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घराट की ऊर्जा से तैयार की बिजली, आटे की पिसाई के साथ धान की मशीन भी कर रही काम - जगतराम ठाकुर

जगतराम ठाकुर अपने पूर्वजों के बनाए गए घराट से बिजली पैदा कर रहे हैं. इस पुश्तैनी धरोहर को जीवित रखने के लिए जगतराम ने घराट के साथ धान की मशीनें भी लगाई हैं, जो घराट के पानी से पैदा होने वाली ऊर्जा से चल रही हैं.

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Published : Dec 1, 2019, 11:32 PM IST

बिलासपुर: दिल में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही एक करिश्मा बिलासपुर और सोलन जिला की सीमा पर बसे कैंचीमोड़ के रहने वाले जगतराम ठाकुर ने कर दिखाया है.जगतराम ठाकुर अपने पूर्वजों के बनाए गए घराट से बिजली पैदा कर रहे हैं.

इस पुश्तैनी धरोहर को जीवित रखने के लिए जगतराम ने घराट के साथ धान की मशीनें भी लगाई हैं, जो घराट के पानी से पैदा होने वाली ऊर्जा से चल रही हैं. यही नहीं दिन-रात मेहनत करके जगतराम घराट का आटा सोलन और बिलासपुर के दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचा रहे हैं.

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साल 2006 में जगतराम ने घराट से बिजली उत्पादन की योजना बनाई. एक संस्थान से सलाह-मशविरा करने के बाद उन्होंने अपने स्तर पर 10 किलोवाट क्षमता का पावर प्रोजेक्ट स्थापित करते हुए नया मुकाम हासिल किया.घराट से पैदा की जा रही बिजली को जगतराम अपने घर में ही प्रयोग कर रहे हैं.

पूर्वजों का ये घराट परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. जगतराम परिवार का पालन-पोषण भी इसी कारोबार से कर हैं. वहीं, परिवार की भावी पीढ़ी भी घराट की इस पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने में रुचि दिखा रही है.

बिलासपुर: दिल में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही एक करिश्मा बिलासपुर और सोलन जिला की सीमा पर बसे कैंचीमोड़ के रहने वाले जगतराम ठाकुर ने कर दिखाया है.जगतराम ठाकुर अपने पूर्वजों के बनाए गए घराट से बिजली पैदा कर रहे हैं.

इस पुश्तैनी धरोहर को जीवित रखने के लिए जगतराम ने घराट के साथ धान की मशीनें भी लगाई हैं, जो घराट के पानी से पैदा होने वाली ऊर्जा से चल रही हैं. यही नहीं दिन-रात मेहनत करके जगतराम घराट का आटा सोलन और बिलासपुर के दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचा रहे हैं.

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साल 2006 में जगतराम ने घराट से बिजली उत्पादन की योजना बनाई. एक संस्थान से सलाह-मशविरा करने के बाद उन्होंने अपने स्तर पर 10 किलोवाट क्षमता का पावर प्रोजेक्ट स्थापित करते हुए नया मुकाम हासिल किया.घराट से पैदा की जा रही बिजली को जगतराम अपने घर में ही प्रयोग कर रहे हैं.

पूर्वजों का ये घराट परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. जगतराम परिवार का पालन-पोषण भी इसी कारोबार से कर हैं. वहीं, परिवार की भावी पीढ़ी भी घराट की इस पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने में रुचि दिखा रही है.

Intro:बिलासपुर और सोलन की सीमा पर कैंचीमोड़ (असलू) में रहने वाले जगतराम ठाकुर ने अपनी मेहनत से लगाया 10 किलोवाट क्षमता का बिजली प्रोजेक्ट, ले रहे भरपूर लाभBody:बाइट विसुलConclusion:बिलासपुर और सोलन की सीमा पर कैंचीमोड़ (असलू) में रहने वाले जगतराम ठाकुर ने अपनी मेहनत से लगाया 10 किलोवाट क्षमता का बिजली प्रोजेक्ट, ले रहे भरपूर लाभ
बिलासपुर।
दिल में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। ऐसा ही एक करिश्मा बिलासपुर और सोलन जिला की सीमा पर कैंचीमोड़ (असलू) के रहने वाले जगतराम ठाकुर ने कर दिखाया है। स्वर्गीय गोपाल राम के इस होनहार बेटे ने ऐसा करिश्मा किया है कि लोग हैरान हो जाते हैं। वे यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि एक व्यक्ति इतने काम कैसे कर लेता है। हम बात कर रहे हैं कैंचीमोड़ (असलू) में स्वर्गीय गोपालाराम के घराट की, जिसे अब उनके पुत्र जगतराम ठाकुर चला रहे हैं। इस पुश्तैनी धरोहर को जीवित रखने के लिए जगतराम ने घराट के साथ धान की मशीनें भी लगाई हैं। अहम बात यह है कि वे भी पानी से ही चलती हैं। दिन-रात मेहनत करके जगतराम ‘ठाकुर घराट स्पेशल’ के नाम से घराट का पौष्टिक आटा न केवल सोलन व बिलासपुर के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहंुचा रहे हैं, बल्कि इसी घराट से बिजली भी पैदा कर रहे हैं।
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जगतराम ठाकुर ने रुड़की के एक संस्थान से ट्रेनिंग लेनी भी शुरू की, लेकिन 1990 में पिता की मौत के बाद परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर आ गई। उन्होंने घराट के काम को आगे बढ़ाया और साथ ही आय में बढ़ोतरी के लिए धान की मशीनें भी लगाई। 2006 में उन्होंने घराट से बिजली के उत्पादन की योजना बनाई। एक संस्थान से सलाह-मशविरा करने के बाद उन्होंने अपने स्तर पर 10 किलोवाट क्षमता का पावर प्रोजेक्ट स्थापित करते हुए नया मुकाम हासिल किया। घराट से पैदा की जा रही बिजली को वह अपने घर में ही प्रयोग कर रहे हैं। इसी कारोबार के बूते उन्होंने अपनी 4 बेटियों की शादी की। उनकी पत्नी और बेटा भी इस काम में उनका पूरा सहयोग दे रहे हैं। खासकर जमा दो की पढ़ाई कर चुका बेटा मंजीत ठाकुर इसमें काफी रुचि ले रहा है, ताकि इस प्रोजेक्ट को और आगे बढ़ाया जा सके।


बाइट जगत राम ठाकुर

बाइट बेटा मंजीत ठाकुर
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