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भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन को लेकर जगी उम्मीद, जल्द मिलेगी फॉरेस्ट क्लीयरेंस की मंजूरी - हिमाचल रेलवे के नोडल अधिकारी

रेल मंत्रालय ने भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मीटिंग अधिकारियों के साथ मीटिंग की. भानुपल्ली रेललाइन में फेज थ्री को लेकर बिलासपुर वन अरण्यपाल ने मंत्रालय से अप्रूवल मांगी. इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में रेल मंत्रालय के साथ हिमाचल रेलवे के नोडल अधिकारी भी मौजूद रहे.

Ministry Railway  video conference.
भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन को लेकर बैठक
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Published : Jan 28, 2021, 4:33 PM IST

Updated : Jan 28, 2021, 5:23 PM IST

बिलासपुर: सामरिक दष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन प्रदेश ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार की भी पूरी नजर है. वीरवार को रेल मंत्रालय द्वारा हिमाचल के भानुपल्ली-लेह रेललाइन के नोडल अधिकारी सहित वन अरण्यपाल बिलासपुर केआर कौशल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की गई.

रेललाइन के फेज थ्री पर चर्चा

वीडियो कॉन्फ्रेंस में बिलासपुर वन विभाग की ओर से भेजे गए एफसीए फेज थ्री की अप्रूवल को लेकर चर्चा की गई. कुछ समय पहले वन अरण्यपाल बिलासपुर द्वारा रेललाइन के फेज थ्री में एफसीए के फाइल हिमाचल सरकार को भेजी थी. इस दौरान यह फाइन हिमाचल सरकार की ओर से केंद्र को भेजी गई. इन फाइल वर्क सहित रेललाइन कार्य की पूरी समीक्षा करने के लिए मंत्रालय की ओर वीडियो कॉन्फ्रेंस पर चर्चा की गई, जिसमें फेस थ्री की अप्रूवल को लेकर वन अरण्यपाल से कई जवाब भी पूछे गए.

Ministry Railway  video conference.
भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन को लेकर बैठक.

अप्रूवल जल्द मिलने की उम्मीद

वहीं, वन अरण्यपाल डीआर कौशल का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द यह अप्रूवल मिल जाएगी और वन भूमि पर रेललाइन का कार्य शुरू हो जाएगा. जानकारी के अनुसार भानुपल्ली-लेह रेललाइन में बिलासपुर की सीमा तक 29.63343 हेक्टेयर वन भूमि है. इस वन भूमि से भानुपल्ली-लेह रेललाइन के पहिए गुजरेंगे. ऐसे में वन भूमि पर कोई भी कार्य करने के लिए सबसे जरूरतमंद कार्य अप्रूवल का है.

वीडियो रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में दलयाड़ा मंदिर सड़क खस्ताहाल, लोगों ने सड़क को पक्का करने की उठाई मांग

वहीं, वीरवार को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में रेलवे सहित यूजर एजेंसी के अधिकारी भी मौजूद रहे. बता दें कि देश की सुरक्षा और सामरिक नजरिए से देखें तो 475 किलोमीटर लंबी भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेलवे लाइन के लिए अब तक इंटरनेशनल एजेंसी ने सेटेलाइट इमेज प्रणाली के जरिए 22 सर्वे करवाए गए हैं. भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह के तौर पर सबसे ऊंची इस रेलवे लाइन पर 30 रेलवे स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं.

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है यह रेल लाइन

यह रेल लाइन अगर लेह तक बनती है तो सामरिक दृष्टि से बेहद ज्यादा महत्वपूर्ण है. इस पर तेजी के साथ काम चल रहा है लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने आगे पहुंचाने का निर्णय नहीं लिया है. सर्वेक्षण के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जा सकेगा. इस रेल लाइन के बन जाने से लेह तक आसानी से और बिना किसी बाधा के सामान पहुंचाई जा सकती है जो चीन के साथ लगते संवेदनशील बॉर्डर के लिए जरूरी है. इस रेल लाइन के बनने से प्रदेश में कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा.

ये भी पढ़ें: CM जयराम ठाकुर ने किया मुख्यमंत्री संवाद कक्ष का शुभारंभ, आम लोगों को मिलेगी सुविधा

बिलासपुर: सामरिक दष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन प्रदेश ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार की भी पूरी नजर है. वीरवार को रेल मंत्रालय द्वारा हिमाचल के भानुपल्ली-लेह रेललाइन के नोडल अधिकारी सहित वन अरण्यपाल बिलासपुर केआर कौशल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की गई.

रेललाइन के फेज थ्री पर चर्चा

वीडियो कॉन्फ्रेंस में बिलासपुर वन विभाग की ओर से भेजे गए एफसीए फेज थ्री की अप्रूवल को लेकर चर्चा की गई. कुछ समय पहले वन अरण्यपाल बिलासपुर द्वारा रेललाइन के फेज थ्री में एफसीए के फाइल हिमाचल सरकार को भेजी थी. इस दौरान यह फाइन हिमाचल सरकार की ओर से केंद्र को भेजी गई. इन फाइल वर्क सहित रेललाइन कार्य की पूरी समीक्षा करने के लिए मंत्रालय की ओर वीडियो कॉन्फ्रेंस पर चर्चा की गई, जिसमें फेस थ्री की अप्रूवल को लेकर वन अरण्यपाल से कई जवाब भी पूछे गए.

Ministry Railway  video conference.
भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन को लेकर बैठक.

अप्रूवल जल्द मिलने की उम्मीद

वहीं, वन अरण्यपाल डीआर कौशल का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द यह अप्रूवल मिल जाएगी और वन भूमि पर रेललाइन का कार्य शुरू हो जाएगा. जानकारी के अनुसार भानुपल्ली-लेह रेललाइन में बिलासपुर की सीमा तक 29.63343 हेक्टेयर वन भूमि है. इस वन भूमि से भानुपल्ली-लेह रेललाइन के पहिए गुजरेंगे. ऐसे में वन भूमि पर कोई भी कार्य करने के लिए सबसे जरूरतमंद कार्य अप्रूवल का है.

वीडियो रिपोर्ट.

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वहीं, वीरवार को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में रेलवे सहित यूजर एजेंसी के अधिकारी भी मौजूद रहे. बता दें कि देश की सुरक्षा और सामरिक नजरिए से देखें तो 475 किलोमीटर लंबी भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेलवे लाइन के लिए अब तक इंटरनेशनल एजेंसी ने सेटेलाइट इमेज प्रणाली के जरिए 22 सर्वे करवाए गए हैं. भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह के तौर पर सबसे ऊंची इस रेलवे लाइन पर 30 रेलवे स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं.

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है यह रेल लाइन

यह रेल लाइन अगर लेह तक बनती है तो सामरिक दृष्टि से बेहद ज्यादा महत्वपूर्ण है. इस पर तेजी के साथ काम चल रहा है लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने आगे पहुंचाने का निर्णय नहीं लिया है. सर्वेक्षण के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जा सकेगा. इस रेल लाइन के बन जाने से लेह तक आसानी से और बिना किसी बाधा के सामान पहुंचाई जा सकती है जो चीन के साथ लगते संवेदनशील बॉर्डर के लिए जरूरी है. इस रेल लाइन के बनने से प्रदेश में कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा.

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Last Updated : Jan 28, 2021, 5:23 PM IST
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