बिलासपुर: जिला बिलासपुर के कोठीपुरा में बन रहे एम्स में कार्यरत मजदूर शुक्रवार देर रात पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हो गए थे. जिसके चलते पुलिस दल ने इन्हे चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे कल्लर के समीप रोका. यह मजदूर लगभग 200 के करीब सड़कों पर पैदल चले हुए थे. जिनको देखकर पुलिस दल भी हैरान हो गया.
वहीं, पुलिस की टीम ने तुरंत इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों को दी. जिसके चलते मौके पर एएसपी अमित शर्मा व डीएसपी अजय ठाकुर भी मौके पर पहुंच गए.
ईटीवी भारत की टीम ने जब देर रात करीब 11 बजे मौके स्थल का दौरा किया तो वहां पर मजदूर घर जाने के लिए बोल रहे थे. वहीं, इस बीच में पुलिस और मजदूरों के बीच गहमा गहमी भी हो गई. इस दौरान मौके पर जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम रामेश्वर शर्मा व तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे, लेकिन कोई भी मजदूर वापस बिलासपुर जाने के लिए तैयार नहीं हुआ.
रात करीब 1 बजे तक पुलिस व जिला प्रशासन इन मजदूरों को समझाने में लगा रहा, लेकिन कोई भी यहां से जाने को राजी नहीं हो रहा था. काफी देर बाद लगभग 1 बजकर 15 मिनट पर वह वापिस बिलासपुर जाने के लिए राजी हो गए और जिला प्रशासन द्वारा एचआरटीसी की चार बसों में इन मजदूरों को नगर के राजकीय वरिष्ठ पाठशाला बाल रौड़ा सेक्टर क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया. फिलहाल खबर लिखे जाने तक लगभग 200 मजदूरों को जिला प्रशासन के क्वारंटाइन कर दिया है.
यह है मजदूरों की मांग
बता दें कि यह मजदूर वर्ग काफी समय से अपने घर वापिस झारखंड, यूपी और बिहार जाने के लिए जिला प्रशाशन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक इनके जाने की कोई व्यवस्था नहीं हुई है. ऐसे में गुस्साए मजदूर शुक्रवार देर रात पैदल ही घर के लिए रवाना हो गए थे.
1200 मजदूर एम्स में कर रहे कार्य
कोठीपुरा में बन रहे एम्स में 1200 मजदूर कार्य कर रहे हैं. यह सारे मजदूर वापिस घर जाने की गुहार लगा रहे हैं. अब देखना यह बाकी है कि सरकार व जिला प्रशासन इन मजदूरों के जाने की क्या व्यवस्था करता है.
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