बिलासपुर: दिल में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही एक करिश्मा बिलासपुर और सोलन जिला की सीमा पर बसे कैंचीमोड़ के रहने वाले जगतराम ठाकुर ने कर दिखाया है.जगतराम ठाकुर अपने पूर्वजों के बनाए गए घराट से बिजली पैदा कर रहे हैं.
इस पुश्तैनी धरोहर को जीवित रखने के लिए जगतराम ने घराट के साथ धान की मशीनें भी लगाई हैं, जो घराट के पानी से पैदा होने वाली ऊर्जा से चल रही हैं. यही नहीं दिन-रात मेहनत करके जगतराम घराट का आटा सोलन और बिलासपुर के दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचा रहे हैं.
साल 2006 में जगतराम ने घराट से बिजली उत्पादन की योजना बनाई. एक संस्थान से सलाह-मशविरा करने के बाद उन्होंने अपने स्तर पर 10 किलोवाट क्षमता का पावर प्रोजेक्ट स्थापित करते हुए नया मुकाम हासिल किया.घराट से पैदा की जा रही बिजली को जगतराम अपने घर में ही प्रयोग कर रहे हैं.
पूर्वजों का ये घराट परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. जगतराम परिवार का पालन-पोषण भी इसी कारोबार से कर हैं. वहीं, परिवार की भावी पीढ़ी भी घराट की इस पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने में रुचि दिखा रही है.