बिलासपुर: निर्माणाधीन एम्स में स्थानीय लोगों की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है. लोगों का लाखों-करोड़ों का नुकसान हो चुका है, लेकिन एम्स प्रबंधक और जिला प्रशासन की ओर से किसी अधिकारी ने आज दिन तक नुकसान को जायजा नहीं लिया है, बल्कि अपने हक के लिए आवाज उठाने वालों की आवाज को पुलिस के माध्यम से बंद करbeने की कोशिश की जा रही है. यह बात नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने बिलासपुर में पत्रकारवार्ता में कही.
रामलाल ठाकुर का एम्स प्रबंधन पर आरोप
पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा कि अगर जल्द ही एम्स प्रभावित लोगों की समस्याओं का प्रमुखता से समाधान नहीं किया गया, तो लोगों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन होगा. इसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी. उन्होंने कहा कि सात जून को बारिश के चलते लोगों की जमीनें, ग्रीन हाऊस के साथ रिहायशी मकानों को नुकसान पहुंचा है. एक छोटे से नाले ने विकराल खड्ड का रूप धारण कर लिया था. इससे हुए नुकसान को लेकर बाकायदा स्थानीय लोगों के सहयोग से उपायुक्त को भी अवगत करवाया गया है.
'मनमर्जी से हो रही डंपिंग'
रामलाल ठाकुर ने कहा कि उपायुक्त द्वारा इस दौरान एसडीएम को नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए, लेकिन एसडीएम भी एक बार ही मौके पर गए और इन प्रभावित लोगों को अभी तक कोई राहत नहीं मिल पाई है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जब कोई प्रोजेक्ट शुरू किया जाता है तो सबसे पहले डंपिंग साइट की स्वीकृति होती है, लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत निजी कंपनी को एम्स बनाने का काम तो दे दिया गया, लेकिन कंपनी की ओर से आज तक डंपिंग साइट चिन्हित नहीं की गई है. मनमर्जी से डंपिंग की जा रही है जिसका खामियाजा लोगों को बरसात की शुरूआती दौर में ही भुगतना पड़ा है.
ये भी पढ़ें- हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर की माता का निधन, काफी समय से चल रहीं थीं अस्वस्थ