शिमला: प्रदेश सरकार से खफा हिमाचली कलाकार इस बार लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कलाकारों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिस सरकार को उनका ख्याल नहीं है उस सरकार को अपना मत देने में उन्हें भी कोई रुचि नहीं है.
हिमाचल कलाकार संगठन ने साफ तौर पर कहा कि इस बार वह लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. संगठन के अध्यक्ष गोपी जैक्स ने कहा है कि सरकार कलाकारों के साथ ज्यादती कर रही है. इस ज्यादती के चलते ही हिमाचली कलाकारों को ना तो सही प्लेटफॉर्म मिल पा रहा है ना ही उन्हें प्रोग्राम दिए जा रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश के सभी कलाकार सरकार और प्रशासन से खासे निराश चल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पहले तो प्रदेश में होने वाले मेलों और अन्य आयोजनों में हिमाचली कलाकारों को मंच दिया ही नहीं जाता है लेकिन अगर मंच दे भी दिया जाता भी है तो उन्हें नाम मात्र पेमेंट की जाती है. जबकि बाहरी कलाकारों को लाखों का भुगतान किया जाता है.
गोपी जैक्स ने आरोप लगाया कि प्रदेश में जो भी मेले होते हैं उनका ऑडिट तक भी नहीं किया जाता है. मेलों में गिने चुने कलाकारों को ही बुलाया जाता है और उन्ही की प्रस्तुतियां करवाई जाती है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि हाईकोर्ट ने भी भाषा संस्कृति विभाग की सचिव को कलाकारों के लिए पॉलिसी बनाने को लेकर नोटिस जारी किया था लेकिन बावजूद इसके भी कलाकारों के लिए अभी तक कोई पॉलिसी नहीं बन पाई है.
उन्होंने कहा कि संगठन ने कई मर्तबा प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इन सब मुद्दों को लेकर मुलाकात की और कलाकारों के हितों को ध्यान में रखने की मांग भी उनसे की है. लेकिन कोई भी कदम सरकार की ओर से नहीं उठाया गया. सरकार की अनदेखी का ही नतीजा है कि आज हिमाचली कलाकार भुखमरी की कगार पर खड़ा है.
हिमाचल में कलाकारों को प्रस्तुतियां देने से पहले ऑडिशन देने पड़ते है जो कि गलत है. जो कलाकार कई सालों से अपनी पहचान बनाए हुए हैं उसे भी मेलों में प्रस्तुतियां देने के लिए ऑडिशन देना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी से अब कलाकार परेशान हैं और अंतिम यही चारा उनके पास रहता है कि वो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कलाकारों और उनके परिवार के लोगों को मिलाकर कुल 50 हजार के करीब वोट है जो इस बार सरकार को नहीं मिलेंगे. भले ही वो नोटा का प्रयोग करेंगे लेकिन सरकार को अपना वोट नहीं देंगे.