बिलासपुर: सिखों के प्रथम गुरू नानक देव जी की जयंती कोविड नियमों के चलते पूरी एहतियात के साथ मनाई गई. इस बार बिलासपुर शहर में स्थित कलगीधर गुरूदारा में कोई बड़ा कार्यकम नहीं हुआ. गुरुद्वारा साहिब में केवल सिर्फ पाठ का आयोजन किया गया.
भीड़ एकत्रित ना हो इसके लिए भंडारे का भी आयोजन नहीं किया गया. बता दें कि नानक जयंती पर हर बार पंजाब से एक टुकड़ी बिलासपुर कलगीधार गुरूद्वारा साहिब पहुंचती है. ये टुकड़ी पूरे शहर की परिक्रमा करते हुए गुरू नानक साहिब का पाठ करते हुए लोगों को एकता का संदेश देती थी.
नहीं हुआ कोई कार्यक्रम
नगर कीर्तन में आनंदपुर साहिब से आए जत्थे में पंज प्यारे और बैंड-बाजे आकर्षण का केंद्र होते थे. साथ ही नगर कीर्तन में गतका टीम आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहती थी, लेकिन इस साल इस तरह का कोई भी कार्यक्रम बिलासपुर में आयोजित नहीं किया गया. गौरतलब है कि बिलासपुर शहर के बीचों-बीच स्थित गुरूदारा में काफी धूमधाम से यह पर्व मनाया जाता है. साथ ही यहां पर भंडारा सहित अन्य कार्यकम किए जाते थे.
एसओपी का किया गया पालन
बिलासपुर गुरूदारा ग्रंथी नारायण सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण इस बार बड़ा आयोजन नहीं किया गया. यह आदेश अमृतसर गुरूदारा की ओर से जारी किए गए थे. साथ ही कोविड एसओपी की गाइडलाइन को पूरा किया गया.
बता दें कि हिमाचल में बढ़ते कोरोना के कहर के कारण सरकार ने सामूहिक आयोजनों में 50 से अधिक लोगों के इक्टठा होने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही रात्रि कर्फ्यू भी सरकार की ओर लगाया है.