घुमारवीं/बिलासपुरः घुमारवीं विधानसभा के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने प्रदेश सरकार द्वारा विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी व एम्स के नवनिर्मित भवन को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रयोग न करने पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कोविड-19 हिमाचल प्रदेश में भी हर दिन कई लोगों की जान ले रहा है. मरने वालों में ऐसे कई युवा भी शामिल हैं, जिनकी कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं थी.
डॉक्टरों की कमी
राजेश धर्माणी ने कहा कि इस आपदा से निपटने में स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ के अतिरिक्त कई अन्य कोरोना वॉरियर सराहनीय कार्य कर रहे हैं. कोरोना संक्रमित रोगियों और कोविड-19 मरीजों को अनगिनत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कोविड केयर सेंटर्स में भर्ती किए गए कोविड-19 के गंभीर मरीजों के उपचार के लिए सरकार ने जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात किए हैं, लेकिन फिर भी डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं हो रही है.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण जिला बिलासपुर सहित प्रदेश के कई अस्पतालों में वेंटिलेटर व आईसीयू संचालित नहीं होने के कारण मरीजों को जान गंवानी पड़ रही है. वहीं, हैरानी इस बात की है कि केंद्र व राज्य सरकार के आपसी तालमेल न होने के कारण इस भीषण महामारी के दौरान भी एम्स बिलासपुर में तैनात किए गए 76 विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं नहीं ली जा रही हैं और न ही एम्स में तैयार हो चुके भवनों को कोविड मरीजों के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है.
कांग्रेस पार्टी जिलाधीश कार्यालय के बाहर देगी धरना
राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कुछ दिन पूर्व एम्स डॉक्टरों की सेवाएं लेने की बात कही थी,लेकिन यह सिर्फ खबरों की हैडलाइन तक सीमित रही और धरातल में कुछ भी नहीं हुआ. केंद्र व राज्य सरकार ने शीघ्र इस संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाया तो कांग्रेस पार्टी जिलाधीश कार्यालय के बाहर धरना देगी.
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