बिलासपुर: नैना देवी की पहाड़ी को बचाने के लिए मंदिर न्यास को प्रयास करने चाहिए. इस पहाड़ी पर अतिरिक्त बोझ न डाला जाए और पहाड़ों की खुदाई भी बंद किया जाना चाहिए नहीं तो इसका असर कोला वाला टोबा तक पड़ेगा. यह बात आज पूर्व मंत्री वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामलाल ठाकुर ने श्री नैना देवी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि श्री नैना देवी में भी कहीं उत्तराखंड जैसे हालात न हो जाए. इस पर मंदिर न्यास को और जिला प्रशासन को विशेष ध्यान देना होगा.
पिछली भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा जो श्री नैना देवी में शिलान्यास किए गए उन सभी फाउंडेशन स्टोन को गोबिंद सागर झील में डाल देना चाहिए. क्योंकि उनके लिए सरकार ने बजट का प्रावधान नहीं किया है और सारा पैसा मंदिर न्यास की तरफ से लगाया जाना था. उन्होंने कहा कि माता श्री नैना देवी के पैसे का बिल्कुल भी दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा. रामलाल ठाकुर ने कहा कि अगर मंदिर न्यास से संबंधित कोई भी बैठक आयोजित की जाती है तो वह बिलासपुर की बजाए श्री नैना देवी में आयोजित की जानी चाहिए और स्थानीय लोगों को पूछा जाना चाहिए कि यहां पर विकास के लिए और क्या किया जा सकता है.
रामलाल ठाकुर ने कहा कि जो शिक्षा संस्थान मंदिर न्यास के द्वारा चलाए जा रहे हैं. उन संस्थानों को मंदिर न्यास को चलाने देना चाहिए. क्योंकि पिछली सरकार ने श्री शक्ति सीनियर सेकेंडरी स्कूल श्री नैना देवी का सरकारीकरण किया. इससे ना तो कर्मचारियों को मंदिर न्यास की तरफ से वेतन मिल रहा है और ना सरकार की तरफ से इसलिए मंदिर न्यास को स्वयं अपने शिक्षा संस्थानों को चलाना चाहिए और स्टाफ की नियुक्ति करनी चाहिए. इससे पहले रामलाल ठाकुर में माता श्री नैना देवी के दर्शन किए और माताजी का शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया उनके साथ पूर्व न्यासी प्रदीप शर्मा ,राजेश शर्मा और पुजारी महेश शर्मा भी मौजूद थे.
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