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AIIMS व आसपास क्षेत्र के लिए स्पेशल डेवेल्पमेंट प्लान, 40 गांवों के विकास का खाका होगा तैयार

बिलासपुर एम्स का निर्माण कार्य कोरोना महामारी के बीच एक फिर से पटरी पर लौटने लगा है. जिला के कोठीपुरा में प्रस्तावित (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) एम्स व आसपास क्षेत्र के नगर एवं ग्राम योजना टीसीपी एक्ट के दायरे में आने के बाद अब इसके सुनियोजित विशेष विकास योजना तैयार की जाएगी.

AIIMS Bilaspur
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Published : Jul 22, 2020, 6:38 PM IST

बिलासपुर: कोरोना महामारी के बीच बिलासपुर में एम्स के निर्माण कार्य एक फिर से पटरी पर लौटने लगा है. जिला के कोठीपुरा में प्रस्तावित (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) एम्स व आसपास क्षेत्र के नगर एवं ग्राम योजना टीसीपी एक्ट के दायरे में आने के बाद अब इसके सुनियोजित विशेष विकास योजना तैयार की जाएगी.

विभाग कोरोनाकाल की वजह से लटकी पड़ी सर्वेक्षण के तहत तैयार की गई विद्यमान भू-उपयोग रिकॉर्ड की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. यह सर्वे रिपोर्ट नई दिल्ली की मल्टीमाइंड क्रियेशन प्राईवेट लिमिटेड की ओर से तैयार की गई है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी उसके बाद एक्ट के दायरे में आए 16 गांव के लिए एक स्पेशल डेवलपमेंट प्लान बनाया जाएगा.

वीडियो.

टीसीपी एक्ट के दायरे में लिए गए राजस्व गांवों के विद्यमान भू-उपयोग रिकार्ड तैयार करने के लिए निदेशालय स्तर पर दिल्ली की कंपनी को जिम्मा सौंपा गया था. छह जून 2016 को एम्स एरिया के तहत चयनित सोलह गांवों को टीसीपी एक्ट में लाने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी.

इसके बाद निदेशालय स्तर पर एरिया का पूरा भू-उपयोग रिकार्ड तैयार करने के लिए फर्म के साथ करार किया गया. इस फर्म ने सर्वेक्षण किया और एक रिपोर्ट तैयार की.

इस वर्ष फरवरी माह में लोगों के साथ बैठकों का आयोजन कर दावे और आपत्तियां मांगी गई थी, यह प्रक्रिया भी पूरी हो गई. इसके बाद सर्वे करनी वाली फर्म की ओर से विभाग को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जानी है, जिसके लिए विभाग इंतजार कर रहा है, लेकिन मार्च से कोरोना संकट शुरू होने के चलते यह प्रक्रिया लटक गई और अभी तक रिपोर्ट विभाग के पास नहीं पहुंच सकी है.

विभागीय अधिकारियों की मानें तो हालांकि फर्म ने रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्द ही उस ओर से यह रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर एक्ट में लिए गए एरिया का एक विशेष विकास खाका तैयार किया जाएगा. टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग बिलासपुर के सहायक नगर योजनाकार घनश्याम शर्मा ने खबर की पुष्टि की है. टीसीपी एक्ट लगने के बाद भवन निर्माण कार्यों के अलावा बिजली व पानी संबंधित कनेक्शन लेने और अन्य कार्यों के लिए विभाग से अनुमति लेनी होगी.

नए 16 मिलाकर अब एक्ट में शुमार हो गए 40 राजस्व गांव

अभी तक बिलासपुर शहर के आसपास क्षेत्र के 24 मुहाल राजस्व गांव टीसीपी एक्ट के दायरे में है, जबकि हाल ही में एम्स के लिए चयनित एरिया के में 16 राजस्व गांव चयनित किए हैं. जिनमें खनसरा, रामपुर, घरनाल, साई फडयां, नौणी, मंडलोहू, मंडी, भराड़ी, कोठीपुरा, पडगल, गवाहां, चंगर प्लासना, रैत, न्याई सारली, नोआ और राजपुरा शामिल हैं.

इस एरिया का कुल क्षेत्रफल 1,457 हैक्टेयर आता है और 2011 की जनगणना के आधार पर आबादी 5190 है. एम्स एरिया के 16 गांव को मिलाकर अब बिलासपुर में कुल 40 राजस्व गांवों में टीसीपी एक्ट लगाया जा चुका है. जिससे एक्ट के दायरे में आने वाला कुल एरिया अब 2,58,038 हेक्टेयर और आबादी 25,524 है. चयनित 16 गांवों का एक स्पेशल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा.

यह होगा जीआईएस आधारित प्लान

बिलासपुर एम्स एरिया के तहत शामिल किए गए राजस्व गांवों के लिए टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग एक जियोग्राफिकल इन्फॉरमेशन सिस्टम आधारित प्लान बनेगा. विभाग संबंधित क्षेत्रों में भवनों, ओपन एरिया, ग्रीन एरिया, रास्ते और नालों की रिपोर्ट तैयार कर बाकायदा एक मैप यानी वर्तमान भू-उपयोग मानचित्र में दर्शाएंगे.

यही नहीं, इन क्षेत्रों के भवनों का बाकायदा एक सीरियल नंबर होगा और इन क्षेत्रों का एक डिजिटल रजिस्टर भी बनेगा. जिसमें भवन सहित अन्य आधारभूत ढांचे को पूरा ब्यौरा उपलब्ध होगा.

पढ़ें: BREAKING: सुरेश कश्यप बने हिमाचल BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष

बिलासपुर: कोरोना महामारी के बीच बिलासपुर में एम्स के निर्माण कार्य एक फिर से पटरी पर लौटने लगा है. जिला के कोठीपुरा में प्रस्तावित (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) एम्स व आसपास क्षेत्र के नगर एवं ग्राम योजना टीसीपी एक्ट के दायरे में आने के बाद अब इसके सुनियोजित विशेष विकास योजना तैयार की जाएगी.

विभाग कोरोनाकाल की वजह से लटकी पड़ी सर्वेक्षण के तहत तैयार की गई विद्यमान भू-उपयोग रिकॉर्ड की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. यह सर्वे रिपोर्ट नई दिल्ली की मल्टीमाइंड क्रियेशन प्राईवेट लिमिटेड की ओर से तैयार की गई है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी उसके बाद एक्ट के दायरे में आए 16 गांव के लिए एक स्पेशल डेवलपमेंट प्लान बनाया जाएगा.

वीडियो.

टीसीपी एक्ट के दायरे में लिए गए राजस्व गांवों के विद्यमान भू-उपयोग रिकार्ड तैयार करने के लिए निदेशालय स्तर पर दिल्ली की कंपनी को जिम्मा सौंपा गया था. छह जून 2016 को एम्स एरिया के तहत चयनित सोलह गांवों को टीसीपी एक्ट में लाने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी.

इसके बाद निदेशालय स्तर पर एरिया का पूरा भू-उपयोग रिकार्ड तैयार करने के लिए फर्म के साथ करार किया गया. इस फर्म ने सर्वेक्षण किया और एक रिपोर्ट तैयार की.

इस वर्ष फरवरी माह में लोगों के साथ बैठकों का आयोजन कर दावे और आपत्तियां मांगी गई थी, यह प्रक्रिया भी पूरी हो गई. इसके बाद सर्वे करनी वाली फर्म की ओर से विभाग को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जानी है, जिसके लिए विभाग इंतजार कर रहा है, लेकिन मार्च से कोरोना संकट शुरू होने के चलते यह प्रक्रिया लटक गई और अभी तक रिपोर्ट विभाग के पास नहीं पहुंच सकी है.

विभागीय अधिकारियों की मानें तो हालांकि फर्म ने रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्द ही उस ओर से यह रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर एक्ट में लिए गए एरिया का एक विशेष विकास खाका तैयार किया जाएगा. टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग बिलासपुर के सहायक नगर योजनाकार घनश्याम शर्मा ने खबर की पुष्टि की है. टीसीपी एक्ट लगने के बाद भवन निर्माण कार्यों के अलावा बिजली व पानी संबंधित कनेक्शन लेने और अन्य कार्यों के लिए विभाग से अनुमति लेनी होगी.

नए 16 मिलाकर अब एक्ट में शुमार हो गए 40 राजस्व गांव

अभी तक बिलासपुर शहर के आसपास क्षेत्र के 24 मुहाल राजस्व गांव टीसीपी एक्ट के दायरे में है, जबकि हाल ही में एम्स के लिए चयनित एरिया के में 16 राजस्व गांव चयनित किए हैं. जिनमें खनसरा, रामपुर, घरनाल, साई फडयां, नौणी, मंडलोहू, मंडी, भराड़ी, कोठीपुरा, पडगल, गवाहां, चंगर प्लासना, रैत, न्याई सारली, नोआ और राजपुरा शामिल हैं.

इस एरिया का कुल क्षेत्रफल 1,457 हैक्टेयर आता है और 2011 की जनगणना के आधार पर आबादी 5190 है. एम्स एरिया के 16 गांव को मिलाकर अब बिलासपुर में कुल 40 राजस्व गांवों में टीसीपी एक्ट लगाया जा चुका है. जिससे एक्ट के दायरे में आने वाला कुल एरिया अब 2,58,038 हेक्टेयर और आबादी 25,524 है. चयनित 16 गांवों का एक स्पेशल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा.

यह होगा जीआईएस आधारित प्लान

बिलासपुर एम्स एरिया के तहत शामिल किए गए राजस्व गांवों के लिए टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग एक जियोग्राफिकल इन्फॉरमेशन सिस्टम आधारित प्लान बनेगा. विभाग संबंधित क्षेत्रों में भवनों, ओपन एरिया, ग्रीन एरिया, रास्ते और नालों की रिपोर्ट तैयार कर बाकायदा एक मैप यानी वर्तमान भू-उपयोग मानचित्र में दर्शाएंगे.

यही नहीं, इन क्षेत्रों के भवनों का बाकायदा एक सीरियल नंबर होगा और इन क्षेत्रों का एक डिजिटल रजिस्टर भी बनेगा. जिसमें भवन सहित अन्य आधारभूत ढांचे को पूरा ब्यौरा उपलब्ध होगा.

पढ़ें: BREAKING: सुरेश कश्यप बने हिमाचल BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष

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