बिलासपुर: मंडी-भराड़ी गांव के फोरलेन विस्थापित परिवारों ने भराड़ी के पास फोरलेन सड़क मार्ग व कंपनी के कार्य को बंद करवा दिया और मंडी-भराड़ी सड़क पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि फोरलेन सड़क निर्माण के कारण उनके मकानों और भूमि को भारी हानि पहुंची है. उनके मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आने के कारण उनमें रह पाना खतरे से खाली नहीं है.
उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से अपने मकानों और भूमि के नुकसान का मुआवजा दिलाए जाने की वह राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों और जिला प्रशासन तथा इस सड़क का निर्माण करने वाली गाबर कंपनी से बार-बार मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें हर बार कोरे आश्वासन ही दिए गए और उनकी किसी ने भी कोई सुध नहीं ली. जिस कारण विवश होकर उन्हें यह कदम उठाने को विवश होना पड़ा है.
फोरलेन प्रभावितों का कहना है कि 2019 में मंडी डिविजनल कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि लोगों की जमीनों के पैसों में 30 प्रतिशत रेट बढ़ाया जाए और 2013 से 9 प्रतिशत ब्याज दिया जाए. लेकिन आज तक एनएचएआई की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि हमारी जमीन की कटिंग की जा रही है, न तो उनमें सुरक्षा दीवारें लगाई जा रही है. जिस कारण लोगों के घरों में दरारें आ गई हैं. लोगों के मकान गिर रहे हैं. लेकिन उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक एनएचएआई प्रभावितों के पैसे वापस नहीं देती तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा.
हालांकि फोरलेन प्रभावितों द्वारा बंद किए गए सड़क मार्ग के कारण आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दोनों और ट्रैफिक लगा रहा. लोगों ने पूरी तरह से फोरलेन बंद किया हुआ था. हालांकि जिन लोगों को वैकल्पिक मार्गों का पता था, वे तो अन्य वैकल्पिक मार्ग से होते हुए निकल गए, लेकिन अन्य लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.
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