बिलासपुरः उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नयना देवी में नव वर्ष मेला धूमधाम के साथ संपन्न हो गया. पांच दिन तक चले इस मेले में लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए. नव वर्ष मेले में भी नयना देवी नगर परिषद, मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की हर सुविधा का ख्याल रखा. नव वर्ष की पूर्व संध्या से ही पूरे नयना देवी क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था.
नारियल और प्रसाद ले जाने पर रही पाबंदी
नव वर्ष मेला में चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा लगाया गया था. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर नयना देवी मंदिर आने वाली हर सड़क पर चौकसी बढ़ा दी गई थी. भाखड़ा डैम-कैंचीमोड़ और कोलांबाला टोबा में चेकिंग के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे भेजा गया. अस्त्र-शस्त्र ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहा. वहीं, मंदिर के भीतर नारियल और प्रसाद ले जाने पर भी पाबंदी रही.
खुले में नहीं परोसा लंगर
श्रद्धालुओं को निकासी रास्ते से फ्लाई ओवर से मंदिर भेजा गया और पौड़ियों के रास्ते से श्रद्धालुओं को वापिस भेजा गया. नव वर्ष मेले में मंदिर प्रशासन ने सेवा दलों को लंगरों की अनुमति दी गई थी. लंगर सेवादलों को प्रशासन ने सख्त हिदायत दी थी कि लंगर खुले में नहीं परोसे जाएंगे. गंदगी डालने वाले लंगरों से प्रशासन सख्ती से निपटेगा.
एलईडी से उपलब्ध करवाई गई सूचना
सेवादलों ने भी न्यास के आदेशों को माना और सेवादलों ने यात्रियों को लंगर परोसा. लंगर सेवा दलों ने ज्यादातर पैकिंग वाला भोजन ही यात्रियों को दिया. श्रद्धालुओं को एलईडी के माध्यम से सूचना उपलब्ध करवाई गई. इसके अलावा जगह-जगह पर सूचना केंद्र स्थापित किए गए थे. इस नव वर्ष मेला में लगभग 110 सीसीटीवी कैमरों की मदद से चारों ओर नजर रखी गई.
आपात स्थिति के लिए क्यूआरटी की तैनाती
नयना देवी मेला क्षेत्र में तीन उप-स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए थे. यह केन्द्र 24 घंटे श्रद्धालुओं की सेवा में रहे. न्यास ने 50 लोगों को अस्थायी तौर पर नियुक्त किया. आपात स्थिति से निपटने के लिए क्यूआरटी टीम भी तैनात की गई थी. मेला अधिकारी हुसन चंद चौधरी और डीएसपी अभिमन्यु ने हर गतिविधियों पर नजर रखी.
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