बिलासपुर: कोरोना महामारी के कारण पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगाया था. जिसकी वजह से प्रदेश में उद्योग, धंधों के साथ-साथ सरकारी और निजी बसों का संचालन भी बंद कर दिया गया था. लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद हिमाचल में करीब 72 दिनों के बाद एचआरटीसी बसों का संचालन शुरू हो गया है. लेकिन कोरोना वायरस के खौफ के बीच लोग अभी भी घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिसका असर एचआरटीसी के राजस्व पर साफ नजर आ रहा है.
सामान्य दिनों में पांच से छह लाख का राजस्व इकट्ठा करने वाली बिलासपुर एचआरटीसी भी कोरोना महामारी की दंश झेल रही है. बसों के संचालन शुरू हुए चार दिन हो गए हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने दिनों में एचआरटीसी ने महज डेढ़ से दो लाख का राजस्व ही इकट्ठा किया है. कई रूटों पर बसों का संचालन बंद होने के कारण एचआरटीसी ने अपने 150 चालक, परिचालकों को घर भेजा दिया है. सेवाएं दोबारा शुरू होने पर उन्हें कॉल कर के बुलाए जाने की बात कही गई है.
एचआरटीसी के अधिकारियों के मुताबिक बसों में सवारियां नहीं मिलने से काफी घाया उठाना पड़ रहा है. यहां तक कि कई रूटों पर चलने वाली बसों के डीजल का भी पैसा नहीं निकल पा रहा है. लोग अब भी डरे हुए हैं और बसों में सफर करने से बच रहे हैं.
वहीं, बिलासपुर एचआरटीसी के आरएम मेहर सिंह का कहना है कि पहले दिन करीब 80 रूटों पर बस का संचालन शुरू किया गया था. 20 से 25 रूटों पर बसों को बंद कर दिया गया है. शुरुआती तीन दिनों में करीब 40 से 45 रूटों पर बस का संचालन शुरू किया गया था, अंतिन दिन तक करीब 80 से 85 रूटों पर बसें चलना शुरू हो गई थी. लेकिन इनमें 20 से 25 रूट पर सवारियां न के बराबर मिल रही हैं, जिसकी वजह से इन रूटों पर बसों के संचालन रोक दिए गए हैं. भविष्य में इन रूटों पर सवारियां बढ़ीं तो बसों का संचालन फिर से शुरू किया जाएगा.