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रूस यूक्रेन युद्ध: खारकीव में रूसी सेना ने गैस पाइपलाइन उड़ाई

रूस की सेना ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में एक गैस पाइपलाइन बम धमाके से उड़ा दी है. बताया जा रहा है की इस विस्फोट से पर्यावरणीय आपदा आ सकती है.

Russian military blows up gas pipeline
रूसी सेना ने गैस पाइपलाइन उड़ायी
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Published : Feb 27, 2022, 9:42 AM IST

कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि रूस की सेना ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में बम धमाके से एक गैस पाइपलाइन उड़ा दी है. स्टेट सर्विस ऑफ स्पेशल कम्युनिकेशन एंड इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन ने आगाह किया कि इस विस्फोट से पर्यावरणीय आपदा भी आ सकती है. इसके साथ ही यहां के निवासियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी खिड़कियों को गीले कपड़ों से ढक दें और काफी मात्रा में तरल पदार्थ पिएं.

बताया जा रहा है कि इस विस्फोट का धुआं मशरूम की तरह लग रहा था. यूक्रेन की शीर्ष अभियोजक इरिना वेनेदिकतोवा ने कहा कि रूसी सेना खारकीव पर कब्जा नहीं कर पाई है और वहां भीषण लड़ाई चल रही है. करीब 15 लाख लोगों की आबादी वाला खारकीव, रूसी सीमा से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Ukraine President Volodymyr Zelensky) ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister narendra modi) से फोन पर बात की है. इस दौरान उन्होंने रूस के सैनिक आक्रमण को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत से राजनीतिक समर्थन मांगा. प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेलीफोन पर यह बातचीत यूएनएससी में अमेरिका के उस प्रस्ताव पर हुए मतदान से भारत के अलग रहने के कुछ घंटों बाद हुई, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस के 'आक्रामक बर्ताव' की 'कड़ी शब्दों में निंदा' की गई थी.

जेलेंस्की ने एक ट्वीट में कहा, 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बात की. यूक्रेन द्वारा रूसी आक्रमण का मुकाबला करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया.' उन्होंने कहा, 'हमारी जमीन पर एक लाख से अधिक आक्रमणकारी हैं. वे आवासीय इमारतों पर अंधाधुंध गोलाबारी कर रहे हैं. भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमें राजनीतिक समर्थन देने का आग्रह किया गया. एक साथ मिलकर हमलावरों को रोकते हैं.'

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बात करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के लिए भारत का समर्थन मांगने के एक दिन बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया. टेलीफोन पर हुई बातचीत में, कुलेबा ने जयशंकर से आग्रह किया था कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर समर्थन देने के अलावा रूस पर भारत के प्रभाव का इस्तेमाल कर 'सैन्य आक्रमण' को रोकने का प्रयास करें.

यह भी पढ़ें-रूस की जिद के पीछे क्या है कारण, वह क्यों अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करने वाला? जानें विशेषज्ञ की राय

कुलेबा ने एक ट्वीट में कहा था कि उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह रूस के साथ संबंधों में अपने प्रभाव के जरिये यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को समाप्त करने का प्रयास करे. उन्होंने कहा था, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत से आग्रह किया कि वह यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए आज के मसौदा प्रस्ताव का समर्थन करे.' पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में शुक्रवार दोपहर अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ. इसे ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, जर्मनी, इटली, सहित संयुक्त राष्ट्र के 67 सदस्य देशों के एक 'क्रॉस रीजनल' समूह ने सह प्रस्तावित किया था.

(पीटीआई-भाषा)

कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि रूस की सेना ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में बम धमाके से एक गैस पाइपलाइन उड़ा दी है. स्टेट सर्विस ऑफ स्पेशल कम्युनिकेशन एंड इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन ने आगाह किया कि इस विस्फोट से पर्यावरणीय आपदा भी आ सकती है. इसके साथ ही यहां के निवासियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी खिड़कियों को गीले कपड़ों से ढक दें और काफी मात्रा में तरल पदार्थ पिएं.

बताया जा रहा है कि इस विस्फोट का धुआं मशरूम की तरह लग रहा था. यूक्रेन की शीर्ष अभियोजक इरिना वेनेदिकतोवा ने कहा कि रूसी सेना खारकीव पर कब्जा नहीं कर पाई है और वहां भीषण लड़ाई चल रही है. करीब 15 लाख लोगों की आबादी वाला खारकीव, रूसी सीमा से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Ukraine President Volodymyr Zelensky) ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister narendra modi) से फोन पर बात की है. इस दौरान उन्होंने रूस के सैनिक आक्रमण को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत से राजनीतिक समर्थन मांगा. प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेलीफोन पर यह बातचीत यूएनएससी में अमेरिका के उस प्रस्ताव पर हुए मतदान से भारत के अलग रहने के कुछ घंटों बाद हुई, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस के 'आक्रामक बर्ताव' की 'कड़ी शब्दों में निंदा' की गई थी.

जेलेंस्की ने एक ट्वीट में कहा, 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बात की. यूक्रेन द्वारा रूसी आक्रमण का मुकाबला करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया.' उन्होंने कहा, 'हमारी जमीन पर एक लाख से अधिक आक्रमणकारी हैं. वे आवासीय इमारतों पर अंधाधुंध गोलाबारी कर रहे हैं. भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमें राजनीतिक समर्थन देने का आग्रह किया गया. एक साथ मिलकर हमलावरों को रोकते हैं.'

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बात करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के लिए भारत का समर्थन मांगने के एक दिन बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया. टेलीफोन पर हुई बातचीत में, कुलेबा ने जयशंकर से आग्रह किया था कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर समर्थन देने के अलावा रूस पर भारत के प्रभाव का इस्तेमाल कर 'सैन्य आक्रमण' को रोकने का प्रयास करें.

यह भी पढ़ें-रूस की जिद के पीछे क्या है कारण, वह क्यों अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करने वाला? जानें विशेषज्ञ की राय

कुलेबा ने एक ट्वीट में कहा था कि उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह रूस के साथ संबंधों में अपने प्रभाव के जरिये यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को समाप्त करने का प्रयास करे. उन्होंने कहा था, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत से आग्रह किया कि वह यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए आज के मसौदा प्रस्ताव का समर्थन करे.' पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में शुक्रवार दोपहर अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ. इसे ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, जर्मनी, इटली, सहित संयुक्त राष्ट्र के 67 सदस्य देशों के एक 'क्रॉस रीजनल' समूह ने सह प्रस्तावित किया था.

(पीटीआई-भाषा)

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