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चंबा में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.4 - himachal sensitive zone for earthquake

जिला चंबा में भूकंप के झटके महूसस (Earthquake in kangra) किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई है. राहत की बात यह है कि भूकंप से अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. हिमाचल में इस साल जनवरी माह में करीब 6 बार भूकंप के झटके आ चुके हैं. इससे पहले जिला कांगड़ा में 19 जनवरी 2022 को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 रही थी.

earthquake in chamba
चंबा में भूकंप के झटके
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Published : Jan 27, 2022, 10:15 PM IST

चंबा: हिमाचल में एक बार फिर भूकंप (Earthquake in himachal) के झटके महसूस किए गए हैं. इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) ने की है. जिला चंबा में भूकंप के झटके महूसस (Earthquake in Chamba) किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई है. भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है.


नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चंबा में रात 9 बजकर 13 मिनट पर पर भूंकप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की गहराई जमीन से 5 किलोमीटर नीचे बताई जा रही है. इससे पहले चंबा जिले में इसी साल 17 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. वहीं, 19 जनवरी को कांड़ा जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. प्रदेश में पिछले कई सालों से भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. हिमाचल में इस साल जनवरी माह में करीब 6 बार भूकंप के झटके आ चुके हैं.

भूवैज्ञानिकों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश भूकंप (earthquake in himachal) के लिहाज से अति संवेदनशील जोन (himachal sensitive zone for earthquake) 4 व जोन 5 में सम्मिलित है. भूकंप (Earthquake in himachal) की दृष्टि से संवेदनशील पांचवें जोन में पड़ने वाले हिमाचल में साल 2021 में करीब 60 छोटे-बड़े भूकंप आ चुके हैं. बता दें कि इससे पहले जिला चंबा में 17 जनवरी 2022 को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.8 रही थी.

चंबा जिले में भूकंप की सबसे अधिक आशंका: लाहौल स्पीति जिला और जम्मू-कश्मीर से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. जिला चंबा में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.

1905 में कांगड़ा में आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप: हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गंवाई थी. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं, तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही तैर जाती है.

ये भी पढ़ें: बम बम भोले! हाड़ कंपा देने वाली ठंड, लेकिन बिना कपड़ों में साधना में लीन है संन्यासी

चंबा: हिमाचल में एक बार फिर भूकंप (Earthquake in himachal) के झटके महसूस किए गए हैं. इसकी पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) ने की है. जिला चंबा में भूकंप के झटके महूसस (Earthquake in Chamba) किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई है. भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है.


नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National center for seismology) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चंबा में रात 9 बजकर 13 मिनट पर पर भूंकप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की गहराई जमीन से 5 किलोमीटर नीचे बताई जा रही है. इससे पहले चंबा जिले में इसी साल 17 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. वहीं, 19 जनवरी को कांड़ा जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. प्रदेश में पिछले कई सालों से भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. हिमाचल में इस साल जनवरी माह में करीब 6 बार भूकंप के झटके आ चुके हैं.

भूवैज्ञानिकों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश भूकंप (earthquake in himachal) के लिहाज से अति संवेदनशील जोन (himachal sensitive zone for earthquake) 4 व जोन 5 में सम्मिलित है. भूकंप (Earthquake in himachal) की दृष्टि से संवेदनशील पांचवें जोन में पड़ने वाले हिमाचल में साल 2021 में करीब 60 छोटे-बड़े भूकंप आ चुके हैं. बता दें कि इससे पहले जिला चंबा में 17 जनवरी 2022 को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.8 रही थी.

चंबा जिले में भूकंप की सबसे अधिक आशंका: लाहौल स्पीति जिला और जम्मू-कश्मीर से लगती सीमा 23 प्रतिशत बार भूकंप का केंद्र रही है. कांगड़ा (आठ प्रतिशत), किन्नौर (पांच प्रतिशत), मंडी (छह प्रतिशत), शिमला (छह प्रतिशत) और सोलन (दो प्रतिशत) भी भूकंप का केंद्र रहा है. जिला चंबा में भूकंप आने की सबसे अधिक आशंका है.

1905 में कांगड़ा में आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप: हिमाचल में सबसे बड़ा भूकंप 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया था. उसकी तीव्रता 7.8 थी और उस त्रासदी में 20 हजार लोगों ने जान गंवाई थी. अगले ही साल यानी 1906 में 28 फरवरी को कुल्लू में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. जब भी हिमाचल में भूकंप आते हैं, तो लोगों के दिमाग में 1905 का भूकंप और उससे हुई तबाही तैर जाती है.

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