चंबा: केंद्र सरकार द्वारा रद्द किए गए श्रम कानूनों को दोबारा लागू करवाने को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में भारतीय मजदूर संघ के अलावा आशा वर्कर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यूनियन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. उन्होंने उपायुक्त कार्यालय के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन करने के बाद भारतीय मजदूर संघ ने एक मांग पत्र उपायुक्त के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा.
भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष रमेश सिंह राणा ने कहा कि श्रम कानूनों के रद्द होने से उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को नुकसान होगा, जबकि उद्योगपतियों को इससे लाभ मिलेगा. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व मीड डे मील वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए. साथ ही इन कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन प्रदान किया जाए, ताकि उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करने में कोई परेशानी ना हो.
ज्ञापन के जरिए प्रधानमंत्री को अवगत करवाया गया कि रद्द किए गए श्रम कानूनों ने ठेकेदारों को लाभ मिला है, जबकि आउट सोर्स प्रणाली के तहत काम करने वाले कर्मचारियों का शोषण हुआ है. इसलिए रद्द किए गए श्रम कानूनों को दोबारा से लागू किया जाए. ऐसा न करने पर भारतीय मजदूर संघ देश भर में आंदोलन शुरू करेगा, जिसका खामियाजा केंद्र व प्रदेश की सरकारों को भुगतना पड़ सकता है.
इस मौके पर बीएमएस की प्रदेश उपाध्यक्ष जयंति दुग्गल, जिला संगठन सचिव पवन राणा, उपाध्यक्ष जगदीश चंद्र सहित संगठन के सदस्य मौजूद रहे.