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चंबा में वायरल फीवर की जकड़ में बच्चे-बुजुर्ग, हर रोज बढ़ रही मरीजों की संख्या - वायरल फीवर से पीड़ित कई लोग

वायरल फीवर से पीड़ित कई लोग मेडिकल कॉलेज चंबा में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. शहर के अलावा भरमौर, होली, सलूणी, तीसा, पुखरी आदि क्षेत्रों के लोगों को भी वायरल फीवर के मामले सामने आ रहे हैं.

viral fever in Chamba
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Published : Oct 9, 2019, 6:08 PM IST

चंबा: मौसम में हो रहा बदलाव लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगा है. लोग सर्दी, खांसी और बुखार की जकड़ में आ रहे हैं. हर रोज वायरल फीवर से पीड़ित कई लोग मेडिकल कॉलेज चंबा में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. शहर के अलावा भरमौर, होली, सलूणी, तीसा, पुखरी आदि क्षेत्रों के लोगों को भी वायरल फीवर के मामले सामने आ रहे हैं.

बता दें कि बुजुर्ग, युवक, युवतियां और बच्चे सर्दी, जुकाम समेत खांसी से ग्रसित हो रहे हैं. इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. मेडिकल कॉलेज चंबा में वायरल से पीड़ित बच्चों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई कि 24 बिस्तर की क्षमता वाले शिशु वार्ड में करीब 50 से ज्यादा बच्चों को उपचार के लिए भर्ती किया गया.

ऐसे में एक बेड पर दो दो बच्चे भर्ती किए गए. इससे विभागीय स्टाफ समेत बीमार बच्चों को दिक्कत भी झेलनी पड़ रही है. वहीं रोजाना मेडिकल कॉलेज में रूटीन के हिसाब से 30 से अधिक बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं.

क्या कहते हैं डॉ. शिशु विशेषज्ञ विशाल महाजन?
शिशु विशेषज्ञ डॉ. विशाल महाजन ने कहा कि कुछ सावधानियां बरतने पर वायरल फीवर से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चों को सर्दी गर्मी के प्रकोप से बचाएं. साफ पानी का इस्तेमाल करें. साथ ही बासी भोजन और ज्यादा पके फल न खाएं. इसके अलावा स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें.

ये भी पढ़ें: चंबा रूमाल का प्रशिक्षण लेने पहुंची विदेशी महिलाएं, सीखेंगी बारीकियां

चंबा: मौसम में हो रहा बदलाव लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगा है. लोग सर्दी, खांसी और बुखार की जकड़ में आ रहे हैं. हर रोज वायरल फीवर से पीड़ित कई लोग मेडिकल कॉलेज चंबा में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं. शहर के अलावा भरमौर, होली, सलूणी, तीसा, पुखरी आदि क्षेत्रों के लोगों को भी वायरल फीवर के मामले सामने आ रहे हैं.

बता दें कि बुजुर्ग, युवक, युवतियां और बच्चे सर्दी, जुकाम समेत खांसी से ग्रसित हो रहे हैं. इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. मेडिकल कॉलेज चंबा में वायरल से पीड़ित बच्चों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई कि 24 बिस्तर की क्षमता वाले शिशु वार्ड में करीब 50 से ज्यादा बच्चों को उपचार के लिए भर्ती किया गया.

ऐसे में एक बेड पर दो दो बच्चे भर्ती किए गए. इससे विभागीय स्टाफ समेत बीमार बच्चों को दिक्कत भी झेलनी पड़ रही है. वहीं रोजाना मेडिकल कॉलेज में रूटीन के हिसाब से 30 से अधिक बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं.

क्या कहते हैं डॉ. शिशु विशेषज्ञ विशाल महाजन?
शिशु विशेषज्ञ डॉ. विशाल महाजन ने कहा कि कुछ सावधानियां बरतने पर वायरल फीवर से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चों को सर्दी गर्मी के प्रकोप से बचाएं. साफ पानी का इस्तेमाल करें. साथ ही बासी भोजन और ज्यादा पके फल न खाएं. इसके अलावा स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें.

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Intro:चंबा में सर्दी, खांसी व वायरल फीवर की जकड़ में बच्चे व बुजुर्ग, प्रतिदिन बढ़ रही ओपीडी ,

मौसम में हो रहा बदलाव लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगा है। लोग सर्दी, खांसी व बुखार की जकड़ में आ रहे हैं। दिन-प्रतिदिन वायरल फीवर से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन दिनों पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा में इससे ग्रसित कई लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। शहर के अलावा भरमौर, होली, सलूणी, तीसा, पुखरी आदि क्षेत्रों के लोगों को भी वायरल फीवर ने जकड़ लिया है। यही कारण है कि जिला के पहाड़ी क्षेत्रों की डिस्पेंसरियां व पीएचसी में भी प्रतिदिन वायरल फीवर से पीड़ित लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैंमौसम में हो रहा बदलाव लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगा है। लोग सर्दी, खांसी व बुखार की जकड़ में आ रहे हैं। दिन-प्रतिदिन वायरल फीवर से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन दिनों पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा में इससे ग्रसित कई लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। शहर के अलावा भरमौर, होली, सलूणी, तीसा, पुखरी आदि क्षेत्रों के लोगों को भी वायरल फीवर ने जकड़ लिया है। यही कारण है कि जिला के पहाड़ी क्षेत्रों की डिस्पेंसरियां व पीएचसी में भी प्रतिदिन वायरल फीवर से पीड़ित लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैंBody:जिला के अधिकतर बुजुर्ग, युवक, युवतियां और बच्चे सर्दी, जुकाम सहित खांसी से ग्रसित हो रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में वायरल से पीड़ित बच्चों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई कि 24 बिस्तर की क्षमता वाले शिशु वार्ड में करीब 50 से अधिक बच्चों को उपचार के लिए भर्ती किया गया। ऐसे में एक बेड पर दो-दो बच्चे भर्ती किए गए। इससे विभागीय स्टाफ सहित बीमार बच्चों को दिक्कत भी झेलनी पड़ी। रोजाना मेडिकल कॉलेज में रूटीन के हिसाब से 30 से अधिक बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। अस्पताल में उपचाराधीन अधिकतर बच्चे वायरल फीवर, उल्टी, दस्त और टायफाइड रोग से ग्रसित हैं। Conclusion:मौसम परिवर्तन के चलते बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। वायरल फीवर, उल्टी व दस्त से ग्रसित बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। बच्चों को बेहतर इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। वायरल फीवर की वजह से छोटे बच्चों की छाती जाम हो रही है, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है। मौसम में आए बदलाव से खांसी, जुकाम व वायरल की चपेट में आए लोग अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं। लोग एहतियात बरतें।

क्या कहते हैं डॉ शिशु विशेषज्ञ विशाल महाजन
ये बरते सावधानियां

सर्दी गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाए
शिशु विशेषज्ञों से बच्चों का इलाज करवाए
स्वच्छ पानी का उपयोग करें
बासी भोजन और ज्यादा पके फल ना खाएं
स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें
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