बिलासपुर: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के निर्माण कार्य के तहत शुरुआती सात में से टनल 3 टनल थ्रू हो चुकी हैं और अभी ग्राउंटिंग का कार्य युद्धस्तर पर जारी है. इनमें से दो टनल हिमाचल व एक पंजाब राज्य में आती हैं. हिमाचल में टनल नंबर दो जंडौरी की लंबाई 717 मीटर, टनल नंबर छह नीलां की 200 मीटर व पंजाब के सुरेवाल में बन रही टनल नंबर तीन 151 मीटर हैं. जो शेष चार टनल का कार्य भी जोरों पर चल रहा है.
इसके अलावा 5 ब्रिज का निर्माण कार्य भी जोरों पर चल रहा है. जैसे ही टनल व ब्रिज बनकर तैयार हो जाएंगे तो साथ साथ रेल पटरी बिछाने की कवायद भी शुरू हो जाएगी. दूसरी ओर, प्रशासन ने बिलासपुर से लेकर बैरी तक तीसरे चरण का लगभग 11 किलोमीटर एरिया में सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया है व राजस्व रिकार्ड तैयार किया जा रहा है फिर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चलेगी.
पांच ब्रिज का निर्माण कार्य जारी
एसडीएम सदर एवं लैंड एक्यूजिशन ऑफिसर रामेश्वर दास ने बताया कि शुरुआती दौर में सात टनल का काम हो रहा है, जिसमें से तीन टनल बनकर तैयार हैं. पांच ब्रिज का निर्माण कार्य भी जारी है. ब्रिज और टनल बनने के बाद पटरी बिछाने का कार्य चलेगा. उन्होंने बताया कि टाली के पास तीन किलोमीटर की एक बड़ी टनल बनेगी. जब तक निर्माण कार्य जकातखाना तक पहुंचेगा तब तक यह टनल भी बनकर तैयार होगी.
केंद्र और राज्य सरकार ले रही फीडबैक
रेल लाइन पर तीन मेजर जंक्शन टाली जकातखाना, बध्यात व बैरी में बनेंगे. रेल लाइन निर्माण कार्य को लेकर हर महीने केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से फीडबैक लिया जा रहा है और उपायुक्त बिलासपुर भी हर माह रिव्यू कर रहे हैं, क्योंकि यह सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रेलवे लाइन है और इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करवाया जा रहा है. ब्रिज व टनल का कार्य मैक्स कंपनी देख रही है.
रेलवे लाइन के लिए जमीन चयन प्रक्रिया पूरी
जानकारी के मुताबिक रेलवे लाइन पर धरोट से लेकर बिलासपुर शहर के बध्यात तक 2801 बीघा जमीन चिहिंत की गई है. इसके तहत 1106 बीघा जमीन निजी है और 1694 बीघा जमीन सरकारी है. जकातखाना तक जमीन चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ज्यादातर रेलवे लाइन प्रभावितों को मुआवजा भी जारी किया जा चुका है, लेकिन जकातखाना से लेकर बिलासपुर तक सोलह गांवों में भूमि अधिग्रहण को लेकर कार्रवाई जारी है. इस रेल लाइन की लंबाई बैरी तक 62.1 किलोमीटर है. प्रथम चरण में बिलासपुर तक 52 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए प्रक्रिया तेज गति से चल रही है.
एक्ट के तहत 16 गांवों में होगी कंपलसरी एक्विजिशन
एसडीएम रामेश्वर दास के अनुसार केंद्र सरकार ने लैंड एक्विजिशन एक्ट 1894 की जगह अब राइट टू फेयर कंपनसेशन इन लैंड एक्विजिशन रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटलमेंट एक्ट लागू किया गया है. इस एक्ट के दायरे में आने वाले इन गांवों में कंपलसरी एक्विजिशन की जाएगी. नए एक्ट में तय प्रावधानों के तहत उपरोक्त सोलह गांवों में चयनित की गई जमीन लोगों को इस प्रोजेक्ट के लिए देनी ही पड़ेगी. स्पेशल सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट के लिए दस्तावेज तैयार कर दिए हैं. इन गांवों में जब्बल, दगड़ाहण, भटेड, टाली, कोट, तुन्नू, माणवां, रामपुर, खनसरा, रघुनाथपुरा, कोहलवीं, डियारा, खैरियां, लुहणू, बामटा व बैहल कंडेला तथा बध्यात शामिल हैं.
रेलवे लाइन की राह में ऐतिहासिक धरोहर व्यास गुफा
सर्वे के तहत रेलवे लाइन की राह में महर्षि व्यास की ऐतिहासिक गुफा आई है. बिलासपुर की इस ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखने के मद्देनजर अब रेलवे ट्रैक के अलाइंमेंट में बदलाव किया जाएगा. इस बाबत प्रक्रिया जारी है.