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बिलासपुर में शुरू हुई सोलर फेंसिंग विधि, किसानों को जंगली जानवरों से मिल रही बड़ी राहत - सोलर फेंसिंग विधि

बिलासपुर में किसानों को एक बड़ी राहत मिली है. जिले में जंगली जानवरों से किसानों की फसलों को बचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा सोलर फेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जानिए पूरी खबर.

Solar fencing method started in Bilaspur
बिलासपुर में शरु हुई सोलर फैंसिंग विधि
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Published : Dec 12, 2019, 10:56 AM IST

Updated : Dec 12, 2019, 2:19 PM IST

बिलासपुर: प्रदेश में जंगली जानवरों और आवारा पशुओं के कारण अकसर किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती थी. इस समस्या से परेशान होकर सूबे के किसानों ने खेतीबाड़ी का काम छोड़ कर दूसरे व्यवसायों को अपनाना शुरू कर दिया था, लेकिन इस समस्या का समाधान करने के लिए कृषि विभाग द्वारा सोलर फेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसकी शुरुआत जिला बिलासपुर से की गई है.

इस तकनीक के चलते अब किसानों की फसल सुरक्षित रखेगी. वहीं, जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला भी थम जाएगा. सोलर लाइट से कनेक्शन कर खेतों के चारों ओर 10 फीट ऊंचाई तक तारें लगायी जाती है. जिसमें हल्के करंट के साथ एक हूटर भी कनेक्ट रहता है.

इस विधि के जरिये जंगली जानवरों के तार छूने पर उन्हें केवल हलका झटका लगता है, जिससे वह घबराकर भाग जाते हैं. इस तकनीक में हूटर बजने से खेत मालिक को जंगली जानवरों की जानकारी मिल जाती है. सोलर फेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करने वाले बिलासपुर के किसानों की मानें तो इस विधि को अपनाने के बाद एक बार फिर उन्होंने खेती करना शुरू कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि हिमाचल सरकार द्वारा किसानों की फसल को जानवरों से सुरक्षित रखने के लिए सोलर फेंसिंग विधि की शुरुआत की गई है. जिसके जरिये सामूहिक किसानों द्वारा इस विधि को लगाने पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी और व्यक्तिगत लगवाने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है.

ये भी पढ़ें: कुठेड़ा सड़क मुकाम पन्याला में युवक से हेरोइन बरामद, मामला दर्ज

सोलर फेंसिंग विधि की जानकारी देते हुए कृषि विभाग बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह पटियाल ने बताया कि बिलासपुर जिले में 125 किसानों द्वारा इस विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे उनकी फसल जंगली जानवरों से पूरी तरह सुरक्षित है.

बिलासपुर: प्रदेश में जंगली जानवरों और आवारा पशुओं के कारण अकसर किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती थी. इस समस्या से परेशान होकर सूबे के किसानों ने खेतीबाड़ी का काम छोड़ कर दूसरे व्यवसायों को अपनाना शुरू कर दिया था, लेकिन इस समस्या का समाधान करने के लिए कृषि विभाग द्वारा सोलर फेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसकी शुरुआत जिला बिलासपुर से की गई है.

इस तकनीक के चलते अब किसानों की फसल सुरक्षित रखेगी. वहीं, जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला भी थम जाएगा. सोलर लाइट से कनेक्शन कर खेतों के चारों ओर 10 फीट ऊंचाई तक तारें लगायी जाती है. जिसमें हल्के करंट के साथ एक हूटर भी कनेक्ट रहता है.

इस विधि के जरिये जंगली जानवरों के तार छूने पर उन्हें केवल हलका झटका लगता है, जिससे वह घबराकर भाग जाते हैं. इस तकनीक में हूटर बजने से खेत मालिक को जंगली जानवरों की जानकारी मिल जाती है. सोलर फेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करने वाले बिलासपुर के किसानों की मानें तो इस विधि को अपनाने के बाद एक बार फिर उन्होंने खेती करना शुरू कर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि हिमाचल सरकार द्वारा किसानों की फसल को जानवरों से सुरक्षित रखने के लिए सोलर फेंसिंग विधि की शुरुआत की गई है. जिसके जरिये सामूहिक किसानों द्वारा इस विधि को लगाने पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी और व्यक्तिगत लगवाने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है.

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सोलर फेंसिंग विधि की जानकारी देते हुए कृषि विभाग बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह पटियाल ने बताया कि बिलासपुर जिले में 125 किसानों द्वारा इस विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे उनकी फसल जंगली जानवरों से पूरी तरह सुरक्षित है.

Intro:हिमाचल प्रदेश में जहाँ जंगली जानवरों और आवारा पशुओं द्वारा किसानों की फसलें बर्बाद की जाती थी तो वहीँ इस समस्या के चलते कई किसानों ने खेतीबाड़ी करना छोड़ दिया था वहीँ अब इस समस्या का समाधान करने के लिBody:Byte visulConclusion:हिमाचल प्रदेश में जहाँ जंगली जानवरों और आवारा पशुओं द्वारा किसानों की फसलें बर्बाद की जाती थी तो वहीँ इस समस्या के चलते कई किसानों ने खेतीबाड़ी करना छोड़ दिया था वहीँ अब इस समस्या का समाधान करने के लिए कृषि विभाग द्वारा सोलर फैंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिसकी शुरुआत बिलासपुर से हुई. इस तकनीक के चलते जहाँ अब किसानों की फसल सुरक्षित है तो दूसरी ओर जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला भी थम जायेगा।

वीओ---हिमाचल प्रदेश में किसानों के लिए मुसीबत बने जंगली जानवर और आवारा पशुओं द्वारा जहाँ उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया जाता था तो वहीँ इस समस्या के चलते कई किसानो ने खेतीबाड़ी करा छोड़ दिया था. किसानो द्वारा बाड लगाकर जंगली जानवरों से अपनी फसलें बचाने की विधि फेल होने बाद कई किसान ऐसे थे जो की करंट की तारों का सहारा लेकर फसलो को बचाने में जुटे हुए थे जिसके चलते आये दिन जंगली जानवर व आवारा पशु करंट की चपेट में आकर मर जाते थे. वहीँ अब इस समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग द्वारा बिलासपुर से सोलर फेंसिंग विधि की शुरुआत की गयी है जिसके चलते सोलर लाइट से कनेक्शन कर खेतों के चारों ओर 10 फुट ऊंचाई तक तारें लगायी जाती है जिसमे हल्का करंट रहता है जिससे एक हूटर कनेक्ट रहता है. इस विधि के जरिये जहाँ जंगली जानवर के खेतों में घुसते समय तार से छूने पर हल्का झटका लगता है जिससे वह घबराकर भाग जाते है और हूटर बजने से खेत मालिक को जंगली जानवरों की जानकारी मिल जाती है. बिलासपुर से शुरुआत हुए सोलर फेंसिंग विधि का इस्तेमाल करने वाले किसानो की माने तो इस विधि को अपनाकर उन्होंने फिर से खेती करना शुरू कर दिया है जिससे उन्हें अब मुनाफा हो रहा है.

बाइट-
इन्दर सिंह ठाकुर, बिलासपुर से किसान।

वीओ---आपको बता दें की हिमाचल सरकार द्वारा किसानो की फसल को जानवरों से सुरक्षित करने के लिए सोलर फेंसिंग विधि की शुरआत की गयी है जिसके जरिये सामूहिक किसानों द्वारा इस विधि को लगाने पर 85 प्रतिशत तक सबसीडी और व्यक्तिगत लगवाने के लिए 80 प्रतिशत तक सबसीडी दी जा रही है. सोलर फेंसिंग विधि की जानकारी देते हुए कृषि विभाग बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह पटियाल ने बताया की बिलासपुर जिले में 125 किसानों द्वारा इस विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे उनकी फसल जंगली जानवरों से पूरी तरह सुरक्षित है साथ ही उन्होंने जिले के अन्य किसानों द्वारा भी इस विधि का इस्तेमाल करने की अपील की है.

बाइट- कुलदीप सिंह पटियाल, डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग बिलासपुर।
Last Updated : Dec 12, 2019, 2:19 PM IST
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