चंबा: जिला के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र की भांदल पंचायत के पास बने अम्बी झंडुर पुल को टूटे हुए करीब 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन पुल के निर्माण के लिए अभी तक विभाग की ओर से कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया है. पुल टूट जाने के कारण लोगों को रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर आना-जाना पड़ता हैं.
बता दें कि पिछली बर्फबारी के दौरान पेड़ गिरने से यह पुल क्षतिग्रस्त हो चुका था. पुल से रोजाना सैकड़ों बच्चे, बुजुर्ग व लोग अपने काम के लिए आते जाते हैं. दरअसल गांव के लोगों का पुल की दूसरी तरफ खेती बाड़ी का काम है साथ ही वह जंगल से लकड़ियां व मवेशियों के लिए घास लाने के लिए भी इसी रास्ते का उपयोग करते हैं. हालांकि उन लोगों को यह मालूम है कि इस पुल से आना- जाना वर्जित है लेकिन सरकार की अनदेखी की वजह से मजबूरी के कारण लोग रोजाना इस टूटे हुए पुल को पार करते हैं.
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि उनके गांव से दूसरी तरफ जाने के लिए जो पुल बना है वह 6 महीने पहले बर्फबारी की वजह से टूट गया था. उन्होंने कहा कि इस पुल के ऊपर एक पेड़ गिरा था जिससे यह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है लेकिन विभाग की ओर से ना ही इसकी मुरम्मत करवाई गई और ना ही यहां पर नए पुल का निर्माण करवाया गया है जिसकी वजह से उन्हें रोजाना अपनी जान को जोखिम में डालकर आना जाना पड़ता है.
पंचायत प्रधान याकूफ मागरा ने बताया की पिछली बर्फबारी के दौरान पेड़ गिरने से यह पुल टूट गया था और यहां पर साफ तौर पर लिख दिया गया था कि इस पुल से आना जाना वर्जित है, लेकिन उसके बावजूद लोग इस पुल से आते जाते है. उन्होंने बताया की यहां पर तारे भी लगा दी गई थी, लेकिन लोगों ने तारे तोड़कर इस पुल को पार करना शुरू कर दिया है.
उन्होंने बताया कि विधायिका की ओर से इस पुल के निर्माण के लिए पैसा भी स्वीकृत कर दिया गया है और जल्द ही इसका कार्य शुरू होने वाला है और वह लोगों से आग्रह करते हैं कि इस पुल पर अपनी जान को जोखिम में डालकर ना जाए जिससे यहां कोई दुर्घटना ना हो.
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