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सुखराम और वीरभद्र सिंह सिर्फ गले मिले, दूरियां अभी भी बरकरार, विक्रमादित्य ने किया पोस्ट - mandi seat

कुछ दिन पहले पंडित सुखराम और वीरभद्र सिंह के गले मिलने की खबर ने हिमाचल की राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी. इस भरत मिलाप के बाद ऐसा लग रहा था कि दोनों गिले शिकवे भूल गए हैं, लेकिन हाल ही में वीरभद्र सिंह के एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू ने दोनों के बीच दूरियां फिर बढ़ा दी है

वीरभद्र सिंह
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Published : Apr 6, 2019, 9:56 AM IST

मंडी: विक्रमादित्य सिंह ने मंडी में 9 अप्रैल को आयोजित किए जा रहे कांग्रेस पार्टी के सम्मेलन में वीरभद्र की अनदेखी को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से मोर्चा खोल दिया है. जिला कांग्रेस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति शेयर करते हुए विक्रमादतित्य सिंह ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि उनके पिता 5 बार मंडी से सांसद, केंद्रीय मंत्री और 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं उनको सम्मेलन में न बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है.पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में सुखराम को आया राम गया राम नेता कहते हुए अपनी टिपण्णी दी है.

fb vikrmaditya singh
विक्रमादित्य सिंह का एफबी पोस्ट

इससे पहले जब टिकट लेकर आश्रय मंडी आए तो वीरभद्र खेमे ने दूरी बना ली थी. उसी दिन से सवाल उठने शुरू हो गए थे कि मंडी का प्रभारी नियुक्त होने के बादजूद विधायक विक्रमादित्य मंडी क्यों नहीं आए. जाहिर है कि पंडित सुखराम परिवार और वीरभद्र सिंह के बीच हाईकमान के सामने सिर्फ फोटो सेशन हुआ और अब तल्खी फिर बढ़ गई है. दूरियां अभी भी बरकरार हैं.

मंडी: विक्रमादित्य सिंह ने मंडी में 9 अप्रैल को आयोजित किए जा रहे कांग्रेस पार्टी के सम्मेलन में वीरभद्र की अनदेखी को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से मोर्चा खोल दिया है. जिला कांग्रेस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति शेयर करते हुए विक्रमादतित्य सिंह ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि उनके पिता 5 बार मंडी से सांसद, केंद्रीय मंत्री और 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं उनको सम्मेलन में न बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है.पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में सुखराम को आया राम गया राम नेता कहते हुए अपनी टिपण्णी दी है.

fb vikrmaditya singh
विक्रमादित्य सिंह का एफबी पोस्ट

इससे पहले जब टिकट लेकर आश्रय मंडी आए तो वीरभद्र खेमे ने दूरी बना ली थी. उसी दिन से सवाल उठने शुरू हो गए थे कि मंडी का प्रभारी नियुक्त होने के बादजूद विधायक विक्रमादित्य मंडी क्यों नहीं आए. जाहिर है कि पंडित सुखराम परिवार और वीरभद्र सिंह के बीच हाईकमान के सामने सिर्फ फोटो सेशन हुआ और अब तल्खी फिर बढ़ गई है. दूरियां अभी भी बरकरार हैं.

वीरभद्र सिंह की अनदेखी पर विधायक विक्रमादित्य ने खोला मोर्चा
वीरभद्र को मंडी में होने जा रहे सम्मेलन में न बुलाने पर जताई आपत्ति
सोशल मीडिया में लिखकर जताई चिंता, बोले चारों सीटों पर जीत ही लक्ष्य

मंडी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे  विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस पार्टी की ओर से मंडी में 9 अप्रैल को आयोजित किए जा रहे सम्मेलन में अनदेखी को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई है कि उनके पिता 5 बार मंडी से सांसद, केंद्रीय मंत्री और 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं उनको सम्मेलन में न बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मंडी जिला कांग्रेस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति शेयर करते हुए अपना रोष प्रकट किया है। ये प्रतिक्रिया उस वक्त आई है जब पंडित सुखराम के पोते आश्रय को टिकेट मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने  एक टी वी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में सुखराम पर आया राम गया राम नेता कहते हुए अपनी टिपण्णी दी है। बता दें कि जब टिकट लेकर आश्रय मंडी आए तो वीरभद्र खेमे ने दूरी बना ली थी।उसी दिन से लग रहा है कि मंडी का प्रभारी नियुक्त होने के बादजूद विधायक विक्रमादित्य मंडी क्यों नहीं आए। जाहिर है कि  पंडित सुखराम परिवार और वीरभद्र सिंह के बीच अभी भी दूरियां बरकरार है लेकिन हाई कमान के सामने सिर्फ फ़ोटो सेशन हुआ और अब तल्खी फिर बढ़ गई है।
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