बिलासपुर: बुधवार को बिलासपुर उपायुक्त कार्यालय में एक बड़ा हंगामा हो गया. किरतपुर-नेरचौक फोरलेन प्रोजेक्ट के ठेकेदारों ने लंबित पड़ी देनदारी को लेकर सरकार, प्रशासन व पहले फोरलेन का कार्य देख रही एक निजी कंपनी के खिलाफ धरना प्रदर्शन दिया.
यह धरना प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि मौके पर बिलासपुर पुलिस की सुरक्षा दल को मौके पर बुलाया गया. क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने यह आंदोलन उपायुक्त कक्ष के बाहर की शुरू कर दिया. उपायुक्त अपने कक्ष में न होने के चलते यह ठेकेदार लगभग दो घंटे तक कक्ष के बाहर बैठे रहे. जिसमें सरकार, प्रशासन व फोरलेन कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई.
करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं हो पाया है
ठेकेदार यूनियन के जिला अध्यक्ष जितेंद्र ठाकुर ने बताया कि उन्होंने आइटीएनएल, आइएलएफएस व न्यू इंडिया की कंपनियों के तहत कीरतपुर-नेरचैक फोरलेन प्रोजेक्ट में काम किया, लेकिन बाद में यह कंपनियां भाग गई और उनके करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं हो पाया है. अब एनएचएआई ने यह काम गाबर कंपनी को आवंटित कर दिया है.
भुगतान किए बिना ही काम शुरू करने के आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि गाबर कंपनी ने भी उनके करोड़ों रुपये के भुगतान किए बिना ही काम शुरू कर दिया है. फोरलेन ठेकेदार व टिप्पर यूनियन के पदाधिकारी नौ जून को कुड्डी स्थित कंपनी के कार्यालय में बकाया राशि के भुगतान की राशि के संबंध में गए थे. जहां पर कंपनी के प्रबंधक कर्नल बीएम चौहान ने भुगतान करने से मना कर दिया.
'काम बाधित करने से गुरेज नहीं करेंगे'
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके करोड़ों रुपये का भुगतान 16 जून तक नहीं किया गया तो वह मजबूर होकर कंपनी का काम बाधित करने से गुरेज नहीं करेंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार पर होगी.
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