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इस साल ऑनलाइन होंगे किसान मेले, विभागों को बोर्ड पर स्कीम डिस्पले करने के आदेश जारी - Virendra Kanwar visit bilaspur

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बिलासपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि प्रदेश में पहली बार किसानों के लिए ऑनलाइन किसान मेला शुरू किया जाएगा. साथ ही उन्हें ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

online fair will start  for farmers in bilaspur
पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर
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Published : Aug 14, 2020, 4:49 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में पहली बार किसानों के लिए ऑनलाइन किसान मेला शुरू होने जा रहा है. हालांकि अभी तक इन मेलों के लिए कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन बिलासपुर पहुंचे पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इस बात का खुलासा पत्रकार वार्ता के दौरान किया है. पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभागीय स्तर पर योजना का खाका तैयार किया जा रहा है और किसानों को ऑनलाइन ही प्रशिक्षण दिया जाएगा.

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि विभागों को अपनी सभी योजनाओं की विस्तृत सूचना जैसे कितना बीज, कितनी खाद और कितने आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं. ये तमाम जानकारी बोर्ड पर दर्शानी होगी, ताकि किसान व बागवानों को कार्यालय पहुंचते ही सभी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नीतिगत फैसला लिया है, जिसके तहत प्रदेश भर में स्किल मैपिंग शुरू की गई है.

वीडियो.

वीरेंद्र कंवर ने बताया कि कोरोना काल में हजारों लोग बेरोजगार हुए हैं और जो लोग बाहरी प्रदेशों में रोजगार प्राप्त थे वो भी अपने राज्य को वापस लौट आए हैं. ऐसे में कौन क्या-क्या काम कर सकता है, इसको लेकर एक रिपोर्ट बनाई जा रही है, जिससे उन्नति का पैमाना शहरों के बजाए गांव होंगे. उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना बनेगी, जिसमें कृषि, पशुपालन, मत्स्य व ग्रामीण विकास विभागों की योजना के जरिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि कलस्टर एप्रोच के साथ सरकार आगे बढ़ेगी और किसानों को घर पर ही स्वरोजगार से जोड़ेगी, जिससे गांव विकसित व आर्थिक तौर पर सशक्त बनेंगे. उन्होंने बताया कि तीन दशक पहले गांव में लोगों की आय का साधन कृषि, बागवानी व पशुपालन था, जिसमें 90 फीसदी लोग कृषि पर ही निर्भर थे. आजादी के बाद देश की जीडीपी का 50 फीसदी हिस्सा कृषि का रहता था, जो कि वर्तमान में घटकर 12.79 फीसदी रह गया है.

ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के तहत 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसके तहत प्रदेश में जहरमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक देश में सिक्किम ऐसा पहला राज्य है, जहां जहरमुक्त खेती हो रही है और अब हिमाचल देश का दूसरा ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां शून्य लागत आधारित प्राकृतिक खेती के जरिए किसान आत्मनिर्भर बनेंगे.

ये भी पढ़ें: निजी बस हादसे का घायल बुजुर्ग पीजीआई रेफर, इस वजह से हुआ हादसा

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में पहली बार किसानों के लिए ऑनलाइन किसान मेला शुरू होने जा रहा है. हालांकि अभी तक इन मेलों के लिए कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन बिलासपुर पहुंचे पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इस बात का खुलासा पत्रकार वार्ता के दौरान किया है. पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभागीय स्तर पर योजना का खाका तैयार किया जा रहा है और किसानों को ऑनलाइन ही प्रशिक्षण दिया जाएगा.

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि विभागों को अपनी सभी योजनाओं की विस्तृत सूचना जैसे कितना बीज, कितनी खाद और कितने आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं. ये तमाम जानकारी बोर्ड पर दर्शानी होगी, ताकि किसान व बागवानों को कार्यालय पहुंचते ही सभी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नीतिगत फैसला लिया है, जिसके तहत प्रदेश भर में स्किल मैपिंग शुरू की गई है.

वीडियो.

वीरेंद्र कंवर ने बताया कि कोरोना काल में हजारों लोग बेरोजगार हुए हैं और जो लोग बाहरी प्रदेशों में रोजगार प्राप्त थे वो भी अपने राज्य को वापस लौट आए हैं. ऐसे में कौन क्या-क्या काम कर सकता है, इसको लेकर एक रिपोर्ट बनाई जा रही है, जिससे उन्नति का पैमाना शहरों के बजाए गांव होंगे. उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना बनेगी, जिसमें कृषि, पशुपालन, मत्स्य व ग्रामीण विकास विभागों की योजना के जरिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.

पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि कलस्टर एप्रोच के साथ सरकार आगे बढ़ेगी और किसानों को घर पर ही स्वरोजगार से जोड़ेगी, जिससे गांव विकसित व आर्थिक तौर पर सशक्त बनेंगे. उन्होंने बताया कि तीन दशक पहले गांव में लोगों की आय का साधन कृषि, बागवानी व पशुपालन था, जिसमें 90 फीसदी लोग कृषि पर ही निर्भर थे. आजादी के बाद देश की जीडीपी का 50 फीसदी हिस्सा कृषि का रहता था, जो कि वर्तमान में घटकर 12.79 फीसदी रह गया है.

ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के तहत 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसके तहत प्रदेश में जहरमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक देश में सिक्किम ऐसा पहला राज्य है, जहां जहरमुक्त खेती हो रही है और अब हिमाचल देश का दूसरा ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां शून्य लागत आधारित प्राकृतिक खेती के जरिए किसान आत्मनिर्भर बनेंगे.

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