बिलासपुर: कोरोना वायरस ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में बन रहे देश के नामी दो बड़े प्रोजेक्टों का निर्माण कार्य बंद करवा दिया है. एम्स व देश के दूसरा हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण कार्य बिलासपुर में बंद हो गया है. इस प्रोजेक्ट में बाहरी राज्यों से आए मजदूर पाॅजिटिव पाए जाने पर जिला प्रशासन को यह निर्णय लेना पड़ा.
मौजूदा स्थिति में अभी तक 50 से अधिक कोरोना पाॅजिटिव मरीज एम्स साइट से सामने आए हैं. वहीं, शुरूआती दौर में चार से पांच कोरोना मरीज हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बंदलाधार साइट से भी पाए गए हैं. इन दोनों साइटों पर फिलहाल काम बंद कर दिया गया है.
हालांकि बिलासपुर के कोठीपुरा में बन रहे एम्स निर्माण की अंतिम डेडलाइन 2019 तय की गई थी, लेकिन यह कार्य पूरा नहीं हो पाया और यहां पर ओपीडी भी शुरू नहीं हो पाई. ऐसे में अब यहां पर आयुष ओपीडी लगभग बनकर तैयार हो गई है, लेकिन कोरोना की वजह से केंद्र सरकार को यहां पर चिक्त्सिकों की तैनाती करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.
गौरतलब है कि बिलासपुर जिला में कोरोना की वजह से कई काम भी थम गए हैं. बात अगर कीरतपुर-मनाली फोरलेन कार्य की करें तो यहां पर काम कर रही कंपनी ने कुछ सालों से यहां पर काम करना भी बंद कर दिया था. सूत्रों के अनुसार पैसा डूबने की वजह से कंपनी आगे काम नहीं कर पाई.
वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो उनका कहना है कि फोरलेन निर्माण कार्य की टेंडर प्रक्रिया इसी साल शुरू की जानी थी, लेकिन अब कोरोना की वजह से यह काम भी बंद पड़ गया है. दूसरी ओर रेलवे लाइन का कार्य भी गति नहीं पकड़ पा रहा है क्योंकि यहां पर काम करने के लिए बाहरी राज्यों से मजदूरों को लाना पड़ता है, लेकिन सरकार को अब बाहरी राज्यों से मजदूरों को लाना सबसे बड़ी दिक्कत बनीं हुई है.
बाहरी राज्यों से हिमाचल आ रहे मजदूर कोरोना पाॅजिटिव निकल रहे हैं, जिसके चलते हिमाचल वासियों के लिए यह एक बड़ा खतरा भी साबित हो सकता है. उधर, बिलासपुर डीसी राजेश्वर गोयल का कहना है कि एम्स साइट कोठीपुरा और हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बंदलाधार निर्माणकार्य बंद करवाया गया है. इस साइट पर बाहरी राज्यों से आए मजदूर कोरोना पाॅजिटिव निकले हैं. जिसके चलते प्रशासन को इन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन भी घोषित किया है.
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