान में लोक गायकों ने पारंपरिक कुंजड़ी मल्हार का गायन भी किया. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मिंजर मेले के दौरान लगे विभिन्न विभागों के स्टालों का लोकार्पण भी किया.

मुस्लिम-हिंदू भाईचारे का प्रतीक है मिंजर: दरअसल, अंतराष्ट्रीय मिंजर मेला हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक है. सदियों पुरानी परंपरा के तहत आज भी मिर्जा परिवार के सदस्यों द्वारा मिंजर तैयार की जाती है और सबसे पहले इसी परिवार के सदस्य की ओर से भगवान रघुवीर को मिंजर अर्पित की जाती है.खास बात यह है कि भगवान रघुवीर को मिर्जा परिवार के वरिष्ठ सदस्य की ओर से मिंजर अर्पित करने के बाद ही इस आयोजन का शुभारंभ होता है और यह परंपरा सर्दियों से चली आ रही है.

विभिन्न प्रदर्शनों का राज्यपाल ने किया शुभारंभ: राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले के उपलक्ष पर ऐतिहासिक चौगान मैदान में लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनों का रिबन काटकर उद्घाटन किया. साथ ही उन्होंने मिंजर मेले की थीम से जुड़ा एक बड़ा गुब्बारा हवा में छोड़ा, जो पूरे मेले के दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए लोगों को जागरूक करेगा.

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