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दंत चिकित्सक की दलीलों से जांच कमेटी और उच्चाधिकारी संतुष्ट नहीं, ये है मामला - Dentist dispute bilaspur

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में तैनात दंत चिकित्सक एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं. अपनी ओपीडी में महंगी कुर्सियों व सामान की खरीद-फरोख्त में बैठी जांच कमेटी को उक्त चिकित्सक संतुष्ट नहीं कर पाया. प्राप्त जानकारी के अनुसार दरअसल, मामला यह है कि उक्त दंत चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में महंगे फर्नीचर की खरीद-फरोख्त कर रखी थी. जिसकी कानों कान अस्पताल प्रशासन को भी खबर नहीं थी. इस दौरान जब बिलासपुर चिकित्सा अधीक्षक ने ओपीडी का निरीक्षण किया तो पाया गया कि उक्त चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में महंगे फर्नीचर व अन्य सामान रखा हुआ है.

Regional Hospital Bilaspur news, क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर न्यूज
फोटो.
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Published : Apr 12, 2021, 6:12 PM IST

बिलासपुर: क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में तैनात दंत चिकित्सक एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं. अपनी ओपीडी में महंगी कुर्सियों व सामान की खरीद-फरोख्त में बैठी जांच कमेटी को उक्त चिकित्सक संतुष्ट नहीं कर पाया. जांच कमेटी द्वारा लिखित पूछे गए प्रश्न व जांच करने पर चिकित्सक विवादों में फंस गए है.

वहीं, असंतुष्ट जवाब मिलने व पूरी जांच करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करके शिमला निदेशालय को भेज दी गई है. साथ ही अब अंदेशा लगाया जा रहा है किनिदेशालय की ओर से इस सारे मामले की जांच की जाएगी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार दरअसल, मामला यह है कि उक्त दंत चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में महंगे फर्नीचर की खरीद-फरोख्त कर रखी थी. जिसकी कानों कान अस्पताल प्रशासन को भी खबर नहीं थी. इस दौरान जब बिलासपुर चिकित्सा अधीक्षक ने ओपीडी का निरीक्षण किया तो पाया गया कि उक्त चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में महंगे फर्नीचर व अन्य सामान रखा हुआ है.

पूरी जांच में कुछ और ही सामने आ निकला

ऐसे में इस सारे मामले की रिपोर्ट जब उक्त चिकित्सक से मांगी गई तो चिकित्सक ने अपनी मानसिक बीमारी का हवाला देकर कहा कि डॉक्टर ने उन्हें इस तरह के फर्नीचर खरीदने को कहा गया है. ऐसे में जब इस सारे मामले को लेकर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनके भारद्वाज ने जांच कमेटी की गठित की और एक माह तक चली पूरी जांच में कुछ और ही सामने आ निकला.

जांच रिपोर्ट में पाया गया कि इस तरह का किसी भी चिकित्सक ने साफ नहीं किया है कि मानसिक बीमारी को दूर करने के लिए महंगे फर्नीचर का होना जरूरी है. वहीं, अस्पताल प्रशासन भीउक्त दंत चिकित्सक के जवाब से हक्का-बक्का हो गया है.

शिमला निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है

इस सारे मामले की रिपोर्ट तैयार करके अस्पताल प्रशासन द्वारा शिमला निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है. साथ ही अस्पताल प्रशासन ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की भी मांग उठाई है. इस मामले को लेकर भी लगभग उक्त चिकित्सक पर गाज गिरना भी तय हो गया है. क्योंकि उक्त डाॅक्टर की पहले भी कई शिकायतें अस्पताल प्रबंधन के पास लंबित है.

उक्त जांच में भी कुछ बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं

ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने अब फिर से उक्त चिकित्सक के सारी शिकायतों की जांच करना भी शुरू कर दी है. वहीं, कुछ समय पहले ही उक्त चिकित्सक की हुई शिकायत मामलें में अस्पताल प्रशासन द्वारा गठित एक कमेटी भी मामले की जांच कर रही है. उक्त जांच में भी कुछ बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं. वहीं, बता दें कि कुछ समय पहले ही उक्त चिकित्सक द्वारा दांतों में तार लगाने को लेकर पैसे ऐंठने का मामला भी सामने आ चुका है. जिसकी जांच भी अस्पताल प्रशासन द्वारा की जा रही है.

क्या कहते हैं चिकित्सा अधीक्षक

बिलासपुर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनके भारद्वाज ने बताया कि दंत चिकित्सक की ओपीडी में सामानों की खरीद-फरोख्त में बिठाई गई जांच कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट बिल्कुल ही संतोषजनक पाई गई है. विस्तत रिपोर्ट बनाकर शिमला निदेशालय को भेज दी गई है. विभागीय जांच जारी है.

ये भी पढ़ें- दयाल प्यारी की पार्टी में एंट्री से कई कांग्रेस कार्यकर्ता नाखुश, खोला मोर्चा

बिलासपुर: क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में तैनात दंत चिकित्सक एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं. अपनी ओपीडी में महंगी कुर्सियों व सामान की खरीद-फरोख्त में बैठी जांच कमेटी को उक्त चिकित्सक संतुष्ट नहीं कर पाया. जांच कमेटी द्वारा लिखित पूछे गए प्रश्न व जांच करने पर चिकित्सक विवादों में फंस गए है.

वहीं, असंतुष्ट जवाब मिलने व पूरी जांच करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करके शिमला निदेशालय को भेज दी गई है. साथ ही अब अंदेशा लगाया जा रहा है किनिदेशालय की ओर से इस सारे मामले की जांच की जाएगी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार दरअसल, मामला यह है कि उक्त दंत चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में महंगे फर्नीचर की खरीद-फरोख्त कर रखी थी. जिसकी कानों कान अस्पताल प्रशासन को भी खबर नहीं थी. इस दौरान जब बिलासपुर चिकित्सा अधीक्षक ने ओपीडी का निरीक्षण किया तो पाया गया कि उक्त चिकित्सक ने अपनी ओपीडी में महंगे फर्नीचर व अन्य सामान रखा हुआ है.

पूरी जांच में कुछ और ही सामने आ निकला

ऐसे में इस सारे मामले की रिपोर्ट जब उक्त चिकित्सक से मांगी गई तो चिकित्सक ने अपनी मानसिक बीमारी का हवाला देकर कहा कि डॉक्टर ने उन्हें इस तरह के फर्नीचर खरीदने को कहा गया है. ऐसे में जब इस सारे मामले को लेकर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनके भारद्वाज ने जांच कमेटी की गठित की और एक माह तक चली पूरी जांच में कुछ और ही सामने आ निकला.

जांच रिपोर्ट में पाया गया कि इस तरह का किसी भी चिकित्सक ने साफ नहीं किया है कि मानसिक बीमारी को दूर करने के लिए महंगे फर्नीचर का होना जरूरी है. वहीं, अस्पताल प्रशासन भीउक्त दंत चिकित्सक के जवाब से हक्का-बक्का हो गया है.

शिमला निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है

इस सारे मामले की रिपोर्ट तैयार करके अस्पताल प्रशासन द्वारा शिमला निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है. साथ ही अस्पताल प्रशासन ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की भी मांग उठाई है. इस मामले को लेकर भी लगभग उक्त चिकित्सक पर गाज गिरना भी तय हो गया है. क्योंकि उक्त डाॅक्टर की पहले भी कई शिकायतें अस्पताल प्रबंधन के पास लंबित है.

उक्त जांच में भी कुछ बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं

ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने अब फिर से उक्त चिकित्सक के सारी शिकायतों की जांच करना भी शुरू कर दी है. वहीं, कुछ समय पहले ही उक्त चिकित्सक की हुई शिकायत मामलें में अस्पताल प्रशासन द्वारा गठित एक कमेटी भी मामले की जांच कर रही है. उक्त जांच में भी कुछ बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं. वहीं, बता दें कि कुछ समय पहले ही उक्त चिकित्सक द्वारा दांतों में तार लगाने को लेकर पैसे ऐंठने का मामला भी सामने आ चुका है. जिसकी जांच भी अस्पताल प्रशासन द्वारा की जा रही है.

क्या कहते हैं चिकित्सा अधीक्षक

बिलासपुर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनके भारद्वाज ने बताया कि दंत चिकित्सक की ओपीडी में सामानों की खरीद-फरोख्त में बिठाई गई जांच कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट बिल्कुल ही संतोषजनक पाई गई है. विस्तत रिपोर्ट बनाकर शिमला निदेशालय को भेज दी गई है. विभागीय जांच जारी है.

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