ETV Bharat / state

अगले दस सालों में खूब फलेंगे-फूलेंगे हिमाचल के जंगल, 30 प्रतिशत होगा वन क्षेत्र

हिमाचल में 2030 तक वन क्षेत्रफल को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना पर काम शुरू हो गया है. इस समय यह आंकड़ा 27.7 फीसदी है, जबकि इसकी बढ़ोतरी के मद्देनजर सभी जिलों में प्लांटेशन के लिए टारगेट फिक्स किए गए हैं. इस बाबत विभाग की ओर से सभी जिलों को लक्ष्य दिए गए हैं.

RS Patial
RS Patial
author img

By

Published : Aug 29, 2020, 5:26 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल में 2030 तक वन क्षेत्रफल को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना पर काम शुरू हो गया है. इस समय यह आंकड़ा 27.7 फीसदी है, जबकि इसकी बढ़ोतरी के मद्देनजर सभी जिलों में प्लांटेशन के लिए टारगेट फिक्स किए गए हैं. इसके तहत प्रदेश में हर साल करीब 12 हजार हेक्टेयर एरिया में प्लांटेशन की जाएगी.

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में इस बार हिमाचल में वनों का दायरा बढ़ा है. वनों के दायरे में और अधिक वृद्धि के मद्देनजर सरकार ने अगले दस साल के लिए टारगेट तय कर लिया है. इसके तहत 30 फीसदी तक जंगलों का दायरा बढ़ाया जाएगा.

वीडियो
इस बाबत विभाग की ओर से सभी जिलों को लक्ष्य दिए गए हैं. प्रदेश में वनों का दायरा बढ़ाने के लिए 12 हजार हेक्टेयर एरिया में पौधरोपण किया जा रहा है, जबकि इससे पहले हर साल 9 हजार हेक्टेयर एरिया में पौधे लगाए जाते रहे हैं, लेकिन अगले 10 सालों में वन क्षेत्रफल को बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्लांटेशन के टारगेट भी बढ़ाए गए हैं.

सामुदायिक वन संवर्धन योजना, विद्यार्थी वन मित्र योजना, जायका प्रोजेक्ट और चिहिंत किए गए एरिया में प्लांटेशन की जा रही है. साथ ही विभिन्न विकासात्मक परियोजना के लिए किए गए पेड़ कटान की जगह भी पौधरोपण का काम हो रहा है. इसके तहत चीड़, आंबला, हरड़, बेहड़ा, जामुन, अर्जुन, खैर, शीशम इत्यादि के पौधे लगाए जा रहे हैं.

खास बात यह है कि जंगलों के 60 फीसदी एरिया में 4 से 5 फीट के पौधे लगाए जा रहे हैं, जिससे इनकी ग्रोथ जल्द से जल्द हो सके व जंगलों का आकार बढ़े. उन्होंने बताया कि प्रति हेक्टेयर 40 से 50 हजार रुपये का बजट जारी हुआ है. उन्होंने बताया कि जंगलों में 30 प्रतिशत प्लांटेशन फलदार पौधों की हो रही है यह निर्देश विभाग की ओर से आए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल के चलते प्लांटेशन का आधा काम ठेकेदारों के माध्यम से करवाया जा रहा है, जिसके लिए टेंडर किए गए हैं. वहीं, विभाग अपने स्तर पर भी पौधरोपण कर रहा है.

वन वृत्त बिलासपुर के मुख्य अरण्यपाल आरएस पटियाल के अनुसार वन वृत्त बिलासपुर में दो डिवीजन बिलासपुर व कुनिहार आते हैं. इनमें कुल 493 हेक्टेयर एरिया में प्लांटेशन का काम हो रहा है. बिलासपुर डिवीजन में 257 हेक्टेयर और कुनिहार डिवीजन में 226 हेक्टेयर एरिया में प्लांटेशन की जा रही है. उन्होंने बताया कि 24 अगस्त तक की रिपोर्ट के अनुसार दोनों डिवीजन में 411 हेक्टेयर एरिया में प्लांटेशन का काम हो चुका है, जबकि शेष में जारी है.

इसके तहत बिलासपुर डिवीजन में 192 हेक्टेयर और कुनिहार डिवीजन में 219 हैक्टेयर एरिया में प्लांटेशन की की गई है. यह काम सितंबर महीने तक चलेगा, जिसके तहत दोनों डिवीजन में 2.784 लाख पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि यह काम बरसात के मौसम में हर साल विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशानुसार करवाया जाता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में प्रदेश के जंगलों का दायरा बढ़ेगा और प्रदेश को हरा भरा बनाने के लिए विभाग कृतसंकल्प है.

पढ़ें: इंदिरा गांधी खेल परिसर शिमला में राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन

बिलासपुर: हिमाचल में 2030 तक वन क्षेत्रफल को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना पर काम शुरू हो गया है. इस समय यह आंकड़ा 27.7 फीसदी है, जबकि इसकी बढ़ोतरी के मद्देनजर सभी जिलों में प्लांटेशन के लिए टारगेट फिक्स किए गए हैं. इसके तहत प्रदेश में हर साल करीब 12 हजार हेक्टेयर एरिया में प्लांटेशन की जाएगी.

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में इस बार हिमाचल में वनों का दायरा बढ़ा है. वनों के दायरे में और अधिक वृद्धि के मद्देनजर सरकार ने अगले दस साल के लिए टारगेट तय कर लिया है. इसके तहत 30 फीसदी तक जंगलों का दायरा बढ़ाया जाएगा.

वीडियो
इस बाबत विभाग की ओर से सभी जिलों को लक्ष्य दिए गए हैं. प्रदेश में वनों का दायरा बढ़ाने के लिए 12 हजार हेक्टेयर एरिया में पौधरोपण किया जा रहा है, जबकि इससे पहले हर साल 9 हजार हेक्टेयर एरिया में पौधे लगाए जाते रहे हैं, लेकिन अगले 10 सालों में वन क्षेत्रफल को बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्लांटेशन के टारगेट भी बढ़ाए गए हैं.

सामुदायिक वन संवर्धन योजना, विद्यार्थी वन मित्र योजना, जायका प्रोजेक्ट और चिहिंत किए गए एरिया में प्लांटेशन की जा रही है. साथ ही विभिन्न विकासात्मक परियोजना के लिए किए गए पेड़ कटान की जगह भी पौधरोपण का काम हो रहा है. इसके तहत चीड़, आंबला, हरड़, बेहड़ा, जामुन, अर्जुन, खैर, शीशम इत्यादि के पौधे लगाए जा रहे हैं.

खास बात यह है कि जंगलों के 60 फीसदी एरिया में 4 से 5 फीट के पौधे लगाए जा रहे हैं, जिससे इनकी ग्रोथ जल्द से जल्द हो सके व जंगलों का आकार बढ़े. उन्होंने बताया कि प्रति हेक्टेयर 40 से 50 हजार रुपये का बजट जारी हुआ है. उन्होंने बताया कि जंगलों में 30 प्रतिशत प्लांटेशन फलदार पौधों की हो रही है यह निर्देश विभाग की ओर से आए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल के चलते प्लांटेशन का आधा काम ठेकेदारों के माध्यम से करवाया जा रहा है, जिसके लिए टेंडर किए गए हैं. वहीं, विभाग अपने स्तर पर भी पौधरोपण कर रहा है.

वन वृत्त बिलासपुर के मुख्य अरण्यपाल आरएस पटियाल के अनुसार वन वृत्त बिलासपुर में दो डिवीजन बिलासपुर व कुनिहार आते हैं. इनमें कुल 493 हेक्टेयर एरिया में प्लांटेशन का काम हो रहा है. बिलासपुर डिवीजन में 257 हेक्टेयर और कुनिहार डिवीजन में 226 हेक्टेयर एरिया में प्लांटेशन की जा रही है. उन्होंने बताया कि 24 अगस्त तक की रिपोर्ट के अनुसार दोनों डिवीजन में 411 हेक्टेयर एरिया में प्लांटेशन का काम हो चुका है, जबकि शेष में जारी है.

इसके तहत बिलासपुर डिवीजन में 192 हेक्टेयर और कुनिहार डिवीजन में 219 हैक्टेयर एरिया में प्लांटेशन की की गई है. यह काम सितंबर महीने तक चलेगा, जिसके तहत दोनों डिवीजन में 2.784 लाख पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि यह काम बरसात के मौसम में हर साल विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशानुसार करवाया जाता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में प्रदेश के जंगलों का दायरा बढ़ेगा और प्रदेश को हरा भरा बनाने के लिए विभाग कृतसंकल्प है.

पढ़ें: इंदिरा गांधी खेल परिसर शिमला में राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.