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जेपी नड्डा के गोद लिए गांव के ग्रामीण नाराज, रेशम विभाग के प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

बिलासपुर के दियोली गांव के ग्रामीण रेशम विभाग के प्रबंधन से खफा हैं. कोकून उत्पादक किसानों ने अधिकारियों पर निजी फर्मों के साथ मिली भगत का आरोप लगाया है.

कोकून
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Published : Jul 27, 2019, 8:32 PM IST

बिलासपुर: भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा गोद लिए गए जिले के दियोली गांव में ग्रामीणों के रेशम विभाग के प्रबंधन से खफा होने का मामला सामने आया है. कोकून उत्पादक किसानों ने रेशम विभाग से संबंधित अधिकारियों पर निजी फर्मों के साथ मिली भगत कर किसानों को कोकून के कम दाम दिलवाने का आरोप लगाया है.

farmers
कोकून

दियोली गांव के निवासी किसानों ने बताया कि पिछले साल ए ग्रेड के कोकून का दाम नौ सौ रुपये प्रति किलो मिला था जबकि इस बार मनमर्जी के दाम निर्धारित कर किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इस बार ए ग्रेड के कोकून को कौड़ियों के दाम पर करीब सात सौ रुपये प्रति किलो खरीदा गया.

कोकून तैयार होने के बाद इस बार करीब चार-पांच महीने के बाद रेशम विभाग के अधिकारियों ने निजी फर्मों से सम्पर्क कर कोकून की खरीद करवाई. जिस कारण कुछ प्रतिशत कोकून तो रखा ही खराब हो चुका था. किसानों का कहना है कि इस बार रेशम कीट पालन से उन्हें आर्थिक हानि हुई है जोकि सरासर अन्याय है.

farmers
कोकून

रेशम के कीट लेकर उन्हें कड़े परिश्रम से पालकर कोकून तैयार किया जाता है जिसके प्रति शहतूत की पत्तियों की बहुत आवश्यकता होती है. जो कि रेशम कीट पालकों को मोल भी खरीदनी पड़ती है. इस बार जिस तरह से रेशम विभाग के अधिकारियों ने लांच एवं पंगु व्यवस्था का परिचय दिया है उस प्रकार किसानों को भविष्य में रेशम कीट पालन का काम छोड़ने पर विवश होना पड़ेगा.

farmers
कोकून

दियोली गांव के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि कोकून खरीद किसानों को हानि पहुंचाने के प्रति बरती गई अनमियतताओं के प्रति जांच करवाई जाए ताकि भविष्य में किसानों का शोषण होने से रूक सके.

ये भी पढे़ं - शिमला में भारी बारिश के बाद गिरे पेड़, करीब तीन सौ अन्य पेड़ गिरने के कगार पर

बिलासपुर: भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा गोद लिए गए जिले के दियोली गांव में ग्रामीणों के रेशम विभाग के प्रबंधन से खफा होने का मामला सामने आया है. कोकून उत्पादक किसानों ने रेशम विभाग से संबंधित अधिकारियों पर निजी फर्मों के साथ मिली भगत कर किसानों को कोकून के कम दाम दिलवाने का आरोप लगाया है.

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कोकून

दियोली गांव के निवासी किसानों ने बताया कि पिछले साल ए ग्रेड के कोकून का दाम नौ सौ रुपये प्रति किलो मिला था जबकि इस बार मनमर्जी के दाम निर्धारित कर किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इस बार ए ग्रेड के कोकून को कौड़ियों के दाम पर करीब सात सौ रुपये प्रति किलो खरीदा गया.

कोकून तैयार होने के बाद इस बार करीब चार-पांच महीने के बाद रेशम विभाग के अधिकारियों ने निजी फर्मों से सम्पर्क कर कोकून की खरीद करवाई. जिस कारण कुछ प्रतिशत कोकून तो रखा ही खराब हो चुका था. किसानों का कहना है कि इस बार रेशम कीट पालन से उन्हें आर्थिक हानि हुई है जोकि सरासर अन्याय है.

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कोकून

रेशम के कीट लेकर उन्हें कड़े परिश्रम से पालकर कोकून तैयार किया जाता है जिसके प्रति शहतूत की पत्तियों की बहुत आवश्यकता होती है. जो कि रेशम कीट पालकों को मोल भी खरीदनी पड़ती है. इस बार जिस तरह से रेशम विभाग के अधिकारियों ने लांच एवं पंगु व्यवस्था का परिचय दिया है उस प्रकार किसानों को भविष्य में रेशम कीट पालन का काम छोड़ने पर विवश होना पड़ेगा.

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कोकून

दियोली गांव के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि कोकून खरीद किसानों को हानि पहुंचाने के प्रति बरती गई अनमियतताओं के प्रति जांच करवाई जाए ताकि भविष्य में किसानों का शोषण होने से रूक सके.

ये भी पढे़ं - शिमला में भारी बारिश के बाद गिरे पेड़, करीब तीन सौ अन्य पेड़ गिरने के कगार पर

Intro:पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के द्वारा गोद लिए गए जिला बिलासपुर के दियोली गाँव के ग्रामीण रेशम विभाग के प्रबंधन से खफा होने का मामला सामने आया है। कोकून उत्पादक किसानों ने रेशम विभाग के संबंधित अधिकारियों पर निजी फर्मों के साथ मिली भगत कर किसानों को कोकून के कम दाम दिलवाने का आरोप लगाया है । दियोली गाँव के निवासी किसानों संजीव कुमार ,मस्त राम ने बताया कि पिछले साल ऐ ग्रेड के कोकून का दाम नौ सौ रुपए प्रति किलो मिला था जबकि इस बार मनमर्जी के दाम निर्धारित कर किसानों को आर्थिक तौर पर नुक्सान पहुंचा है। इस बार ऐ ग्रेड के कोकून को कौड़ियों के दाम पर करीब सात सौ रूपए प्रति किलो खरीदा गया गया। कोकून तैयार होने के उपरान्त इस बार करीब चार -पांच माह के उपरान्त रेशम विभाग के अधिकारियों ने निजी फर्मों से सम्पर्क कर कोकून की खरीद करवाई। जिस कारण कुछ प्रतिशत कोकून तो रखा -रखा ही खराब हो चुका था।किसानों का कहना है इस बार रेशम कीट पालन से उन्हें आर्थिक हानि पहुँची है जोकि सरासर अन्याय है। रेशम के कीट लेकर उन्हें बड़े कड़े परिश्रम से पालकर कोकून तैयार किया जाता है। जिसके प्रति शहतूत की पत्तियों की बहुत आवश्यकता होती है।जोकि रेशम कीट पालकों को मोल भी खरीदनी पड़ती है मगर इस बार जिस तरह से रेशम विभाग के अधिकारियों लांच एवं पंगु व्यवस्था का परिचय दिया है उस प्रकार किसानों को भविष्य में रेशम कीट पालन का कार्य छोड़ने पर विवश होना पड़ेगा। दियोली गाँव के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि कोकून खरीद किसानों को हानि पहुंचाने के प्रति बरती गई अनमियतताओं के प्रति जांच करवाई जाए ताकि भविष्य में किसानों का शोषण होने से रुक सके।



फीडबैक -
(1)-मस्त राम ,ग्रामीण निवासी दियोली गाँव। (बाइट )Body:Vishul byteConclusion:पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के द्वारा गोद लिए गए जिला बिलासपुर के दियोली गाँव के ग्रामीण रेशम विभाग के प्रबंधन से खफा होने का मामला सामने आया है। कोकून उत्पादक किसानों ने रेशम विभाग के संबंधित अधिकारियों पर निजी फर्मों के साथ मिली भगत कर किसानों को कोकून के कम दाम दिलवाने का आरोप लगाया है । दियोली गाँव के निवासी किसानों संजीव कुमार ,मस्त राम ने बताया कि पिछले साल ऐ ग्रेड के कोकून का दाम नौ सौ रुपए प्रति किलो मिला था जबकि इस बार मनमर्जी के दाम निर्धारित कर किसानों को आर्थिक तौर पर नुक्सान पहुंचा है। इस बार ऐ ग्रेड के कोकून को कौड़ियों के दाम पर करीब सात सौ रूपए प्रति किलो खरीदा गया गया। कोकून तैयार होने के उपरान्त इस बार करीब चार -पांच माह के उपरान्त रेशम विभाग के अधिकारियों ने निजी फर्मों से सम्पर्क कर कोकून की खरीद करवाई। जिस कारण कुछ प्रतिशत कोकून तो रखा -रखा ही खराब हो चुका था।किसानों का कहना है इस बार रेशम कीट पालन से उन्हें आर्थिक हानि पहुँची है जोकि सरासर अन्याय है। रेशम के कीट लेकर उन्हें बड़े कड़े परिश्रम से पालकर कोकून तैयार किया जाता है। जिसके प्रति शहतूत की पत्तियों की बहुत आवश्यकता होती है।जोकि रेशम कीट पालकों को मोल भी खरीदनी पड़ती है मगर इस बार जिस तरह से रेशम विभाग के अधिकारियों लांच एवं पंगु व्यवस्था का परिचय दिया है उस प्रकार किसानों को भविष्य में रेशम कीट पालन का कार्य छोड़ने पर विवश होना पड़ेगा। दियोली गाँव के ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि कोकून खरीद किसानों को हानि पहुंचाने के प्रति बरती गई अनमियतताओं के प्रति जांच करवाई जाए ताकि भविष्य में किसानों का शोषण होने से रुक सके।



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(1)-मस्त राम ,ग्रामीण निवासी दियोली गाँव। (बाइट )
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