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कोरोना में ठप पड़ा फूल कारोबार, बैंक का लोन चुकाना भी हुआ मुश्किल

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Published : Jul 10, 2020, 8:49 PM IST

बिलासपुर में फूल उत्पादकों को कोरोना महामारी के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कारोबार ठप होने के चलते फूल उत्पादकों को बैंक का लोन चुकाना भी मुश्किल हो गया है.

huge losses to flower traders due to corona virus
फोटो

बिलासपुर: कोविड-19 और लॉकडाउन का सबसे बुरा प्रभाव प्रदेश के फूल उत्पादकों पर भी पड़ा है. बिलासपुर के नैना देवी क्षेत्र में फूल का व्यवसाय करने वाले कारोबारियों की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि वह बैंक से लिया हुए लोन की किस्त भी नहीं दे पा रहे हैं.

स्वारघाट की ग्राम पंचायत टाली में कई लोग फूल उत्पादन का काम करते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सारा कारोबार ठप पड़ चुका है. फूल उत्पादकों के सीजन की फसल भी तैयार हो चुकी है, लेकिन फूलों को बेचने की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है.

वीडियो रिपोर्ट

फूल कारोबारियों ने बैंकों से लाखों रुपये का कर्ज लेकर ग्रीन हाउस तैयार किए हैं. जिनमें महंगी प्रजातियों के फूलों का उत्पादन किया गया है. इनके पहले सीजन की पैदावार कोरोना और लॉकडाउन की भेंट चढ़ चुकी है. वहीं, अब जब दूसरे सीजन की पैदावार भी तैयार हो चुकी है, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में फूलों के खरीदार ना मिलने से अब इन्हें अपनी रोजी-रोटी की चिंता सता रही है.

पूर्व में यह फूल उत्पादक अपने फूलों को स्वारघाट से दिल्ली भेजते थे, लेकिन अब बाजार में डिमांड ना होने के चलते फूलों की फसल कूड़े के ढेर में जाती नजर आ रही है. फूल उत्पादक किसान श्याम लाल का कहना है कि अब बैंक से ऋण चुकाने के नोटिस आने शुरू हो गए हैं. उन्होंने कहा इस माहमारी के चलते उनकी फसल मंडी में नहीं जा रही है. जिस कारण उन्हें फसल को कूड़े के ढेर में फेंकना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला में ITMS पायलट प्रोजेक्ट का ट्रायल शुरू, काटा जाएगा ऑटोमेटिक चालान

बिलासपुर: कोविड-19 और लॉकडाउन का सबसे बुरा प्रभाव प्रदेश के फूल उत्पादकों पर भी पड़ा है. बिलासपुर के नैना देवी क्षेत्र में फूल का व्यवसाय करने वाले कारोबारियों की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि वह बैंक से लिया हुए लोन की किस्त भी नहीं दे पा रहे हैं.

स्वारघाट की ग्राम पंचायत टाली में कई लोग फूल उत्पादन का काम करते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सारा कारोबार ठप पड़ चुका है. फूल उत्पादकों के सीजन की फसल भी तैयार हो चुकी है, लेकिन फूलों को बेचने की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है.

वीडियो रिपोर्ट

फूल कारोबारियों ने बैंकों से लाखों रुपये का कर्ज लेकर ग्रीन हाउस तैयार किए हैं. जिनमें महंगी प्रजातियों के फूलों का उत्पादन किया गया है. इनके पहले सीजन की पैदावार कोरोना और लॉकडाउन की भेंट चढ़ चुकी है. वहीं, अब जब दूसरे सीजन की पैदावार भी तैयार हो चुकी है, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में फूलों के खरीदार ना मिलने से अब इन्हें अपनी रोजी-रोटी की चिंता सता रही है.

पूर्व में यह फूल उत्पादक अपने फूलों को स्वारघाट से दिल्ली भेजते थे, लेकिन अब बाजार में डिमांड ना होने के चलते फूलों की फसल कूड़े के ढेर में जाती नजर आ रही है. फूल उत्पादक किसान श्याम लाल का कहना है कि अब बैंक से ऋण चुकाने के नोटिस आने शुरू हो गए हैं. उन्होंने कहा इस माहमारी के चलते उनकी फसल मंडी में नहीं जा रही है. जिस कारण उन्हें फसल को कूड़े के ढेर में फेंकना पड़ रहा है.

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