शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती व मुक्त शिक्षा अध्ययन केंद्र को नैक से बेहतर अंक दिलवाने की एचपीयू प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. एचपीयू का एक ही लक्ष्य है कि इक्डोल को नैक से आवश्यक अंक दिलवा कर इसकी मान्यता को बहाल करवाया जा सके.
बता दें कि इक्डोल के पास नैक से 3.26 ग्रेड ना होने की वजह से यूजीसी ने इक्डोल की मान्यता रद्द कर दी थी, लेकिन एचपीयू के प्रयास से इक्डोल को दो साल की अस्थाई मान्यता दी गई है, जिसके लिए नैक से 3.26 अंक इक्डोल को लेने होंगे.
एचपीयू इक्डोल में अब सत्र 2019-20 का बैच बैठना है. हालांकि 2020 तक तो यूजीसी की ओर से इक्डोल को अस्थाई मान्यता छात्रों को बैच बिठाने के लिए दी गई है, लेकिन इस तय समय के बीच में ही यूजीसी की शर्त के अनुसार एचपीयू को इक्डोल को नैक से 3.26 अंक दिलवा कर इसकी रिपोर्ट यूजीसी को सौंपनी होगी.
रिपोर्ट यूजीसी को सौंपने के बाद ही यूजीसी की ओर से अस्थाई मान्यता को स्थाई मान्यता में तब्दील किया जाएगा, जिसके बाद एचपीयू द्वारा डिस्टेंस एजुकेशन को लेकर चल रहे केंद्र आगे भी लगातार चलते रहेंगे. वहीं, इक्डोल को नैक से स्थाई रूप से मान्यता मिलती है, तो ही केंद्र को आगामी समय में डिस्टेंस से छात्रों को यूजी ओर पीजी की डिग्री करवाने की मान्यता मिल पाएगी.
एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने पहले ही अलग-अलग कमेटियों का चयन इक्डोल की नैक से 3.26 ग्रेड दिलवाने के लिए किया है. कुलपति ने कहा कि उन्होंने जो कमेटियां नैक की तैयारियों के लिए गठित की है, उनसे भी तैयारियों को लेकर बात कुलपति करेंगे.
एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने बताया कि इसी साल के अंत तक ही इक्डोल को नैक से मान्यता दिलवाने के लिए नैक की टीम को निरीक्षण के लिए बुलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि मामले पर पहले यूजीसी ओर नैक से भी बात की जाएगी और इसके बाद ही टीम को इक्डोल के निरीक्षण के लिए बुलाया जाएगा.