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बिलासपुर में अवैध खनन से गिरा भू-जलस्तर: 62 पेयजल स्कीमें प्रभावित, गहरा सकता जलसंकट

बिलासपुर जिले में अवैध खनन के कारण पेयजल स्कीमों के पानी का स्तर लेवल से डेढ़ मीटर नीचे चला गया है. जिससे जिले में पेयजल संकट आने की नौबत हो गई है. जलशक्ति विभाग बिलासपुर ने चैकडैम लगाकर पानी को बढ़ाने की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्यस्तरीय कमेटी को भेजी है.

In Drinking water schemes groundwater level is less in Bilaspur
बिलासपुर में गहराया जल संकट
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Published : May 5, 2023, 12:47 PM IST

बिलासपुर में गहराया जल संकट

बिलासपुर: जिला बिलासपुर की खड्डों में प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन की वजह से भू-जलस्तर पेयजल योजनाओं के पानी के स्तर लेवल से डेढ़ मीटर नीचे तक चला गया है. विभागीय टीम के सर्वेक्षण में भू-जल स्तर के कम होने का खुलासा हुआ है. पेयजल योजनाओं के अस्तित्व पर भविष्य में एक बड़ा संकट गहराने की संभावना के मद्देनजर जलशक्ति विभाग ने चेकडैम लगाकर जलस्रोतों के संवर्धन की कार्ययोजना तैयार की है.

'अवैध खनन से जिले की 62 पेयजल स्कीमें प्रभावित': उपायुक्त बिलासपुर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी की स्वीकृति के बाद यह प्रस्ताव राज्य स्तरीय कमेटी को प्रेषित किया गया है. राज्य सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही फंडिंग के लिए जलजीवन मिशन की के पास प्रस्ताव को भेजा जाएगा. बिलासपुर जिले में सीर खड्ड के अलावा शुक्र व सरहयाली सहित अन्य सहयोगी खड्डें हैं, जिनसे पेयजल स्कीमें चलाई जा रही हैं. जिले में 278 पेयजल स्कीमें व 76 सिंचाई स्कीमें संचालित हैं. सीर खड्ड पर जाहू से लेकर झंडूता ब्लॉक के बलघाड़ तक 62 पेयजल स्कीमें कार्यरत हैं जिनके माध्यम से हजारों लाखों की आबादी लाभाविंत होती है.

'अवैध खनन से जल संकट की नौबत': सालों से खड्डों में हो रहे अवैध खनन और अवैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन के कारण खड्डों का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जिसके चलते भविष्य में एक बड़ा पेयजल संकट गहराने के आसार बन गए हैं. जलशक्ति विभाग ने जाहू से लेकर बलघाड़ तक जांच की तो पाया कि खड्डों पर आधारित पेयजल योजनाओं का जलस्तर लेवल से डेढ़ मीटर तक नीचे चला गया है. कई योजनाएं में पानी की भारी कमी के चलते खड्ड में किसी दूसरी जगह पंप लगाकर पानी की आपूर्ति लेनी पड़ती है. इस बार अगर जिले में लंबे समय तक बारिश नहीं होती तो शायद इन योजनाओें के लिए टैंकर लगाने की नौबत आती, लेकिन अभी तक बारिश होने के चलते विभाग ने राहत की सांस ली है.

मंजूरी के लिए भेजी डीपीआर': वहीं, जलशक्ति विभाग बिलासपुर सर्किल के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि खड्डों पर आधारित पेयजल स्कीमें का जलस्तर लेवल से भी डेढ़ मीटर नीचे तक उतर गया है. इसी चिंता को ध्यान में रखत हुए चेकडैम लगाकर पानी को बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्यस्तरीय कमेटी को भेजी गई है. अप्रूवल मिलने के बाद जलजीवन मिशन से फंडिंग के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके अतिरिक्त अवैध खनन की रोकथाम के लिए भी विभाग ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

59.11 करोड़ का का प्रोजेक्ट्र': जलशक्ति विभाग बिलासपुर सर्किल के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार शर्मा के अनुसार जिला के तीनों ब्लॉकों से एक एक डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजी गई है. यह प्रोजेक्ट 59.11 करोड़ रुपए की लागत का है. इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत घुमारवीं ब्लॉक के लिए 24 करोड़, बिलासपुर सदर ब्लॉक के लिए 19 करोड़ और झंडूता ब्लॉक के लिए 16 करोड़ का प्रोजेक्ट शामिल है. अहम बात यह है कि खड्डों पर आधारित पेयजल योजनाओं के पास ही चेकडैम लगाए जाएंगे, ताकि योजनाओं के पानी के जलस्तर को बढ़ाया जा सके और भविष्य में पैदा होने वाले संकट से निजात मिल पाए.

ये भी पढे़ें: Bilaspur: कोलडैम और चमेरा डैम में शुरू होंगी मोटरबोट, पर्यटक भी ले सकेंगे जलाशयों का आनंद

बिलासपुर में गहराया जल संकट

बिलासपुर: जिला बिलासपुर की खड्डों में प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन की वजह से भू-जलस्तर पेयजल योजनाओं के पानी के स्तर लेवल से डेढ़ मीटर नीचे तक चला गया है. विभागीय टीम के सर्वेक्षण में भू-जल स्तर के कम होने का खुलासा हुआ है. पेयजल योजनाओं के अस्तित्व पर भविष्य में एक बड़ा संकट गहराने की संभावना के मद्देनजर जलशक्ति विभाग ने चेकडैम लगाकर जलस्रोतों के संवर्धन की कार्ययोजना तैयार की है.

'अवैध खनन से जिले की 62 पेयजल स्कीमें प्रभावित': उपायुक्त बिलासपुर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी की स्वीकृति के बाद यह प्रस्ताव राज्य स्तरीय कमेटी को प्रेषित किया गया है. राज्य सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही फंडिंग के लिए जलजीवन मिशन की के पास प्रस्ताव को भेजा जाएगा. बिलासपुर जिले में सीर खड्ड के अलावा शुक्र व सरहयाली सहित अन्य सहयोगी खड्डें हैं, जिनसे पेयजल स्कीमें चलाई जा रही हैं. जिले में 278 पेयजल स्कीमें व 76 सिंचाई स्कीमें संचालित हैं. सीर खड्ड पर जाहू से लेकर झंडूता ब्लॉक के बलघाड़ तक 62 पेयजल स्कीमें कार्यरत हैं जिनके माध्यम से हजारों लाखों की आबादी लाभाविंत होती है.

'अवैध खनन से जल संकट की नौबत': सालों से खड्डों में हो रहे अवैध खनन और अवैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन के कारण खड्डों का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जिसके चलते भविष्य में एक बड़ा पेयजल संकट गहराने के आसार बन गए हैं. जलशक्ति विभाग ने जाहू से लेकर बलघाड़ तक जांच की तो पाया कि खड्डों पर आधारित पेयजल योजनाओं का जलस्तर लेवल से डेढ़ मीटर तक नीचे चला गया है. कई योजनाएं में पानी की भारी कमी के चलते खड्ड में किसी दूसरी जगह पंप लगाकर पानी की आपूर्ति लेनी पड़ती है. इस बार अगर जिले में लंबे समय तक बारिश नहीं होती तो शायद इन योजनाओें के लिए टैंकर लगाने की नौबत आती, लेकिन अभी तक बारिश होने के चलते विभाग ने राहत की सांस ली है.

मंजूरी के लिए भेजी डीपीआर': वहीं, जलशक्ति विभाग बिलासपुर सर्किल के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि खड्डों पर आधारित पेयजल स्कीमें का जलस्तर लेवल से भी डेढ़ मीटर नीचे तक उतर गया है. इसी चिंता को ध्यान में रखत हुए चेकडैम लगाकर पानी को बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्यस्तरीय कमेटी को भेजी गई है. अप्रूवल मिलने के बाद जलजीवन मिशन से फंडिंग के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके अतिरिक्त अवैध खनन की रोकथाम के लिए भी विभाग ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

59.11 करोड़ का का प्रोजेक्ट्र': जलशक्ति विभाग बिलासपुर सर्किल के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार शर्मा के अनुसार जिला के तीनों ब्लॉकों से एक एक डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेजी गई है. यह प्रोजेक्ट 59.11 करोड़ रुपए की लागत का है. इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत घुमारवीं ब्लॉक के लिए 24 करोड़, बिलासपुर सदर ब्लॉक के लिए 19 करोड़ और झंडूता ब्लॉक के लिए 16 करोड़ का प्रोजेक्ट शामिल है. अहम बात यह है कि खड्डों पर आधारित पेयजल योजनाओं के पास ही चेकडैम लगाए जाएंगे, ताकि योजनाओं के पानी के जलस्तर को बढ़ाया जा सके और भविष्य में पैदा होने वाले संकट से निजात मिल पाए.

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