बिलासपुर: बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज यानि 2 दिसंबर को पूरे 60 साल के हो गए. 2 दिसंबर 1960 में जन्मे जेपी नड्डा का आज पूरे देश में जन्मदिन धूमधाम मनाया जा रहा है. वहीं, दिल्ली उनके निवास स्थान पर उनकी धर्मपत्नी मल्लिका नड्डा सहित उनके बेटे व बहू ने उनको मिठाई खिलाकर इस जन्मदिन की बधाई भी दी. नड्डा के जन्मदिन पर देश के प्रधानमंत्री सहित अन्य नेताओं ने उनको बधाई भी दी है. हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से जिला बिलासपुर से नड्डा ने अपनी राजनीति शुरू कर आज वह विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष बने है.
कसौटियों पर खरे उतरे नड्डा
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवानी, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की कसौटियों पर जेपी नड्डा खरे उतरे हैं. समाजिक कार्यों में नड्डा की पहचान जग जाहिर हैए इसी के साथ वे देवी मां के भी अनन्य भक्त हैं. बिलासपुर नगर के धौलरा मंदिर में हर साल होने वाली दुर्गा पूजा में जेपी नड्डा की परिवार सहित उपस्थिति जरूरी होती है. नड्डा का कार्यक्रम जितना भी व्यस्त क्यों न हो वे इस दुर्गा पूजा में अपनी हाजिरी लगाना नहीं भूलते. इस उपलब्धि के पीछे कदम कदम पर उनका साथ देने वाली उनकी धर्मपत्नी डॉ. मल्लिका नड्डा की तपस्या का ही परिणाम है आज जेपी नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. जगत प्रकाश नड्डा का जन्म और शिक्षा ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 में बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. जगत प्रकाश नड्डा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा और बीए की डिग्री पटना के कॉलेज से हासिल की है. वहीं, उन्होंने एलएलबी की डिग्री हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है.
जगत प्रकाश नड्डा का परिवार
जगत प्रकाश नड्डा के पिता और माता का नाम डॉ. नारायण लाल नड्डा और कृष्णा नड्डा है. नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय के कुलपति थे. वहीं 1991 में जगत प्रकाश नड्डा ने मल्लिका नड्डा से विवाह किया, जोकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर काम करती हैं. मल्लिका नड्डा के पिता जबलपुर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं. जगत प्रकाश नड्डा और मल्लिका नड्डा के दो बच्चे है.
कैसे शुरू हुआ राजनीति का सफर
जगत प्रकाश नड्डा के राजनीतिक सफर की शुरूआत साल 1975 में जेपी आंदोलन से हुई. देश के सबसे बड़े आंदोलनों में गिने जाने वाले इस आंदोलन में जगत प्रकाश नड्डा ने भी भाग लिया. इस आंदोलन में भाग लेने के बाद जगत प्रकाश नड्डा बिहार की बीजेपी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने 1977 में अपने कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ा और इस चुनाव जीतकर वो पटना विश्वविद्यालय के सचिव बने. वहीं, पटना विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी. इस दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी छात्र संघ का चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल की. बीजेपी की ओर से नड्डा को साल 1991 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया.
हिमाचल प्रदेश में लड़ा विधानसभा का चुनाव
साल 1993 में जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा की बिलासपुर सीट से चुनाव लड़ा और इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की. जिसके बाद उन्हें प्रदेश की विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया था. इसी तरह उन्होंने साल 1998 और साल 2007 में इस सीट से फिर चुनाव लड़ा और जीता हासिल की. वहीं, उनको इस दौरान प्रदेश की कैबिनेट में भी जगह दी गई. उन्हें साल 1998 में हिमाचल प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया और साल 2007 में वह वन पर्यावरण और संसदीय मामलों के मंत्री रहे. नड्डा 1993 से 1998, 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक बिलासपुर सदर सीट से चुनाव जीते. वह हिमाचल सरकार में स्वास्थ्य और वन मंत्री भी रहे. बाद में वे केंद्र की राजनीति में आए. अप्रैल 2012 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया और कई संसदीय समितियों में रहे. वे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता भी रहे.
1998 से 2003 तक बिलासपुर के विधायक रहे नड्डा
जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 में पटना, बिहार में हुआ था. नड्डा मूलरूप से हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखते है. इनके पिता नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और बाद में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति बने. जेपी नड्डा की शुरुआती शिक्षा बिहार में हुई और स्नातक पटना विश्वविद्यालय से पूरी की. एलएलबी की पढ़ाई करते हुए हिमाचल विश्वविद्यालय में एबीवीपी से छात्र संघ के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने. एक तरह से एबीवीपी का बूटा ही नड्डा ने एचपीयू कैंपस में लगाया. 1993 में पहली बार बिलासपुर से विधायक चुने गए और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए. 1998 से 2003 में भी बिलासपुर सदर से विधायक चुनकर आए। प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री के अलावा, केंद्र में भी मोदी सरकार में मंत्री रहे.
राज्यसभा के लिए चुने गए
जिस तरह से जगत प्रकाश नड्डा ने बीजेपी पार्टी के लिए काम किया. उसे देखते हुए पार्टी ने साल 2012 में उन्हें हिमाचल प्रदेश की ओर से राज्यसभा में भेजा और इस समय वो राज्यसभा के सांसद के रूप में कामकर रहे हैं. इसके अलावा वो परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर बनी समिति के सदस्य भी रहे हैं.
कई देशों का किया दौरा
नड्डा ने कई देशों का दौरा भी किया है. जिनमें अमेरिका, कोस्टा रिका, कतर, कनाडा, ग्रीस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के नाम शामिल है. इन देशों में जाकर जेपी नड्डा ने यहां पर किए जाने वाले चुनाव प्रक्रिया, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और इत्यादि चीजों का अध्ययन किया.
कैबिनेट में मिली जगह पर हुआ था विवाद
जगत प्रकाश नड्डा को 2014 में मोदी की ओर से उनकी कैबिनेट में बतौर मंत्री चुना. नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की बागडोर सौंप भी दी. जेपी नड्डा से पहले इस मंत्रालय को संभालने की पूरी जिम्मेदारी डॉ. हर्ष वर्धन के पास थी. वहीं, नड्डा को सरकार की ओर सेदी गई ये नई जिम्मेदारी को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. जहां डॉ. हर्ष वर्धन को बीजेपी के इस फैसले से काफी धक्का लगा था वहीं, आम आदमी पार्टी ने मोदी के इस फैसले पर कई सवाल उठाए थे. आम आदमी पार्टी का आरोप था कि एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को हटाने के पीछे नड्डा का हाथ था. गौरतलब है कि चतुर्वेदी ने एम्स के शीर्ष अधिकारियों से जुड़े घोटालों में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. जिसके बाद नड्डा ने हर्ष वर्धन को हटाने की सिफारिश की थी.
एनईईटी परीक्षा पर हुआ विवाद
साल 2016 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की ओर सेएनईईटी परीक्षा पर लिए गए एक फैसले को लेकर काफी हंगामा हुआ था. दरअसल सरकार की ओर सेबनाए गए एनईईटी परीक्षा से जुड़े एक अध्यादेश के मुताबिक सभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और संस्थान को एनईईटी के दायरे के अंतर्गत लिया गया था. जिसका काफी विरोध हुआ था.
जेपी नड्डा की उपलब्धियां
नड्डा ने अपनी पढ़ाई के दिनों में दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय जूनियर स्विमिंग चैम्पियनशिप में बिहार राज्य की ओर से प्रतिनिधित्व किया था. जेपी नड्डा को विश्व तंबाकू नियंत्रण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से विशेष मान्यता पुरस्कार प्राप्त हो चुका है.
हिमाचल यूनिवर्सिटी में एबीवीपी से पहले छात्र संघ अध्यक्ष रहे नड्डा
जेपी नड्डा ने छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया था. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में एबीवीपी से वे पहले छात्र संघ अध्यक्ष बने थे. जेपी नड्डा वर्ष 1977 से लेकर वर्ष 1990 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में अहम पदों पर रहे. नड्डा ने वर्ष 1989 में भ्रष्टाचार के खिलाफ 45 दिन की जेल यात्रा भी झेली है. वर्ष 1989 में देश में आम चुनाव में जेपी नड्डा को भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रभारी बनाया. महज 31 साल की आयु में ही जेपी नड्डा वर्ष 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने थे. फिर वे हिमाचल की चुनावी राजनीति में सक्रिय हुए और 1993 में बिलासपुर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने.
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