बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 2019-20 सत्र से पांचवी और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को एग्जाम के समय में पासिंग नंबर ना होने के चलते फेल भी किया जा सकता है. विद्यार्थी को अब पांचवी और आठवीं कक्षा को पास किए बिना आगे कक्षा में प्रवेश नहीं मिल पाएगा.
बता दें कि अगर विद्यार्थी फेल होता है तो शिक्षा विभाग की ओर से दो महीने का समय दिया जाएगा. जिसमें विद्यार्थी को फिर से एग्जाम देना पड़ेगा और उसे उक्त सब्जेक्ट को पास करना पड़ेगा. विद्यार्थी को पास होने के लिए 33% अंक लेना भी जरूरी किया गया है.
शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 33% और उससे ज्यादा अंक लेने वाले छात्रों को रिजल्ट घोषित होने के साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी समय पर दिए जाएंगे. शैक्षणिक सत्र 2019-20 से नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त शिक्षा विभाग ने कर दिया है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के मुताबिक स्कूलों में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को उसी इस कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों के पास होगा. केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही प्रदेश सरकार ने इस फैसले को अब लागू कर दिया है. सरकारी शिक्षा में गुणवत्ता आए इसके लिए अब पांचवी आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को फेल किया जाएगा. हालांकि फेल होने वाले छात्रों को 2 महीने बाद एक और मौका भी दिया जाएगा.
बता दें कि इन दोनों कक्षाओं के प्रश्नपत्र भले ही बोर्ड करवाएगा, लेकिन छात्रों की परीक्षा उनके अपने ही स्कूल में होगी. शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि जिला उप निदेशकों की यह जिम्मेदारी होगी कि यह बोर्ड की परीक्षाओं को सफल रूप से करवाएं. वहीं, नकल जैसी चीजों पर भी नजर रखने के लिए बार-बार औचक निरीक्षण किए जाएं. बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग इन दोनों कक्षाओं के लिए आंसर शीट उपलब्ध करवाएगा.
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