बिलासपुर: हिमाचल में दस्तक दे चुकी ब्लैक फंगस बीमारी को लेकर एम्स प्रबंधन पहले से ही तैयार है. एम्स निदेशक डॉ. वीर सिंह नेगी ने बताया कि यह कोई अभी पैदा हुई बीमारी नहीं है, यह बहुत पुरानी बीमारी है. यह बीमारी पहले शुगर व किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके मरीजों में पाए जाते थी, लेकिन अब नार्मल इंसान में भी इसकी मौजूदगी पाई जाने लगी है. उन्होंने बताया कि वे इससे पहले भी इस बीमारी के मरीजों को ठीक कर चुके हैं.
एम्स निदेशक डॉ. वीर सिंह नेगी ने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी हवा व पानी दोनों में पाया जाता है. इस बीमारी से डरने की कोई बात नहीं है. एम्स प्रबंधक ने कहा कि वे इस बीमारी से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति की प्रतिरोधिक क्षमता बहुत कम होती है उसमें यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है.
निदेशक ने बताया कि तीसरी लहर से लड़ने के लिए भी एम्स प्रबंधन ने अभी से अपनी तैयारियां करना शुरू कर दी हैं. तीसरी लहर के आते समय एम्स प्रबंधक पूरी तरह से इलाज के प्रबंध पूरा कर लेगा.
बिलासपुर अस्पताल में एम्स के चिकित्सक देंगे सेवाएं
निदेशक ने बताया कि जिला अस्पताल बिलासपुर में कुछ समय के लिए एम्स के विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देंगे. इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. अस्पताल प्रशासन के आग्रह के चलते यह निर्णय लिया गया है और जल्द ही एम्स के विशेषज्ञ अस्पताल की ओपीडी में बैठना भी शुरू हो जाएंगे.
एम्स में बनाया जाएगा कोविड वैक्सीनेशन सेंटर
एम्स निदेशक ने बताया कि 18 से 44 वर्ष के आयु के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए एम्स साइट को खोला जाएगा. इसके लिए बिलासपुर सीएमओ से बातचीत करके यह निर्णय लिया गया है. जल्द ही बिलासपुर के कोठीपुरा में 18 से 44 वर्ष के आयु के लोगों को वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगी.
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