बिलासपुर: भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा गोद लिए गए जिले के दियोली गांव में ग्रामीणों के रेशम विभाग के प्रबंधन से खफा होने का मामला सामने आया है. कोकून उत्पादक किसानों ने रेशम विभाग से संबंधित अधिकारियों पर निजी फर्मों के साथ मिली भगत कर किसानों को कोकून के कम दाम दिलवाने का आरोप लगाया है.
दियोली गांव के निवासी किसानों ने बताया कि पिछले साल ए ग्रेड के कोकून का दाम नौ सौ रुपये प्रति किलो मिला था जबकि इस बार मनमर्जी के दाम निर्धारित कर किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इस बार ए ग्रेड के कोकून को कौड़ियों के दाम पर करीब सात सौ रुपये प्रति किलो खरीदा गया.
कोकून तैयार होने के बाद इस बार करीब चार-पांच महीने के बाद रेशम विभाग के अधिकारियों ने निजी फर्मों से सम्पर्क कर कोकून की खरीद करवाई. जिस कारण कुछ प्रतिशत कोकून तो रखा ही खराब हो चुका था. किसानों का कहना है कि इस बार रेशम कीट पालन से उन्हें आर्थिक हानि हुई है जोकि सरासर अन्याय है.
रेशम के कीट लेकर उन्हें कड़े परिश्रम से पालकर कोकून तैयार किया जाता है जिसके प्रति शहतूत की पत्तियों की बहुत आवश्यकता होती है. जो कि रेशम कीट पालकों को मोल भी खरीदनी पड़ती है. इस बार जिस तरह से रेशम विभाग के अधिकारियों ने लांच एवं पंगु व्यवस्था का परिचय दिया है उस प्रकार किसानों को भविष्य में रेशम कीट पालन का काम छोड़ने पर विवश होना पड़ेगा.
दियोली गांव के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि कोकून खरीद किसानों को हानि पहुंचाने के प्रति बरती गई अनमियतताओं के प्रति जांच करवाई जाए ताकि भविष्य में किसानों का शोषण होने से रूक सके.
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