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नगर निगम ने सील्ड रोड में भी येलो लाइन पार्किंग का भेजा प्रस्ताव, DC ने लौटाई फाइल

शिमला में हुए बस हादसे के बाद नगर निगम को मुख्यमंत्री ने शहर में पार्किंग की संभावनाओं की तलाश करने के निर्देश दिए थे. नगर निगम ने शहर में येलो लाइन पार्किंग बनाने के साथ-साथ स्टील पार्किंग बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन नगर निगम की जल्दबाजी में ये प्रस्ताव ठंडे बसते में जाता हुआ दिख रहा है.

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Published : Jul 12, 2019, 5:40 PM IST

शिमला: शहर में पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए येलो लाइन पार्किंग का मामला नगर निगम की लापरवाही की वजह से लटक गया है. दरअसल नगर निगम ने जल्द बाजी में आधी-अधूरी फाइल बनाकर उपायुक्त को भेजी थी, जिसे डीसी ने लौटा दिया है.

जिला प्रशासन ने येलो लाइन के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें पुलिस, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम और एसडीएम को शामिल किया गया था. टीम को संयुक्त तौर पर येलो लाइन के लिए मौके का मुआयना करना था और एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार करनी थी, लेकिन नगर निगम ने इसे दरकिनार कर केवल अपनी रिपोर्ट ही भेजी. शहर में सील्ड रोड पर बिना परमिट गाड़ियों के जाने पर भी प्रतिबंध है. साथ ही नगर निगम ने इन सडकों पर येलो लाइन पार्किंग बनाने का प्रस्ताव भी तैयार किया, जिसे जिला प्रसाशन ने खारिज कर दिया है.

जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने बताया कि शहर में नगर निगम ने ऐसी जगह येलो लाइन के लिए चिन्हित की है, जहां गाड़ियां खड़ी करने से वाहनों की आवाजाही बंद हो सकती है.
वहीं, नगर निगम महापौर कुसुम सदरेट ने बताया कि 11 हजार वाहनों को खड़ा करने के लिए येलो लाइन पार्किंग के स्थान चिन्हित कर जिला प्रसाशन को भेजे थे. उन्होंने बताया कि आपत्तियां लगाईं गई है, उन्हें जल्द ठीक करके दोबारा भेजा जायेगा.

जानकारी देती महापौर

बता दें कि शिमला में हुए बस हादसे के बाद नगर निगम को मुख्यमंत्री ने शहर में पार्किंग की संभावनाओं की तलाश करने के निर्देश दिए थे. नगर निगम ने शहर में येलो लाइन पार्किंग बनाने के साथ-साथ स्टील पार्किंग बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन नगर निगम की जल्दबाजी में ये प्रस्ताव ठंडे बसते में जाता हुआ दिख रहा है.

शिमला: शहर में पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए येलो लाइन पार्किंग का मामला नगर निगम की लापरवाही की वजह से लटक गया है. दरअसल नगर निगम ने जल्द बाजी में आधी-अधूरी फाइल बनाकर उपायुक्त को भेजी थी, जिसे डीसी ने लौटा दिया है.

जिला प्रशासन ने येलो लाइन के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें पुलिस, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम और एसडीएम को शामिल किया गया था. टीम को संयुक्त तौर पर येलो लाइन के लिए मौके का मुआयना करना था और एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार करनी थी, लेकिन नगर निगम ने इसे दरकिनार कर केवल अपनी रिपोर्ट ही भेजी. शहर में सील्ड रोड पर बिना परमिट गाड़ियों के जाने पर भी प्रतिबंध है. साथ ही नगर निगम ने इन सडकों पर येलो लाइन पार्किंग बनाने का प्रस्ताव भी तैयार किया, जिसे जिला प्रसाशन ने खारिज कर दिया है.

जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने बताया कि शहर में नगर निगम ने ऐसी जगह येलो लाइन के लिए चिन्हित की है, जहां गाड़ियां खड़ी करने से वाहनों की आवाजाही बंद हो सकती है.
वहीं, नगर निगम महापौर कुसुम सदरेट ने बताया कि 11 हजार वाहनों को खड़ा करने के लिए येलो लाइन पार्किंग के स्थान चिन्हित कर जिला प्रसाशन को भेजे थे. उन्होंने बताया कि आपत्तियां लगाईं गई है, उन्हें जल्द ठीक करके दोबारा भेजा जायेगा.

जानकारी देती महापौर

बता दें कि शिमला में हुए बस हादसे के बाद नगर निगम को मुख्यमंत्री ने शहर में पार्किंग की संभावनाओं की तलाश करने के निर्देश दिए थे. नगर निगम ने शहर में येलो लाइन पार्किंग बनाने के साथ-साथ स्टील पार्किंग बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन नगर निगम की जल्दबाजी में ये प्रस्ताव ठंडे बसते में जाता हुआ दिख रहा है.

Intro:शिमला शहर में पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए येलो लाइन पार्किंग का मामला नगर निगम की नालायकी की वजह से लटक गया है ! नगर निगम ने जल्द बाजी में आधी अधूरी फ़ाइल बना कर उपायुक्त को भेज दी ! उपायुक्त ने ये फ़ाइल लौटा दी है ! यही नही येलो लाइन बनाने के प्रस्ताव में निगम ने शहर में सील्ड रोड में भी पार्किंग भी दर्शा दी है जिस पर उपायुक्त ने प्रस्ताव ख़ारिज कर नगर निगम को लौटा दिया है ! शहर शहर में सील्ड रोड पर जहा बिना परमिट गाड़ियों के जाने पर भी प्रतिबन्ध है वही नगर निगम ने इस सडको पर भी येलो लाइन पार्किंग बनाने का प्रस्ताव भी तैयार किया , जिसे जिला प्रसाशन ने ख़ारिज कर दिया है ! यही नही नगर निगम ने ऐसी जगहों पर येलो लाइन पार्किंग बनाने की जगह चिन्हित की है जहा गाडी खड़ी करने के बाद वाहनों का गुजरना मुश्किल हो जायेगा ! Body:यही नही जिला प्रसाशन येलो लाइन के लिए एक कमेटी का गठन किया था जिसमें पुलिस, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम और एसडीएम को शामिल किया था। इन्हें संयुक्त तौर पर येलो लाइन के लिए मौके का मुआयना करना था और एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार करनी थी। लेकिन नगर निगम ने इसे दरकिनार कर केवल अपनी रिपोर्ट ही भेज दी। जिला उपायुक्त अमित कश्यप का कहना है कि शहर में नह्ग्र निगम ने ऐसी जगहे येल्लो लाइन के लिए चिन्हित की है जहा गाड़ियाँ खड़ी करने से वाहनों की आवाजाही बंद हो सकती है और प्रतिबंधित मार्गी पर भी येलो लाइन पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित किये है नगर निगम को दोबारा से प्रस्ताव तैयार करने को बोला गया है !Conclusion:नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा की 11 हजार वाहनों को खड़ा करने के लिए येलो लाइन पार्किंग के स्थान चिन्हित कर जिला प्रसाशन को भेजे थे और कुछ आपतिया लगाईं गई है उन्हें जल्द ठीक करके दोबारा भेजा जायेगा !

बता दे शिमला में हुए बस हादसे के बाद नगर निगम को मुख्यमंत्री ने शहर में पार्किंग की संभावनाओं की तलाश करने के निर्देश दिए थे नगर निगम ने शहर में येलो लाइन पार्किंग बनाने के साथ साथ स्टील पार्किंग बनाने की योजना बनाई थी लेकिन नगर निगम की जल्दबाजी में ये प्रस्ताव ठन्डे बसते में जाता हुआ दिख रहा है !
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