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बिलासपुर: डीजे तो बजेगा पर डांस नहीं होगा, सिर्फ संगीत का मजा ले पाएंगे लोग

जिला प्रशासन ने जिला को 16 सेक्टरों में बांट दिया है. जिले में होने वाले शादी-समारोहों पर अब जिला प्रशासन पूरी नजर रखने जा रहा है. उपायुक्त ने बताया कि समारोहों के दौरान डीजे बजा तो जरूर सकेंगे, लेकिन डांस इत्यादि नहीं कर पाएंगे. सिर्फ डीजे पर संगीत का आनंद उठाया जा सकेगा. जहां नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा वहां पर चालान होगा.

Corona in Bilaspur
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Published : Apr 24, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Apr 24, 2021, 7:38 PM IST

बिलासपुरः जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए बिलासपुर को 16 सेक्टरों में बांट दिया है. शादी-समारोहों पर अब जिला प्रशासन पूरी नजर रखने जा रहा है. इसके लिए प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारियां कर ली हैं और पूरे जिले में ऑफिसर्स सहित एएसआई स्तर के पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है. अगर किसी भी शादी-समारोहों में 50 से अधिक लोग पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ मौके पर कार्रवाई की जाएगी. समारोहों के दौरान डीजे बजा तो जरूर सकेंगे, लेकिन डांस इत्यादि नहीं कर पाएंगे. सिर्फ डीजे पर संगीत का आनंद उठाया जा सकेगा. जहां नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा वहां पर चालान होगा.

उपायुक्त रोहित जम्वाल ने दी जानकारी

बिलासपुर में पत्रकारों को जानकारी देते हुए उपायुक्त रोहित जम्वाल ने बताया कि एसडीएम, डीएसपी, तहसीलदार और एसएचओ भी एसओपी की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के लिए कार्यरत हैं और उनकी भी प्रशासन को समय-समय पर रिपोर्टिंग मिल रही है.

वीडियो.

कोविड समीक्षा मीटिंग में मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

उपायुक्त ने बताया कि पिछले दिनों कोविड समीक्षा मीटिंग में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी की ओर से व्यवस्थाओं में सुधार व बेड क्षमता बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए. जिस पर त्वरित कार्रवाई अमल में लाते हुए कोविड केयर सेंटर चिन्हित कर 275 बेड की अतिरिक्त कैपेसिटी बढ़ाई है.

550 हो चुकी है बेड की क्षमता

यहां पहले से 275 बेड की क्षमता उपलब्ध है लिहाजा अब कुल मिलाकर जिला में बेड कैपेसिटी 550 हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जिले में ऑक्सीजन के साथ 125 बेड कैपेसिटी उपलब्ध है. घुमारवीं सिविल अस्पताल में बनाए गए जिला कोविड हेल्थ केयर सेंटर में 50, ब्वॉयज हॉस्टल बिलासपुर में 50 और जिला आयुर्वेद अस्पताल में 25 बेड की कैपेसिटी है.

अभी तक जिले में 12 ही मरीज दाखिल हैं जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है, लेकिन एडवांस में तीन गुणा तैयारियां कर ली गई हैं ताकि जरूरत पड़ने पर इन सेंटर्स का इस्तेमाल किया जा सके. उन्होंने बताया कि कोठीपुरा जवाहर नवोदय विद्यालय में जिला कोविड केयर सेंटर बनाया है और वहां पर उपलब्ध कुल 10 में से 4 हॉस्टल ही अपने अधीन लिए हैं, जिनमें 200 बेड की कैपेसिटी है. 100 बैड क्षमता वाले बिनौला कोविड केयर सेंटर में अभी 50 बेड की ही व्यवस्था की गई है. ऐसे में कोरोना के ज्यादा मामले आते भी हैं तो उपचार में कोई कमी या परेशानी आड़े नहीं आएगी.

बाहरी राज्य से आने वालों को होम आइसोलेशन अनिवार्य

बाहरी से आने वालों को होम आइसोलेट किया जा रहा है और टेस्ट रिपोर्ट में पॉजिटिव आने पर उन्हें तत्काल सूचित किया जाता है. संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम दवाओं की किट व पल्स ऑक्सीमीटर पॉजिटिव मरीजों को घरद्वार उपलब्ध करवा रही है. साथ ही किसी प्रकार के सुझाव व स्वास्थ्य संबंधी उपचार के लिए डॉक्टरों से किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है. इस बाबत हर ब्लॉक में डॉक्टर, नर्स व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ से लेस दो एंबुलेंस तैनात की गई हैं जो कि पॉजिटिव मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगी.

सीएमओ डॉ. प्रकाशचंद दड़ोच ने बताया कि जिले में 13 वेंटिलेटर उपलब्ध है, लेकिन इनके संचालन के लिए अभी तक खासी व्यवस्था न होने की वजह से यदि कोई गंभीर केस सामने आते हैं तो उन्हें नेरचौक या फिर बीबीएमबी अस्पताल को रेफर किए जाने का प्रावधान किया गया है.


ये भी पढ़ें: कुछ हट के! सोलन की प्रीतिका ने शुरू की कंपनी, एल्युमिनियम के कैन में बेचती है पानी

बिलासपुरः जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए बिलासपुर को 16 सेक्टरों में बांट दिया है. शादी-समारोहों पर अब जिला प्रशासन पूरी नजर रखने जा रहा है. इसके लिए प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारियां कर ली हैं और पूरे जिले में ऑफिसर्स सहित एएसआई स्तर के पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है. अगर किसी भी शादी-समारोहों में 50 से अधिक लोग पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ मौके पर कार्रवाई की जाएगी. समारोहों के दौरान डीजे बजा तो जरूर सकेंगे, लेकिन डांस इत्यादि नहीं कर पाएंगे. सिर्फ डीजे पर संगीत का आनंद उठाया जा सकेगा. जहां नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा वहां पर चालान होगा.

उपायुक्त रोहित जम्वाल ने दी जानकारी

बिलासपुर में पत्रकारों को जानकारी देते हुए उपायुक्त रोहित जम्वाल ने बताया कि एसडीएम, डीएसपी, तहसीलदार और एसएचओ भी एसओपी की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के लिए कार्यरत हैं और उनकी भी प्रशासन को समय-समय पर रिपोर्टिंग मिल रही है.

वीडियो.

कोविड समीक्षा मीटिंग में मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

उपायुक्त ने बताया कि पिछले दिनों कोविड समीक्षा मीटिंग में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी की ओर से व्यवस्थाओं में सुधार व बेड क्षमता बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए. जिस पर त्वरित कार्रवाई अमल में लाते हुए कोविड केयर सेंटर चिन्हित कर 275 बेड की अतिरिक्त कैपेसिटी बढ़ाई है.

550 हो चुकी है बेड की क्षमता

यहां पहले से 275 बेड की क्षमता उपलब्ध है लिहाजा अब कुल मिलाकर जिला में बेड कैपेसिटी 550 हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जिले में ऑक्सीजन के साथ 125 बेड कैपेसिटी उपलब्ध है. घुमारवीं सिविल अस्पताल में बनाए गए जिला कोविड हेल्थ केयर सेंटर में 50, ब्वॉयज हॉस्टल बिलासपुर में 50 और जिला आयुर्वेद अस्पताल में 25 बेड की कैपेसिटी है.

अभी तक जिले में 12 ही मरीज दाखिल हैं जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है, लेकिन एडवांस में तीन गुणा तैयारियां कर ली गई हैं ताकि जरूरत पड़ने पर इन सेंटर्स का इस्तेमाल किया जा सके. उन्होंने बताया कि कोठीपुरा जवाहर नवोदय विद्यालय में जिला कोविड केयर सेंटर बनाया है और वहां पर उपलब्ध कुल 10 में से 4 हॉस्टल ही अपने अधीन लिए हैं, जिनमें 200 बेड की कैपेसिटी है. 100 बैड क्षमता वाले बिनौला कोविड केयर सेंटर में अभी 50 बेड की ही व्यवस्था की गई है. ऐसे में कोरोना के ज्यादा मामले आते भी हैं तो उपचार में कोई कमी या परेशानी आड़े नहीं आएगी.

बाहरी राज्य से आने वालों को होम आइसोलेशन अनिवार्य

बाहरी से आने वालों को होम आइसोलेट किया जा रहा है और टेस्ट रिपोर्ट में पॉजिटिव आने पर उन्हें तत्काल सूचित किया जाता है. संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम दवाओं की किट व पल्स ऑक्सीमीटर पॉजिटिव मरीजों को घरद्वार उपलब्ध करवा रही है. साथ ही किसी प्रकार के सुझाव व स्वास्थ्य संबंधी उपचार के लिए डॉक्टरों से किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है. इस बाबत हर ब्लॉक में डॉक्टर, नर्स व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ से लेस दो एंबुलेंस तैनात की गई हैं जो कि पॉजिटिव मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगी.

सीएमओ डॉ. प्रकाशचंद दड़ोच ने बताया कि जिले में 13 वेंटिलेटर उपलब्ध है, लेकिन इनके संचालन के लिए अभी तक खासी व्यवस्था न होने की वजह से यदि कोई गंभीर केस सामने आते हैं तो उन्हें नेरचौक या फिर बीबीएमबी अस्पताल को रेफर किए जाने का प्रावधान किया गया है.


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Last Updated : Apr 24, 2021, 7:38 PM IST
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