बिलासपुर: बिलासपुर जिले में कांग्रेस लगातार पिछड़ती नजर आ रही है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद भी जिला परिषद बिलासपुर की अध्यक्ष सीट पर भाजपा ने जीत हासिल कर ली. इससे पहले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था तो वहीं अब जिला परिषद की सीट भी हारने से कांग्रेस बिलासपुर जिला में पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है. दरअसल, मंगलवार को जिला परिषद अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था. जिसमें कांग्रेस समर्थित शालू और भाजपा की विमला को 7-7 वोट मिले. इसके बाद वोट बराबर होने के चलते पर्ची के माध्यम से इसका नतीजा निकाला गया, जिसमें भाजपा समर्थित विमला जीत गई. ऐसे में जिला परिषद बिलासपुर अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा का कब्जा बरकार रहा है. बिलासपुर सदर विस क्षेत्र के कुठेड़ा वार्ड की सदस्य विमला देवी जिला परिषद अध्यक्ष बनी हैं.
दोनों को मिले थे 7-7 वोट: जानकारी के अनुसार, मंगलवार को आयोजित जिला परिषद के अध्यक्ष के चुनाव के दौरान शुरू में तीन सदस्यों ने नामांकन दाखिल किया. जिसमें बिमला देवी, प्रोमिला बसु और शालू रणावत शामिल रही. नामांकन के थोड़ी देर बाद ही प्रोमिला ने नाम वापस ले लिया. जिसके बाद सीधा मुकाबला बिमला देवी और शालू के बीच हुआ. मतदान में सभी 14 सदस्यों ने भाग लिया. मतदान के बाद पीठासीन अधिकारी ने नतीजा घोषित किया. जिसमें शालू और विमला दोनो को 7-7 वोट मिले. मतदान के बेनतीजा होने के बाद पीठासीन अधिकारी ने नियमानुसार पर्ची के द्वारा विमला देवी को जिला परिषद अध्यक्षा घोषित कर दिया.
जिले में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका: गौरतलब है कि बिलासपुर जिला में कांग्रेस को एक और झटका लगने से कहीं न कहीं कांग्रेस अंदर से कमजोर भी साबित हो रही है. वहीं, इससे पहले भी जिला परिषद की अध्यक्ष की सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा है. ऐसे में कहीं न कहीं जिला कांग्रेस को उम्मीद थी कि इस बार प्रदेश में कांगेस की सरकार होने के चलते बिलासपुर में वह जिला परिषद की सीट पर अपनी जीत हासिल कर लेंगे लेकिन यह नहीं हो पाया. कहीं न कहीं बिलासपुर जिले की बात करें तो सरकार कांग्रेस की होने के बावजूद भी बिलासपुर में भाजपा के विधायक और अब भाजपा के ही जिला परिषद अध्यक्ष होने से भाजपा और मजबूत होती नजर आ रही है.
ये भी पढ़ें: BILASPUR NEWS: सोलधा पंचायत में सामने आई बड़ी धांधली, पूर्व पंचायत प्रधान के खिलाफ बीडीओ का सख्त एक्शन