हैदराबाद : कारगिल वार (1999) में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित फिल्म 'शेरशाह' आज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गई. फिल्म की टीम ने शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की पूरी फैमिली को एक साथ बैठाकर यह फिल्म दिखाई. विक्रम की शहादत पर फिल्म देख पूरा परिवार खूब रोया और अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दी. फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का किरदार निभाया है.
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सिद्धार्थ ने शेयर किया वीडियो
सिद्धार्थ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की फैमिली की झलक देखने को मिल रही है. साथ ही विक्रम बत्रा के साथ के और उनके सीनियर ऑफिसर भी यह फिल्म देखने पहुंचे थे. वहीं, इनमें वो गेस्ट भी शामिल थे, जिन्होंने शहीद कैप्टन के साथ दुश्मनों से जंग में लोहा लिया था.
सिद्धार्थ ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें फिल्म देख विक्रम बत्रा का परिवार रो रहा है. एक बार फिर बत्रा परिवार की यादें ताजा हो गई हैं, जो गर्व महसूस कराने के साथ-साथ आंखों को गमगीन भी कर गईं.
वीडियो में विक्रम के भाई विशाल भी हैं, जिन्होंने फिल्म की खूब तारीफ की है. विशाल ने कहा कि सिद्धार्थ को देखने के बाद उन्हें उनके भाई विक्रम याद आती है.
वहीं, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता ने फिल्म देखने के बाद कहा कि सिद्धार्थ और कियारा की जोड़ी अच्छी लगी और दोनों ने खूब मेहनत की है, जो बातें हमने सुनी, जाना और पढ़ा था और विक्रम ने जो वहां किया हमें लाइव शो की तरह देखने को मिला. वहीं, नम आंखों से विक्रम की मां ने बेटे के लिए कहा, ' हमें अपने बेटे विक्रम बत्रा और शेरशाह पर नाज है.'
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की शहादत की कहानी
पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल वार (1999) में महज 25 साल की उम्र में कैप्टन विक्रम बत्रा दुश्मनों से लोहा लेते-लेते शहीद हो गए थे. कैप्टन विक्रम बत्रा को जंग में शहीद होने के उपरांत परमवीर चक्र से नवाजा गया था. बता दें, विक्रम को फौज में शेरशाह के नाम से जाना जाता था, जिस पर फिल्म का नाम रखा गया है.
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के देशभक्ति बोल
विक्रम बत्रा जंग के मैदान में अपने साथियों से यह कहते रहते थे कि 'यह दिल मांगे मोर'. फिल्म में उनके कई डायलॉग्स का भी इस्तेमाल किया गया है, जिनमें 'तिरंगा लहराकर आऊंगा या तिरंगे में लिपटकर आऊंगा लेकिन आऊंगा जरूर.' 'एक फौजी के रुतबे से बड़ा कोई रुतबा नहीं होता है, अपने देश से बड़ा कोई धर्म नहीं होता'. 'हर फौजी का एक सपना होता है कि कम से कम एक बार वॉर में जाने का मौका मिले.' देश के लिए मर-मिटने के लिए जुनून पैदा करने वाले जैसे डायलॉग शामिल हैं.
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