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अपनी आवाज के दम पर रातों-रात मशहूर हुए 'नाना पाटेकर' की दर्द भरी कहानी

अपनी आवाज के दम पर रातों विख्यात हुए अशोक कुमार से ईटीवी भारत की टीम ने खास-बातचीत की. इस दौरान दिव्यांग अशोक के जीवन से संबंधित बहुत से पहलू उजागर हुए, आइए जानते हैं अशोक के जीवन के बारे में.

divyang ashok become famous with his voice in bilaspur
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Published : Nov 24, 2019, 4:50 PM IST

बिलासपुर: पूरे देश को अपने हुनर से कायल बनाने वाले दिव्यांग अशोक कुमार को प्रोत्साहित करने के लिए अब बड़े मीडिया हाउस सामने आ रहे हैं. जिला मंडी के सुंदरनगर स्थित आईटीआई में पढ़ने वाले 20 वर्षीय दिव्यांग युवक अशोक कुमार ने पहले सोशल मीडिया और बाद में मीडिया पर अपना जलवा बिखेरा.

अशोक कुमार को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल फिल्म सिनेमा ने अपना ब्रांड प्रमोटर बनाने का फैसला लिया है. लेकिन अशोक कुमार की जिंदगी में दर्द भरी दास्तां है.

अशोक कुमार के पहाड़ समान मजबूत इरादों ने सिद्ध कर दिया है कि अगर इंसान के हौसले बुलंद हों तो भगवान भी मंजिल तक पहुंचाने के लिए मदद करता है. दिव्यांगता भी अभिशाप नहीं बल्कि वरदान बन जाती है. अशोक कुमार की बहन भी बचपन से दिव्यांग है.

विडंबना की बात है ये है कि अशोक कुमार और उसकी बहन को मां-बाप ने बचपन में ही छोड़ दिया था, लेकिन कहते हैं न हिम्मत-ए-मर्दा तो मदद-ए-खुदा जो इंसान खुद की मदद करता है, उसका साथ खुद भगवान भी देते हैं. कुछ ऐसा ही अशोक कुमार के साथ भी हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट.

जिसने अपनी दिव्यांगता से हार मानने की जगह खुद को निखारने का प्रयास किया. अशोक कुमार बड़े-बड़े हीरो या विलेन की मिमिक्री करता है. अशोक ने बताया कि बचपन से रेडियो पर विख्यात कहानीकार कबीर, उद्घोषकों, आरजे नावेद, आरजे हर्ष और आनंद भार्गव से मिमिक्री की प्रेरणा मिली है.

इटीवी भारत की टीम ने जिला बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र झंडुता के गांव जावला में रहने वाले अशोक के ताया के घर जा कर अशोक कुमार और उसकी बहन अंजना कुमारी के बारे में बात की.

अशोक की ताया बरम दास ने बताया कि फेसबुक और इंटरनेट चल रही अशोक की वीडियो के बारे में उन्हें कुछ लोगों से जानकारी प्राप्त हुई, असोक को मिल रही इस ख्याती से उसके ताया काफी खुश हैं. ताया बरम दास ने अशोक और अंजना के जीवन के बारे में बताया कि इन दोनों के माता पिता 2011 में इन दोनों को छोड़कर चले गए थे. तब से वही उनकी देख-रेख कर रहे हैं.

वीडियो के बारे में जब अशोक कुमार की बहन अंजना कुमारी से बात की तो अंजना कुमारी ने बताया कि अपने भाई की इस उपलब्धि को लेकर जब उसने अपने भाई को फोन किया और बधाई दी. आपको बता दें कि असोक ने का जो वीडियो वायरल हो रहा है वो बाल दिवस के मौके पर बनाया गया था.

ये भी पढ़ें: हिमाचल फिल्म सिनेमा का ब्रांड प्रोमोटर बनेगा सुंदरनगर का 'नाना पाटेकर'

बिलासपुर: पूरे देश को अपने हुनर से कायल बनाने वाले दिव्यांग अशोक कुमार को प्रोत्साहित करने के लिए अब बड़े मीडिया हाउस सामने आ रहे हैं. जिला मंडी के सुंदरनगर स्थित आईटीआई में पढ़ने वाले 20 वर्षीय दिव्यांग युवक अशोक कुमार ने पहले सोशल मीडिया और बाद में मीडिया पर अपना जलवा बिखेरा.

अशोक कुमार को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल फिल्म सिनेमा ने अपना ब्रांड प्रमोटर बनाने का फैसला लिया है. लेकिन अशोक कुमार की जिंदगी में दर्द भरी दास्तां है.

अशोक कुमार के पहाड़ समान मजबूत इरादों ने सिद्ध कर दिया है कि अगर इंसान के हौसले बुलंद हों तो भगवान भी मंजिल तक पहुंचाने के लिए मदद करता है. दिव्यांगता भी अभिशाप नहीं बल्कि वरदान बन जाती है. अशोक कुमार की बहन भी बचपन से दिव्यांग है.

विडंबना की बात है ये है कि अशोक कुमार और उसकी बहन को मां-बाप ने बचपन में ही छोड़ दिया था, लेकिन कहते हैं न हिम्मत-ए-मर्दा तो मदद-ए-खुदा जो इंसान खुद की मदद करता है, उसका साथ खुद भगवान भी देते हैं. कुछ ऐसा ही अशोक कुमार के साथ भी हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट.

जिसने अपनी दिव्यांगता से हार मानने की जगह खुद को निखारने का प्रयास किया. अशोक कुमार बड़े-बड़े हीरो या विलेन की मिमिक्री करता है. अशोक ने बताया कि बचपन से रेडियो पर विख्यात कहानीकार कबीर, उद्घोषकों, आरजे नावेद, आरजे हर्ष और आनंद भार्गव से मिमिक्री की प्रेरणा मिली है.

इटीवी भारत की टीम ने जिला बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र झंडुता के गांव जावला में रहने वाले अशोक के ताया के घर जा कर अशोक कुमार और उसकी बहन अंजना कुमारी के बारे में बात की.

अशोक की ताया बरम दास ने बताया कि फेसबुक और इंटरनेट चल रही अशोक की वीडियो के बारे में उन्हें कुछ लोगों से जानकारी प्राप्त हुई, असोक को मिल रही इस ख्याती से उसके ताया काफी खुश हैं. ताया बरम दास ने अशोक और अंजना के जीवन के बारे में बताया कि इन दोनों के माता पिता 2011 में इन दोनों को छोड़कर चले गए थे. तब से वही उनकी देख-रेख कर रहे हैं.

वीडियो के बारे में जब अशोक कुमार की बहन अंजना कुमारी से बात की तो अंजना कुमारी ने बताया कि अपने भाई की इस उपलब्धि को लेकर जब उसने अपने भाई को फोन किया और बधाई दी. आपको बता दें कि असोक ने का जो वीडियो वायरल हो रहा है वो बाल दिवस के मौके पर बनाया गया था.

ये भी पढ़ें: हिमाचल फिल्म सिनेमा का ब्रांड प्रोमोटर बनेगा सुंदरनगर का 'नाना पाटेकर'

Intro:लोकेशन बिलासपुर

-अपनी आवाज के दम पर रातों -रात विख्यात होने वाले अशोक कुमार के वास्तविक जीवन की है दर्द भरी दास्ताँ ,अशोक कुमार की बहन भी उसी की तरह बcपन से है दृष्टिहीन ,अशोक कुमार को Body:Byte visualConclusion:लोकेशन बिलासपुर

-अपनी आवाज के दम पर रातों -रात विख्यात होने वाले अशोक कुमार के वास्तविक जीवन की है दर्द भरी दास्ताँ ,अशोक कुमार की बहन भी उसी की तरह बcपन से है दृष्टिहीन ,अशोक कुमार को उसके मां -माप ने बच्छपन में ही छोड़ दिया था भगवान के सहारे ,मां ने किसी गैर मर्द के साथ की दूसरी शादी तो बाप ने किसी गैर महिला के साथ दूसरा विवाह रचाकर अपनी ही औलाद के जीवन में घोल डाला जहर ,अपने चमत्कारी गले से अशोक कुमार को भगवान ने किसी भी बड़े -हीरो या विलियन की आवाज निकालने का दिया है वरदान ,अशोक कुमार को बच्छपन से रेडियो पर विख्यात कहानीकार कबीर ,उद्घोषकों आरजे नावेद ,आरजे हर्ष और आनंद भार्गव से प्राप्त की मिमिक्री की प्रेरणा।

ऐ /आई - बिलासपुर के झंडूता -जावला में अशोक कुमार के खंडहर बन चुके घर का दृश्य जहां कभी बीता था उसका बच्चपन ,उसकी बहन के दृश्य जो घुमारवीं कॉलेज में कर रही है शिक्षा ग्रहण ,उसके साथियों व मिमिक्री करने के विभिन्न प्रकार के दृश्य।

वी /ओ- अपनी आवाज के दम पर रातों -रात विख्यात होने वाले अशोक कुमार के वास्तविक जीवन की दर्द भरी दास्ताँ है। जिसे सुन हर किसी की आँखों में आंसूं आना स्वाभाविक है। अशोक कुमार के पहाड़ समान मजबूत इरादों ने सिद्ध कर दिया कि अगर इंसान के होंसले बुलंद है तो भगवान भी मंजिल तक पहुंचाने के प्रति मदद करता है। दिव्यांगता भी अभिशाप नहीं वरदान से कम नहीं होती है . अशोक कुमार की बहन भी भी उसी की तरह बच्छपन से दृष्टिहीन है। अशोक कुमार को उसके मां -माप ने बच्छपन में ही भगवान के सहारे छोड़ दिया था। मां ने किसी गैर मर्द के साथ की दूसरी शादी तो बाप ने किसी गैर महिला के साथ दूसरा विवाह रचाकर अपनी ही औलाद के जीवन में जहर घोल डाला था। अपने चमत्कारी गले से अशोक कुमार को भगवान ने किसी भी बड़े -हीरो या विलियन की आवाज निकालने का वरदान दिया है। अशोक कुमार ने बताया कि बच्छपन से रेडियो पर विख्यात कहानीकार कबीर ,उद्घोषकों आरजे नावेद ,आरजे हर्ष और आनंद भार्गव से मिमिक्री की प्रेरणा मिली है ।
जिला बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र झंडुता के गांव जावला आशोक कुमार के ताया के घर में जा मिले तो आशोक कुमार और उसकी बहन अंजना कुमारी के बारे में बात की ....
ताया बरम दास ने बताया कि जो विडिओ आशोक कुमार की फेसबुक और इनटरनेट पर चल रही थी।उसके बारे में लोगों ने उनको बताया और जब वह किसी काम से दिल्ली गए हुए थे लेकिन उनको विश्वास नहीं हुआ कि ये आशोक कुमार की आवाज है । तो उन्होंने आशोक कुमार को फोन पर बात की तो आशोक ने बताया कि यह मेरी आवाज हैं । उसके बाद आशोक कुमार के ताया और परिवार में एक खुशी की लहर फैल गई । लोगों नेआशोक कुमार के ताया को चारों तरफ बधाई के फोन आ रहे थे।
ताया बरम दास ने आशोक और अंजना के जीवन के बारे में बताया कि इन दोनों के माता पिता 2011 में इन दोनों को छोडकर चलेंगे थे। उसके बाद इनके ताया और ताई ने इनकी देख रेख की लेकिन बरम दास के अपने तीन बच्चे थे । लेकिन बरम दास ने इन दोनों को भी अपने बच्चों से जयादा प्यार किया इन दोनों को किसी भी तरह की कमी ना आए और यह दोनों बच्चे हॉस्टल में पढ़ रहे थे और हमेशा की तरह उनसे मिलने के लिए इनके ताया बरम दास हमेशा उनसे मिलने के लिए हॉस्टल जाया करते थे ।
जिस मकान में अशोक कुमार का जीवन व्यतीत हुआ है । वह मकान आज के समय में पूरी तरह टूट चुका है । जिस आंगन मैंने खेला है । वह आंगन मैं आज हरी घास उग चुकी है । लेकिन इनके ताया ने इन्हें अपने मकान में ले आए और अपने मकान में रहने का प्रबंध किया जब इनके साथ इनके माता पिता का साया उठ गया इनके ताया ने अपने पास लेकर आ गया और समय-समय पर इनके ताया इनसे मिलने के लिए जाया करते हैं। बरम दास ने एक बात बोली कि जो बच्चे बचपन से अपंग और अंधे होते हैं उनको कभी भी अपने से दूर ना करें क्योंकि यह भगवान की देन होती है इनके साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा हम और बच्चों के साथ करते हैं ।लेकिन अशोक के माता-पिता नहीं कि नहीं छोड़ दिया था । ऐसा समय आया जब अशोक कुमार ने हमारा नाम रोशन कर दिया । हमें बहुत खुशी हो रही है यह बच्चे हमारे पास है । हमें चारों तरफ से बधाई के फोन आ रहे हैं ।
अंजना कुमारी आशोक कुमार की बहन
जिला बिलासपुर के घुमारवी कॉलेज में पढ़ाई कर रही है । जब उसकी सहेलियों ने उसे उसके भाई की वीडियो सोशल मीडिया पर देखी तो उन्होंने बताया कि यह वीडियो आपके भाई की है । जब उसको अपने भाई के वीडियो सोशल मीडिया पर पता चला तो उसने अपने भाई को फोन किया कि भाई जी वीडियो आपकी है यह किसी और की तो उसने बताया कि यह वीडियो मेरी है 14 नवंबर को चिल्ड्रन डे के अवसर पर अशोक कुमार ने नाना पाटेकर की आवाज में कुछ डायलॉग सुनाएं थे सोशल मीडिया पर वायरल हुए और अंजना कुमारी ने बताया कि उसके माता पिता बचपन में ही उन्हें छोड़कर चले गए थे । लेकिन उसके बाद भी दसवीं कक्षा तक मैं अपने पापा के साथ रही हूं। उसके बाद पापा ने मुझे छोड़ दिया । उसके बाद मैं अपने आया और ताई के साथ रह रही हूं । लेकिन हमें दुख चीज का है कि जब सभी बच्चों के माता-पिता उनसे मिलने के लिए आते हैं ।लेकिन हमारे माता-पिता मिलने नहीं आते लेकिन हमारे पाया और ताई मिलने के लिए आते हैं।
ताई सरबनी देवी
आशोक कुमार की ताई सरबनी देवी से जब बात की गई तो उन्होंने ने बताया कि जब मुझे पता चला कि अशोक कुमार की कोई विडिओ इंटरनेट पर आई हैं । तो मुझे बहुत खुशी हुई । लेकिन इन दोनों बच्चों को मैने आपने बच्चों से ज्यादा प्यार किया और आज बच्चों ने हमारा नाम रोशन किया है । हमें फोन के माध्यम से चारों तरफ से बधाई के फोन आ रहे हैं । हमें बहुत खुशी होती है ।
फीडबैक -
(1)-अशोक कुमार। (बाइट )
(2)-अंजना कुमारी आशोक कुमार की बहन। (बाइट )
(3)- बरम दास आशोक कुमार के ताया (बाइट)
(4) सरबनी देवी आशोक की ताई (बाइट)
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