ETV Bharat / state

पांचवी और आठवीं बोर्ड के भी विद्यार्थी होंगे फेल, नो-डिटेंशन पॉलिसी के तहत शिक्षा विभाग ने लिया निर्णय

प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 2019-20 सत्र से पांचवी और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को लेकर सख्त रवैया अपना सकता है. एग्जाम के समय में पासिंग नंबर ना होने के चलते फेल भी किया जा सकता है. जानिए पूरी खबर.

Education Department took decision under No-Detention Policy
पांचवी और आठवीं बोर्ड के भी विद्यार्थी होंगे फेल
author img

By

Published : Jan 16, 2020, 3:25 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 2019-20 सत्र से पांचवी और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को एग्जाम के समय में पासिंग नंबर ना होने के चलते फेल भी किया जा सकता है. विद्यार्थी को अब पांचवी और आठवीं कक्षा को पास किए बिना आगे कक्षा में प्रवेश नहीं मिल पाएगा.

बता दें कि अगर विद्यार्थी फेल होता है तो शिक्षा विभाग की ओर से दो महीने का समय दिया जाएगा. जिसमें विद्यार्थी को फिर से एग्जाम देना पड़ेगा और उसे उक्त सब्जेक्ट को पास करना पड़ेगा. विद्यार्थी को पास होने के लिए 33% अंक लेना भी जरूरी किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 33% और उससे ज्यादा अंक लेने वाले छात्रों को रिजल्ट घोषित होने के साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी समय पर दिए जाएंगे. शैक्षणिक सत्र 2019-20 से नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त शिक्षा विभाग ने कर दिया है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के मुताबिक स्कूलों में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को उसी इस कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों के पास होगा. केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही प्रदेश सरकार ने इस फैसले को अब लागू कर दिया है. सरकारी शिक्षा में गुणवत्ता आए इसके लिए अब पांचवी आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को फेल किया जाएगा. हालांकि फेल होने वाले छात्रों को 2 महीने बाद एक और मौका भी दिया जाएगा.

बता दें कि इन दोनों कक्षाओं के प्रश्नपत्र भले ही बोर्ड करवाएगा, लेकिन छात्रों की परीक्षा उनके अपने ही स्कूल में होगी. शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि जिला उप निदेशकों की यह जिम्मेदारी होगी कि यह बोर्ड की परीक्षाओं को सफल रूप से करवाएं. वहीं, नकल जैसी चीजों पर भी नजर रखने के लिए बार-बार औचक निरीक्षण किए जाएं. बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग इन दोनों कक्षाओं के लिए आंसर शीट उपलब्ध करवाएगा.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला में 11वीं के छात्र ने खाया जहर, जांच में जुटी पुलिस

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 2019-20 सत्र से पांचवी और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को एग्जाम के समय में पासिंग नंबर ना होने के चलते फेल भी किया जा सकता है. विद्यार्थी को अब पांचवी और आठवीं कक्षा को पास किए बिना आगे कक्षा में प्रवेश नहीं मिल पाएगा.

बता दें कि अगर विद्यार्थी फेल होता है तो शिक्षा विभाग की ओर से दो महीने का समय दिया जाएगा. जिसमें विद्यार्थी को फिर से एग्जाम देना पड़ेगा और उसे उक्त सब्जेक्ट को पास करना पड़ेगा. विद्यार्थी को पास होने के लिए 33% अंक लेना भी जरूरी किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 33% और उससे ज्यादा अंक लेने वाले छात्रों को रिजल्ट घोषित होने के साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी समय पर दिए जाएंगे. शैक्षणिक सत्र 2019-20 से नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त शिक्षा विभाग ने कर दिया है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के मुताबिक स्कूलों में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को उसी इस कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों के पास होगा. केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही प्रदेश सरकार ने इस फैसले को अब लागू कर दिया है. सरकारी शिक्षा में गुणवत्ता आए इसके लिए अब पांचवी आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को फेल किया जाएगा. हालांकि फेल होने वाले छात्रों को 2 महीने बाद एक और मौका भी दिया जाएगा.

बता दें कि इन दोनों कक्षाओं के प्रश्नपत्र भले ही बोर्ड करवाएगा, लेकिन छात्रों की परीक्षा उनके अपने ही स्कूल में होगी. शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि जिला उप निदेशकों की यह जिम्मेदारी होगी कि यह बोर्ड की परीक्षाओं को सफल रूप से करवाएं. वहीं, नकल जैसी चीजों पर भी नजर रखने के लिए बार-बार औचक निरीक्षण किए जाएं. बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग इन दोनों कक्षाओं के लिए आंसर शीट उपलब्ध करवाएगा.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला में 11वीं के छात्र ने खाया जहर, जांच में जुटी पुलिस

Intro:अब पांचवी और आठवीं बोर्ड के भी विद्यार्थी होंगे फेल
नो-डिटेंशन पॉलिसी के तहत शिक्षा विभाग ने लिया निर्णय
फेल होने पर शिक्षा विभाव विद्यार्थी को दो माह का देगा समय
दो माह के भीतर फिर से परीक्षा करनी होगी पास

बिलासपुर।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 2019-20 सत्र से पांचवी और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को फेल भी कर सकता है। एग्जाम समय में पास नंबर ना होने के चलते अब विद्यार्थी फेल हो सकता है। विद्यार्थी को अब पांचवी और आठवीं कक्षा को पास किए बिना अब आगे कक्षा में प्रवेश नहीं मिल पाएगा। अगर विद्यार्थी फेल होता है तो शिक्षा विभाग की ओर से दो माह का समय दिया जाएगा। जिसमें विद्यार्थी को फिर से एग्जाम देना पड़ेगा और उसे उक्त सब्जेक्ट को पास करना पड़ेगा। विद्यार्थी को पास होने के लिए 33% अंक लेना भी जरूरी किया गया है।


Body:शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 33% और उससे ज्यादा अंक लेने वाले छात्रों को रिजल्ट घोषित होने के साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी समय पर दिए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2019-20 से नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त शिक्षा विभाग ने कर दिया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के मुताबिक स्कूलों में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को उसी इस कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों के पास होगा। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही प्रदेश सरकार ने इस फैसले को अब लागू कर दिया है। सरकारी शिक्षा में गुणवत्ता आए इसके लिए अब पांचवी आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को फेल किया जाएगा। हालांकि फेल होने वाले छात्रों को 2 महीने बाद एक और मौका भी दिया।

बाइट...
सुदर्शन सिंह,,, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक बिलासपुर।


Conclusion:बता दे कि इन दोनों कक्षाओं के प्रश्नपत्र भले ही बोर्ड करवाएगा लेकिन छात्रों की परीक्षा उनके अपने ही स्कूल में होगी। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि जिला उप निदेशकों की यह जिम्मेदारी होगी कि यह बोर्ड की परीक्षाओं को सफल रूप से करवाएं। वही नकल जैसी चीजों पर भी नजर रखने के लिए बार-बार औचक निरीक्षण किए जाएं। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग इन दोनों कक्षाओं के लिए आंसर शीट उपलब्ध करवाएगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.