बिलासपुरः क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में मरीजों से पैसे ऐंठने के मामले में संलिप्त दंत चिकित्सक के खिलाफ कई मामलों को लेकर जांच शुरू होने जा रही है. दंत चिकित्सक के खिलाफ पहले से ही कई मामलों की शिकायतें अस्पताल प्रशासन के पास पहुंची हुई हैं. इसकी अस्पताल प्रशासन की ओर से गठित एक कमेटी जांच कर रही है. पैसे ऐंठने के मामले में अब अस्पताल प्रशासन ने सख्ती रूप अपनाना शुरू कर दिया है. इस मामले में जुड़े सारे पहलुओं की जांच बिलासपुर अस्पताल में तैनात चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनके भारद्वाज स्वयं कर रहे हैं.
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उच्च अधिकारियों तक जाएगा मामला
इस मसले को लेकर शिमला निदेशालय के उच्च अधिकारियों को भी जल्द अवगत करवाया जा रहा है, ताकि मरीजों से दांतों में तार लगाने को लेकर पैसे ऐंठने और उसके बाद मरीजों के दांतों की एसआरटी(दांत में तार लगाना) न करने का मुद्दा इन दिनों ज्वलंत बना हुआ है. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह मामला कब से चलता आ रहा है, इसकी भी जांच की जा रही है. साथ ही चिकित्सक से जल्द से जल्द इस मामले को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
दंत चिकित्सक पर मरीजों से पैसे मांगने का आरोप
गौरतलब है कि बीते शनिवार को एमएस के पास चिकित्सक की ओर से दांतों में तारे लगाने के लिए पैसे मांगने का मामला भी पहुंचा था. मामले में मरीज पर दबाव डालकर इस मसले को दबाने का भी प्रयास किया गया था, लेकिन एमएस डाॅ. एनके भारद्वाज ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू कर दी है.
दंत चिकित्सक के व्यवहार पर सवाल
मामले में एक बात भी सामने निकलकर आ रही है कि जब मरीज से आरसीटी करने के लिए दोबारा कहा तो डाॅक्टर ने गुस्से में आकर मरीज को एमएस के सुपरिटेंडेंट से बात करने की नसीहत दे डाली थी. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या डाॅक्टर को प्रबंधन का कोई खौफ नहीं है.
संभावनाएं यह भी जताई जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय के अधिकारियों को भी इस मामले की भनक लग गई है. ऐसे में डाॅक्टर पर गाज गिरना भी तय माना जा रहा है. डाॅक्टर की पहले भी कई शिकायतें अस्पताल प्रबंधन के पास लंबित हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने अब फिर से उक्त चिकित्सक की सारी शिकायतों की जांच करना भी शुरू कर दी है.
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