बिलासपुर: उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ नैना देवी के कपाट खुलने पर एक दिन में 1000 श्रद्धालु ही मां नैना देवी के दर्शन कर पाएंगे. बस स्टैंड से लेकर मंदिर तक श्रद्धालुओं को कतारवद्ध दर्शन की सुविधा देने के लिए न्यास प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं. गुरूवार से मां नैना देवी का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा. हिमाचल सरकार ने गुरुवार से सभी मंदिर खोलने के आदेश जारी किए है. ऐसे में समूचे प्रदेश में भक्तों में उल्लास है.
मंदिर न्यास के अध्यक्ष एवं एसडीएम नैना देवी सुभाष कुमार गौतम ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर आकलन किया जाएगा. अभी श्राद्ध के चलते शुरूआती दिनों में श्रद्धालुओं की तादाद बहुत ज्यादा नहीं होगी. इसके चलते एक दिन में 1 हजार श्रद्धालुओं को मां के दर्शन करवाने का निर्णय लिया गया है.
एसडीएम नैना देवी ने कहा कि अगर आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के आंकड़े में बढ़ोतरी की जाएगी. उन्होंने बताया कि भीड़ बढने पर श्रद्धालुओं की प्रॉपर रजिस्ट्रेशन की जाएगी. थर्मल स्कैनिंग के साथ ही उनका पूरा विवरण दर्ज होगा. मंदिर तक मुख्य जगहों पर हैंडवाश व सेनिटाइजर की पूरी व्यवस्था उपलब्ध रहेगी. उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ई-कोविड पास अनिवार्य किया गया है और उन्हें अपना कोविड टेस्ट करवाना होगा.
सुभाष कुमार गौतम ने कहा कि बाहर से आने वालों के लिए मंदिर न्यास की बेवसाईट पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य की जाएगी और बाहर से आने वालों को ऑटो रजिस्ट्रेशन करवानी होगी. मंदिर न्यास अध्यक्ष के अनुसार मंदिर दर्शन के लिए टाईमिंग भी तय होगी. एक वक्त में 150 से 200 श्रद्धालुओं के जत्थे को स्लॉट में मंदिर भेजा जाएगा और उनके लौटने के बाद अगले जत्थे को रवाना किया जाएगा.
एसडीएम नैना देवी ने बताया कि प्रदेश के अन्य शक्तिपीठों के प्रबंधन के साथ भी बातचीत की जा रही है कि वहां पर श्रद्धालुओं के लिए क्या-क्या प्रबंध किए गए हैं. हालांकि अभी वैकल्पिक योजना बनाई गई है, जबकि अगले कुछ दिनों में स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रभावी योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा. इसके साथ ही पंजाब से सटी जिला की सीमा पर 8 नाके लगाए गए हैं, जहां से आने वाले श्रद्धालुओं की पूरी चैकिंग करके रिकार्ड दर्ज किया जा रहा है.
कोविड-19 के नियमों की पूरी जानकारी
मंदिर न्यास अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर क्षेत्र में अवेयर करने वाले फ्लेक्स लगाए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को कोविड-19 के नियमों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करने की सुविधा होगी. श्रद्धालुओं को नियमों की अनुपालना करनी होगी. मंदिर में फेस मास्क लगाकर आना अनिवार्य किया गया है.
सोशल डिस्टैंसिंग का रखना होगा पूरा ध्यान
केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर एसओपी के तहत गुरुवार को शक्तिपीठ नैना देवी के अलावा बाबा बालकनाथ मंदिर शाहतलाई, बिलासपुर में लक्ष्मीनारायण मंदिर और मार्कंडेय मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे. श्रद्धालुओं के लिए फेसमास्क व सोशल डिस्टैंसिंग की अनुपालना सुनिश्चित की गई है, जबकि मारकंडेय मंदिर व रूक्मणी कुंड में स्नान भी वर्जित किया गया है. 65 वर्ष के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं व 10 साल के बच्चों को आना मना है. मोबाईल फोन पर आरोग्य सेतु डाउनलोड करना जरूरी किया गया है.