चंबा: देश की आजादी को 74 साल बीत चुके हैं, लेकिन देश में बहुत सारे ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर लोगों को सरकार द्वारा दी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. जिला चंबा में आज भी ऐसे गांव हैं, जहां लोगों को नदी पार करने के लिए एक पुल तक हासिल नहीं हुआ है. ग्रामीणों को मजबूरन तारों पर लगे झूले से नदी पार करनी पड़ रही है.
चंबा जिला की भानियां गांव की बात करें तो यहां पर आज तक रावी नदी को पार करने के लिए इन ग्रामीणों को एक पुल तक मुहैया नहीं करवाया गया है. यह एक आजाद भारत की तस्वीर है जहां लोग पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक लोगों की समस्याओं का कोई हल नहीं निकाला गया है. ग्रामीणों को एक रस्सी के सहारे नदी पार करनी पड़ती है. कई बार नदी को पार करते हुए लोग नीचे भी गिर चुके हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन इन घटनाओं के बाद भी अनजान बना हुआ है.
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया उनके गांव में आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. यहां तक कि रावी नदी को पार करने के लिए कोई पुल तक नहीं बनाया गया है. कई बार प्रशासन से उन्होंने इसके लिए आग्रह किया, लेकिन ऐसा लगता है कि प्रशासन यहां किसी हादसे का इंतजार कर रहा हो. उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर वह कई बार नेताओं और पंचायत प्रधानों के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन दिया जाता है कि यहां पर पुल निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
स्कूली बच्चों से लेकर निजी और सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का यही एक रास्ता है, जिससे वह रावी नदी को जान हथेली पर लेकर पार कर रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो कई सरकार बदली, हालत बदले, लेकिन उनकी सुध लेने वाला अब तक कोई भी नहीं आया है.