इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने शनिवार को राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी की सुप्रीम कोर्ट विधेयक, 2023 को अहस्ताक्षरित लौटाने के लिए आलोचना की और उन्हें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का कार्यकर्ता कहा. पाकिस्तान के पीएम ने संसद द्वारा पारित उच्चतम न्यायालय से जुड़े एक विधेयक को राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी द्वारा बगैर हस्ताक्षर के लौटाने के फैसले को अनुचित करार दिया. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
वहीं, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इस विधेयक की आलोचना की है. इस विधेयक को न्यायपालिका पर हमला करार दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने कार्यों के माध्यम से अपने कार्यालय को नीचा दिखाया है क्योंकि वह 'संविधान और अपने कार्यालय की मांगों से अधिक इमरान नियाज़ी के प्रति समर्पित हैं.'
शाहबाज़ शरीफ ने कहा कि अपने कार्यों से राष्ट्रपति की गरिमा को ठेस पहुंचाया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को निभाने के बजाय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के इशारे पर काम करते हैं. वह इमरान नियाजी के प्रति समर्पित है.' इस बिल को पिछले महीने संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दे दी थी और पंजाब और खैबर पख्तूनख में चुनावों को लेकर देश में गहराते राजनीतिक और संवैधानिक संकट के बीच राष्ट्रपति के पास सहमति के लिए भेजा गया था.
राष्ट्रपति ने संविधान के तहत इस विधेयक को पुनर्विचार के लिए लौटाया. राष्ट्रपति ने इसमें कई कमियां भी बताई हैं. राष्ट्रपति ने इस संबंध में शहबाज शरीफ को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने इस विधेयक की वैधता के बारे में पुनर्विचार करने को कहा. राष्ट्रपति ने पिछले साल अप्रैल में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की सरकार के गठन के बाद से बिल लौटाए और पीएम शहबाज सहित संघीय कैबिनेट के कई सदस्यों को शपथ दिलाने से भी इनकार कर दिया. अल्वी ने पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान से सेना प्रमुख की नियुक्ति सहित कई महत्वपूर्ण मामलों पर सलाह मांगी है, जिन्हें पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया था.
(एएनआई)